Author : Caitriona Heinl

Expert Speak Raisina Debates
Published on Mar 11, 2023 Updated 0 Hours ago

उम्मीद की जा रही है कि इससे अंतरिक्ष प्रणालियों की साइबर सुरक्षा सुधारने, स्पेक्ट्रम तक दक्ष तरीक़े से पहुंच सुनिश्चित करने और अंतरिक्ष उद्योग के समूचे आधार में आपूर्ति श्रृंखला को मज़बूत बनाने में मदद मिलेगी. अंतरिक्ष और अंतरिक्ष रोधी ख़तरों की गुंजाइश और पैमाने बढ़ते जा रहे हैं. 

सुरक्षा और प्रतिरक्षा के अखाड़े में तब्दील होता बाहरी अंतरिक्ष: साइबर रुकावटें और उनके सामरिक सबक़

ये लेख हमारी पत्रिका रायसीना फ़ाइल्स 2023 का एक अध्याय है.


हाल के वर्षों में दुनिया के ज़्यादा से ज़्यादा देश बाहरी अंतरिक्ष को अपनी सुरक्षा और प्रतिरक्षा नीति के नाज़ुक एजेंडे की मुख्यधारा में जोड़ने लगे हैं. फ़रवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी हमले के दिन हुए साइबर हमले का ठीकरा सार्वजनिक रूप से रूस पर फोड़ा गया था. इस हमले के चलते संचार प्रणाली ठप पड़ गई थी, जिससे अंतरिक्ष की सामरिक सुरक्षा और प्रतिरक्षा से जुड़े पहलुओं पर दुनिया का ध्यान गया था. उसी वक़्त इसे "आंखें खोलने वाली" हरकत बताया गया था.[1]

इस हमले के चलते अमेरिकी संचार कंपनी वायसेट द्वारा अपने KA-SAT सैटेलाइट नेटवर्क के साथ संचार की क्षमता बाधित हो गई. ये कंपनी ना सिर्फ़ यूक्रेन बल्कि यूरोप के दूसरे हिस्सों के नागरिकों को भी इंटरनेट मुहैया कराती है.[2] साफ़ तौर पर इस हरकत के पीछे यूक्रेनी कमांड और कंट्रोल को बाधित करने का मक़सद था. हालांकि वाणिज्यिक उपग्रह संचार नेटवर्कों के ख़िलाफ़ इस तरह के हमलों से यूरोप के अन्य देशों पर भी कुप्रभाव हुआ.

संघर्ष के दौरान यूक्रेन की असैनिक आबादी को भरोसेमंद सूचनाएं संग्रहित करने से रोक दिया गया. संघर्ष क्षेत्र से बाहर इसका प्रभाव पसरने के चलते यूरोपीय संघ के नागरिकों पर भी इसका असर पड़ा.

ये घटनाक्रम ख़ासतौर से ध्यान देने वाला है क्योंकि इससे सरकार और सैन्य ठिकानों पर प्रभाव पड़ सकता था. इस हरकत ने असैनिक ठिकानों, यूक्रेनी आबादी और संघर्ष क्षेत्र के दायरे से बाहर यूरोप के दूसरे हिस्सों पर भी असर डाला.[3] इसने संचार प्रणालियों पर कुप्रभाव डाला, इंटरनेट तक पहुंच को नुक़सान पहुंचाया और ऊर्जा से जुड़े बुनियादी ढांचे (मुख्य रूप से जर्मनी की पवन चक्कियों को) को बाधित कर दिया. संघर्ष के दौरान यूक्रेन की असैनिक आबादी को भरोसेमंद सूचनाएं संग्रहित करने से रोक दिया गया. संघर्ष क्षेत्र से बाहर इसका प्रभाव पसरने के चलते यूरोपीय संघ के नागरिकों पर भी इसका असर पड़ा.[4] मई 2022 में एलन मस्क ने ट्वीट कर बताया था कि भले ही स्पेसएक्स के स्टारलिंक उपग्रहों ने अब तक रूस द्वारा किए जा रहे हैकिंग के प्रयासों का प्रतिरोध किया लेकिन इस तरह की हरकतें लगातार बढ़ती जा रही थी.[5]

शांति काल और संघर्ष के दौरान अंतरिक्ष-आधारित कनेक्टिविटी को सुरक्षित बनाने की तेज़ होती क़वायद

बहरहाल, इन घटनाओं और भड़काऊ हरकतों के बावजूद इस बात की तस्दीक़ हो चुकी है कि अंतरिक्ष और साइबर से जुड़े दायरे लगातार अहम होते जा रहे हैं. हक़ीक़त ये है कि यूक्रेन पर हमले से पहले भी अंतरिक्ष से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को अहम बुनियादी ढांचे के तौर पर मान्यता देने की कोशिशें शुरू हो चुकी थी ताकि इसकी मज़बूती बढ़ सके और कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो सके. यूक्रेन युद्ध से पहले ऐसा ही उदाहरण देखने को मिला, जब 2020 में यूरोपीय आयोग ने नाज़ुक इकाइयों की मज़बूती पर एक दिशा निर्देश का प्रस्ताव रखा था. इसका मक़सद कमज़ोरियों में कमी लाते हुए नाज़ुक इकाइयों या बुनियादी ढांचे के लचीलेपन को मज़बूत करना है. चिन्हित किए गए 10 क्षेत्रों में इस क़वायद को अंजाम दिए जाने की बात कही गई थी, जिनमें डिजिटल इंफ़्रास्ट्रक्चर और अंतरिक्ष शामिल हैं.

आज पुख़्ता तौर पर इस बात के प्रमाण मौजूद है कि शत्रुओं को अंतरिक्ष के दायरे का इस्तेमाल करने से रोकना किस प्रकार आधुनिक युद्ध कला का हिस्सा बन चुका है. यूरोपीय संघ फ़िलहाल इस सिलसिले में दो ज्वलंत सवाल उठा रहा है: (1) यूरोपीय संघ में नाज़ुक बुनियादी ढांचे के कितने हिस्से अंतरिक्ष सेवाओं पर निर्भर करते हैं?; और (2) इन परिसंपत्तियों और सेवाओं की कितनी बेहतर तरीक़े से हिफ़ाज़त हो रही है?[6] EU के भीतर अब भी इन तमाम अहम सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं. बहरहाल पिछले साल की घटनाओं से सबक़ लेने की कोशिश कर रहे सभी राष्ट्रों के लिए ये प्रासंगिक हैं, ताकि वो अपनी भावी रणनीतियां तय कर सकें. साइबर दुनिया से जुड़ी अन्य चिंताजनक हरकतों में उपग्रहों को कक्षा से भटकाना, ज़मीनी बुनियादी ढांचे को कमज़ोर करना और उपग्रह नियंत्रण प्रणालियों को बाधित करने जैसी क्रियाएं शामिल हैं. जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने हाल ही में ब्यौरा देते हुए कहा था कि यूक्रेन पर रूस की चढ़ाई के बाद से वहां के अधिकारी यूक्रेन के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों द्वारा अपनाए जा रहे बचावकारी उपायों का अध्ययन कर रहे हैं. यूक्रेनी अधिकारी देशवासियों को ऑनलाइन रखने के लिए स्टारलिंक के वाणिज्यिक टर्मिनल्स की तैनाती कर रहे हैं. साथ ही ऊर्जा प्रणालियों पर हमलों से निपटने के लिए उनके द्वारा अपनाए गए तौर-तरीक़ों पर भी ग़ौर किया जा रहा है.[7]

जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने हाल ही में ब्यौरा देते हुए कहा था कि यूक्रेन पर रूस की चढ़ाई के बाद से वहां के अधिकारी यूक्रेन के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों द्वारा अपनाए जा रहे बचावकारी उपायों का अध्ययन कर रहे हैं.

दूसरे शब्दों में ज़्यादा लोचदार बुनियादी ढांचे से साइबर हमला होने की सूरत में कनेक्टिविटी को बरक़रार रख पाने में एक हद तक कामयाबी मिलेगी. वायसेट हमले के बाद व्यावहारिक तौर पर कुछ क़दम उठाए गए. इस सूची में अमेरिका की साइबर सुरक्षा और बुनियादी ढांचा सुरक्षा एजेंसी द्वारा जारी एडवाइज़री भी शामिल है. इसमें उपग्रह संचालकों से सतर्क रहने को कहा गया. सभी संगठनों को शैतानी साइबर हरकतों की रिपोर्टिंग करने और उनसे जुड़े तमाम संकेतकों को गंभीरतापूर्वक साझा करने की नसीहत दी गई है.[8] सैटेलाइट उद्योग संघ ने "साइबर सुरक्षा के बेहतरीन अभ्यासों के प्रति प्रतिबद्धता" जताने वाला बयान जारी करते हुए "अपराधियों, आतंकवादियों और राष्ट्र राज्यों द्वारा बढ़ते हमलों" पर चिंता ज़ाहिर की. बताया जाता है कि सैटेलाइट नेटवर्कों का लचीलापन अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के लिए बड़ी चिंता का सबब बनता जा रहा है.[9] अमेरिकी अंतरिक्ष बल ने सेना की सहायता करने वाले वाणिज्यिक सैटकॉम नेटवर्कों की साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी एक कार्यक्रम की शुरुआत की है.[10]

यूक्रेन में युद्ध के चलते कई और उल्लेखनीय घटनाक्रम सामने आए हैं. उपग्रहों की कमज़ोरियों के बारे में बढ़ती जागरूकता के चलते अंतरिक्ष उद्योग में साइबर सुरक्षा मानकों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. मिसाल के तौर पर कुछ विशेषज्ञों का विचार है कि सूचना सुरक्षा पर जर्मनी के संघीय कार्यालय द्वारा उपग्रहों को लेकर जारी किए गए दिशा निर्देश, अंतरिक्ष उद्योग को लेकर व्यापक रूप से यूरोपीय या अंतरराष्ट्रीय साइबर सुरक्षा मानकों के लिए मॉडल का काम कर सकते हैं. इस उद्योग के विस्तार और वाणिज्यिक सॉफ्टवेयर का प्रयोग शुरू होने के मद्देनजर ऐसी क़वायद की वक़ालत की जा रही है.[11] अमेरिका, जापान, चीन, कनाडा, जर्मनी और इटली जैसे देशों के अंतरिक्ष संगठनों के बीच साइबर सुरक्षा से जुड़ी अन्य परिचर्चाएं जारी हैं. अंतरिक्ष डेटा प्रणाली पर सलाहकार समिति के ज़रिए इस तरह की वार्ताओं को अंजाम दिया जा रहा है.[12] अंतरिक्ष सूचना विश्लेषण और आदान-प्रदान केंद्र भी साइबर ख़तरों के बारे में सूचनाओं के आदान-प्रदान को आसान बनाता है. दरअसल उपग्रह उद्योग के बढ़ते वाणिज्यीकरण के साथ-साथ साइबर ख़तरे भी सामने आते जा रहे हैं, ऐसे में सूचनाओं को साझा करने की क़वायद और अहम हो जाती है.[13]

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के एक साल बाद विदेश मामलों और सुरक्षा नीति पर यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि जोसेफ बोरेल, अंतरिक्ष से जुड़े सुरक्षा और प्रतिरक्षा पहलुओं पर ज़ोर देते दिखाई दे रहे हैं. उनकी दलील है कि दूसरे क़दमों के साथ-साथ कई और उपाय किए जाने की ज़रूरत है. इनमें (1) अंतरिक्ष से जुड़े ख़तरों की सामान्य समझ में सुधार लाना, अंतरिक्ष-आधारित जोख़िमों, ख़तरों और कमज़ोरियों के विश्लेषण की क्षमता को मज़बूत करना और प्रतिस्पर्धियों की अंतरिक्ष-रोधी क्षमताओं और इरादों की बेहतर समझ विकसित करना; और (2) अंतरिक्ष से संबंधित बुनियादी ढांचे की हिफ़ाज़त पर ज़ोर देते हुए आपूर्ति श्रृंखला के बचाव करने जैसे उपायों के ज़रिए उसे पहले से ज़्यादा लोचदार बनाना; शामिल हैं.[14]

अंतरिक्ष की सामरिक सुरक्षा और प्रतिरक्षा से जुड़े पहलुओं की वैश्विक स्तर पर दोबारा समीक्षा: यूक्रेन युद्ध से पहले और बाद, एक ज़रूरी क़वायद

अंतरिक्ष-आधारित सुरक्षित कनेक्टिविटी और अंतरिक्ष से जुड़े बुनियादी ढांचे की मज़बूती के स्तर को ऊंचा उठाने की ज़रूरत को लेकर जागरूकता बढ़ गई है. राज्यसत्ताएं भी अंतरिक्ष की सामरिक सुरक्षा और प्रतिरक्षा से जुड़े पहलुओं की नए सिरे से पड़ताल करने लगी हैं. ऐसे पुनर्विचार को दर्शाने वाली तमाम राष्ट्रीय रणनीतियों का हाल ही में ख़ुलासा किया गया है और कई अब भी निर्माण की प्रक्रिया से गुज़र रही हैं.

मिसाल के तौर पर अमेरिकी सरकार ने दिसंबर 2021 में ‘व्हाइट हाउस अमेरिकी अंतरिक्ष प्राथमिकता ढांचा’ जारी किया. इस दस्तावेज़ में बताया गया है कि तेज़ी से फैलते अंतरिक्ष गतिविधियों वाले मौजूदा ऐतिहासिक लम्हे में वैश्विक अंतरिक्ष प्रशासन के साथ-साथ संरक्षित और सुरक्षित अंतरिक्ष कार्रवाइयों के सामने नई चुनौतियां उभरकर सामने आ रही हैं.[15] अमेरिका अपने अंतरिक्ष क्षेत्रों (राष्ट्रीय सुरक्षा समेत) को बढ़ावा देने का इरादा रखता है क्योंकि इस दायरे में राष्ट्रीय सुरक्षा और संकट से निपटने की क्षमता जुड़ी होती है. साथ ही अंतरिक्ष से जुड़ी क्षमताएं सेना की ताक़त में भी इज़ाफ़ा करती हैं. लिहाज़ा अमेरिका अंतरिक्ष से संबंधित नाज़ुक बुनियादी ढांचे की हिफ़ाज़त का इरादा रखता है. साथ ही अपने अंतरिक्ष उद्योग आधार की सुरक्षा को मज़बूत बनाना चाहता है. इस कड़ी में ख़ासतौर से वाणिज्यिक अंतरिक्ष उद्योग और अन्य ग़ैर-सरकारी अंतरिक्ष डेवलपर्स और ऑपरेटर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के लक्ष्य पर ज़ोर दिया गया है. उम्मीद की जा रही है कि इससे अंतरिक्ष प्रणालियों की साइबर सुरक्षा सुधारने, स्पेक्ट्रम तक दक्ष तरीक़े से पहुंच सुनिश्चित करने और अंतरिक्ष उद्योग के समूचे आधार में आपूर्ति श्रृंखला को मज़बूत बनाने में मदद मिलेगी. अंतरिक्ष और अंतरिक्ष रोधी ख़तरों की गुंजाइश और पैमाने बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में अमेरिका इन चुनौतियों से अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के बचाव करने पर भी ज़ोर लगा रहा है. इस कड़ी में कहा गया है कि “प्रतिस्पर्धी राष्ट्रों के सैन्य सिद्धांतों में अंतरिक्ष को आधुनिक युद्ध कला के लिहाज़ से अहम बताया गया है. इनमें अंतरिक्ष-रोधी क्षमताओं के इस्तेमाल को अमेरिकी सेना के प्रभाव को कम करने और भविष्य में होने वाले युद्धों में विजय प्राप्त करने के साधन के तौर पर देखा गया है.”[16] लिहाज़ा राष्ट्रीय सुरक्षा दायरे से जुड़े रुख़ में साइबर और अन्य साधनों से लचीलेपन को मज़बूत करने की क़वायद की सामरिक स्थिरता में योगदान देने वाले कारक के तौर पर व्याख्या की जाती है.

यूक्रेन पर रूस द्वार धावा बोले जाने के चार दिनों पहले अपने स्तर पर यूरोपीय संघ (EU) ने यूरोपियन एक्सटर्नल एक्शन सर्विस पर लेख का प्रकाशन किया था. उच्च प्रतिनिधि के ज़रिए प्रकाशित इस लेख में “प्रतिरक्षा” की पारंपरिक समझ में हो रहे उभार को रेखांकित किया गया. लेख में बताया गया था कि अब इस क़वायद में साइबर और बाहरी अंतरिक्ष से जुड़े दायरे भी जुड़ने लगे हैं.[17] उच्च प्रतिनिधि की व्याख्या के मुताबिक परिपक्व तौर पर अंतरिक्ष के सामरिक दायरे से जुड़ने को देखते हुए यूरोपीय आयोग ने तत्काल प्रतिरक्षा और अंतरिक्ष नीतियों पर कार्य पैकेजों को स्वीकार किया था. ब्योरे में अंतरिक्ष क्षेत्र को “हमारी रोजमर्रा की ज़्यादातर गतिविधियों के अनिवार्य सहायक के तौर पर देखा गया, चाहे वो इंटरनेट हो, दूरसंचार हो या लोगों, जहाज़ों, विमानों या वाहनों का आवागमन हो.”[18] EU की क़वायदों में इस क्षेत्र में यूरोप की सामरिक स्वायत्तता के स्तर को ऊंचा उठाना शामिल होगा. इसके अलावा एक सरकारी, अत्यंत सुरक्षित दूरसंचार सेवा और हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड पहुंच सेवा के ज़रिए यूरोपीय अंतरिक्ष-आधारित सुरक्षित कनेक्टिविटी मुहैया कराने का लक्ष्य है. इसका मक़सद इंटरनेट तक सार्वभौमिक पहुंच उपलब्ध कराकर डिजिटल दरारों में कमी लाना है.[19] यूरोपीय संघ के एजेंडे के एक हिस्से में उसकी सामरिक दशा दिशा के साथ अंतरिक्ष के सुरक्षा और प्रतिरक्षा पहलुओं की पड़ताल करने का काम शामिल है. ये सुरक्षा और प्रतिरक्षा के लिए नाज़ुक प्रौद्योगिकियों के नए रोडमैप से जुड़ा है जिसका मक़सद शोध, विकास और नवाचार के ज़रिए इन क़वायदों में रफ़्तार भरना है. इससे सामरिक निर्भरताओं में कमी लाने का लक्ष्य पूरा हो सकेगा.[20]

बहरहाल, यूनाइटेड किंगडम (UK) की पहली राष्ट्रीय अंतरिक्ष रणनीति और रक्षा अंतरिक्ष रणनीति में राष्ट्र और प्रतिरक्षा के लिए अंतरिक्ष की अहमियत पर ज़ोर दिया गया है. फ़रवरी 2022 में UK के रक्षा सचिव ने व्याख्या करते हुए बताया कि कैसे “रोज़मर्रा की ज़िंदगी अंतरिक्ष पर निर्भर है और सशस्त्र बलों के लिए अंतरिक्ष का क्षेत्र निहायत ज़रूरी, युद्ध में विजय हासिल करने वाली प्रौद्योगिकियाँ साथ लाता है. अंतरिक्ष से हम वैश्विक कमांड और कंट्रोल, संचार, गुप्तचरी, निगरानी और टोही क़वायदों, सटीक नेविगेशन समेत कई अन्य गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं.” शत्रुओं को इस निर्भरता की समझ है और वो इन कमज़ोरियों का फ़ायदा उठाने के लिहाज़ से लगातार सक्षम होते जा रहे हैं जिससे हमारी सामरिक स्थिरता और सुरक्षा को ख़तरा पैदा हो रहा है.”[21] अमेरिका की ही तरह यूनाइटेड किंगडम की सरकार ने भी ज़ोर देकर कहा है कि ये रक्षा क्षेत्र के लिए “बेहद अहम लम्हा” है और इस दिशा में अंतरिक्ष क्षेत्र को बेहद तेज़ गति से क्रियाशील बनाने का लक्ष्य है.[22]

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के एक साल बाद यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि जोसेफ बोरेल भी सख़्ती बरत रहे हैं. उनके मुताबिक “हमारा जीवन लगातार इस बात पर निर्भर करता जा रहा है कि वहां क्या हो रहा है. ना ‘सिर्फ़’ परिवहन क्षेत्र, सूचना प्रौद्योगिकी, संचार या शोध के लिए बल्कि सुरक्षा और प्रतिरक्षा के मुख्य मसलों पर भी.” इतना ही नहीं हम धरती पर जो भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा देखते हैं उसका अंतरिक्ष तक विस्तार हो रहा है, नतीजतन हमारी सुरक्षा के सामने पेश ख़तरों में और बढ़ोतरी हो गई है.[23] उन्होंने दोहराया है कि साइबर दृष्टिकोण से प्रासंगिक पहलुओं का निपटारा करने की क़वायद जारी रखी जानी चाहिए क्योंकि भू राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में किसी तरह की गिरावट आती दिखाई नहीं दे रही है.[24] यूक्रेन युद्ध ने सुरक्षा के संदर्भ में अंतरिक्ष परिसंपत्तियों और सेवाओं की अहम भूमिका को रेखांकित किया है. उपग्रह की तस्वीरें और संचार, यूक्रेनी सशस्त्र बलों और नागरिकों के लिए समान रूप से ‘गेम-चेंजर’ बने हुए हैं क्योंकि इससे सूचनाओं और परिस्थितियों से जुड़ी जागरूकता तक पहुंच मुहैया होती है.[25] दूसरे शब्दों में बोरेल के मुताबिक यूक्रेन के ख़िलाफ़ युद्ध ने यूरोपीय संघ को “अंतरिक्ष समेत सुरक्षा और प्रतिरक्षा में बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन” दिया है और वो फ़िलहाल अंतरिक्ष सुरक्षा और प्रतिरक्षा पर नई रणनीति पर काम कर रहा है जिसके मार्च 2023 में जारी होने की उम्मीद की जा रही है.[26]

अंतरिक्ष के सुरक्षा और प्रतिरक्षा से जुड़े पहलुओं की दोबारा समीक्षा करने वाली यूरोपीय संघ इकलौती इकाई नहीं है. मई 2022 में नाज़ुक और उभरती प्रौद्योगिकी पर अमेरिका-भारत कार्यक्रम पर सहमति हुई थी. इसके बाद जनवरी 2023 में भारत और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की अगुवाई में शुरुआती बैठक हुई. इसमें दोनों देश अपनी प्रौद्योगिकी साझेदारी को गहरा करने पर सहमत हुए. साथ ही अंतरिक्ष जैसे दायरों में दोनों सरकारों, उद्योग और शिक्षा जगत की साझेदारी से नए कार्यक्रमों की शुरुआत पर रज़ामंदी हुई.[27] इसी तरह विश्लेषकों के मुताबिक अंतरिक्ष के दायरे में एशिया प्रशांत में क्षेत्रीय प्रतिद्वंदिता बढ़ गई है. सुरक्षा के नज़रिए से अंतरिक्ष से जुड़ी क्षमताओं से जुड़े घटनाक्रमों और छोटे-छोटे समूहों में सुरक्षा साझेदारी ढांचे की मज़बूती जैसी क़वायदें भी सामने आई हैं. प्रमुख रूप से इन प्रक्रियाओं को अंतरिक्ष और अंतरिक्ष रोधी पहलुओं में चीन की कामयाबियों ने हवा दी है.[28]

भविष्य में प्रसार से जुड़े प्रभावों की रोकथाम: अंतरराष्ट्रीय सर्वसम्मति, राज्यसत्ता के ज़िम्मेदार बर्ताव और भरोसा पैदा करने वाले उपायों के ढांचों का क्रियान्वयन   

यूक्रेन में नाज़ुक बुनियादी ढांचे को रूस द्वारा निशाना बनाया गया. नागरिकों पर उनका प्रभाव पसरने के बाद अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों की धज्जियां उड़ाए जाने की ओर ध्यान दिलाने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए गए हैं. इन करतूतों से नियम-आधारित व्यवस्था कमज़ोर होती है, साथ ही साइबर संसार में राज्यसत्ताओं के ज़िम्मेदार बर्ताव पर तयशुदा मानक ढांचे को तार-तार किए जाने पर भी चिंता जताई गई है. संयुक्त राष्ट्र सरकारी विशेषज्ञों के समूह की सहमति रिपोर्ट के ज़रिए इन ढांचों को सामने रखा गया है. मौजूदा क़वायद से पहले इसके पूर्ववर्ती यूएन ओपन एंडेड वर्किंग (UNOEWG) ने भी इस रिपोर्ट को अनुमोदित किया है. मिसाल के तौर पर दिसंबर 2022 में UN OEWG अंतर-सत्र में जर्मनी की ओर से दिए गए बयानों में ख़ुलासा किया गया है कि जर्मनी और उसके साथियों ने साइबर घटनाओं की ज़िम्मेदारियां तय करने के लिए एक साझा तौर-तरीक़ा अपनाया है. हालिया मसलों में यूक्रेन के ख़िलाफ़ साइबर हमलों का जर्मनी के अहम बुनियादी ढांचों पर पड़ रहे प्रभाव शामिल हैं, जिसे साफ़ तौर से यूक्रेनी ठिकानों पर रूसी साइबर हमलों के साथ जोड़ा जा सकता है.[29] यूरोपीय संघ, यूरोपीय संघ के सदस्य राष्ट्रों के साथ-साथ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम और न्यूज़ीलैंड की ओर से जारी अनेक अन्य बयानों में सार्वजनिक रूप से ऐसी हरकतों का ठीकरा रूस पर फोड़ा गया है. इन देशों ने ज़ोर देकर कहा है कि रूस की ऐसी हरकतें साइबर संसार में राज्यसत्ता के ज़िम्मेदार बर्ताव को लेकर मानक ढांचे का उल्लंघन करती हैं. बहरहाल, जवाबदेही और मानकों के क्रियान्वयन से जुड़ी क़वायदों का अब भी पूरी तरह से निपटारा नहीं हो सका है और इनपर फ़िलहाल वार्ताओं का दौर जारी है. अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों पर कई अन्य ज्वलंत सवाल भी सामने आए हैं. यूक्रेनी अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय से अनुरोध किया है कि रूस की गतिशील सैन्य कार्रवाइयों के समर्थन में रूसी साइबर हमलों की कुछ घटनाओं को युद्ध अपराध माना जा सकता है या नहीं, इसकी जांच की जाए. रूस ने इनके ज़रिए यूक्रेन के नाज़ुक बुनियादी ढांचे और नागरिकों को निशाना बनाया है.[30]

मानक ढांचों और अंतरराष्ट्रीय क़ानून के सामने ऐसी चुनौतियों के साथ-साथ, यूरोपीय अधिकारियों ने आगे बताया है कि Viasat पर हमले के नतीजे के तौर पर उन्होंने कई तरह के सबक़ सीखे हैं: (1) ख़तरों से जुड़ा ये परिदृश्य तेज़ी से उभर रहा है; (2) इनके प्रसार से जुड़े प्रभाव चिंताजनक हैं क्योंकि इसमें ये जोख़िम जुड़ा है कि संघर्ष से सीधे तौर पर जुड़ाव नहीं होने के बावजूद कोई देश इसकी ज़द में आ सकता है; और (3) ख़तरों के प्रसार के ऐसे परिदृश्य के चलते अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों से जुड़े कई प्रश्नों का निर्धारण मुश्किल हो सकता है. मसलन किस हमले को सशस्त्र हमला माना जाए और लक्ष्मण रेखा लांघे जाने की घटनाओं की तस्दीक़ कैसे की जाए.[31] इस संघर्ष से एक और चिंताजनक रुझान सामने आया है. भीतरी रूप से इसके विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं. वो रुझान है- संघर्ष में उलझे दोनों पक्षों द्वारा तथाकथित ‘हैकिंग से जुड़े कार्यकर्ताओं (hacktivist)’ को शामिल किया जाना. इस घटनाक्रम से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. मसलन अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय क़ानून कैसे इस रुझान से निपट सकते हैं. दरअसल अतीत में ऐसे कार्यकर्ता जनसमुदायों द्वारा छेड़े गए आंदोलनों का हिस्सा रहे हैं.[32]

निष्कर्ष के तौर पर इन गंभीर चुनौतियों से कई सवाल मिसाल बनकर खड़े होते हैं. वैश्विक रूप से इस दिशा में और पड़ताल किए जाने की आवश्यकता है ताकि निकट भविष्य में स्थायित्व को बढ़ावा दिया जा सके.

निष्कर्ष के तौर पर इन गंभीर चुनौतियों से कई सवाल मिसाल बनकर खड़े होते हैं. वैश्विक रूप से इस दिशा में और पड़ताल किए जाने की आवश्यकता है ताकि निकट भविष्य में स्थायित्व को बढ़ावा दिया जा सके. इस बीच राज्यसत्ताओं के बीच साइबर तालमेल की व्यावहारिक क़वायदों की शुरुआत की जा सकती है. इससे यथार्थ जीवन के उन परिदृश्यों की खोजबीन की जा सकती है जो अंतरिक्ष से जुड़े अहम बुनियादी ढांचे की हिफ़ाज़त के उपायों के चलते खड़े हुए हैं. साइबर तालमेल पर द्विपक्षीय, क्षेत्रीय/उप-क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर मौजूद अनेक व्यवस्थाओं के ज़रिए इस तरह के जुड़ावों को आगे बढ़ाया जा सकता है. इस कड़ी में यूरोप में सुरक्षा और समन्वय से जुड़े संगठन (OSCE) और आसियान क्षेत्रीय मंच में साइबर मोर्चे पर भरोसा पैदा करने वाले उपायों को लेकर किए जा रहे मौजूदा उपायों की मिसाल दी जा सकती है. इतना ही नहीं, भरोसा पैदा करने वाले उपायों को लेकर UN OEWG के भीतर “खुले, अनौपचारिक और तमाम देशों के क्षेत्रीय समूहों” पर भी UN OEWG के दूसरे सत्र में आयोजन किया गया.[33] इस समूह द्वारा वैश्विक स्तर पर भविष्य में की जाने वाली क़वायदों में इन सवालों का पड़ताल किए जाने की संभावनाएं मौजूद हैं. इस विषय पर राज्यसत्ताओं के बीच सहयोग के अन्य व्यावहारिक उपायों पर भी विचार किया जा सकता है. इनमें प्रासंगिक घटनाओं पर सूचनाओं का आदान-प्रदान और इस दायरे में सामने आने वाले बदलते ख़तरे; बेहतरीन तौर-तरीक़े साझा करना और पुनरीक्षित वैधानिक और नियामक समाधानों के बारे में सूचनाओं का आदान-प्रदान; और क्षमता निर्माण में सहयोग शामिल हैं. इसमें प्रासंगिक ग़ैर-सरकारी किरदारों के जुड़ाव से की जाने वाली क़वायदों को भी जोड़ा जा सकता है.


Endnotes

[1] Sandra Erwin, “Cyber Warfare Gets Real for Satellite Operators,Space News, March 20, 2022.

[2] Cyber Peace Institute, ‘Case Study Viasat’, June 2022, https://cyberconflicts.cyberpeaceinstitute.org/law-and-policy/cases/viasat.

[3] Cyber Peace Institute, ‘Case Study Viasat’

[4] Cyber Peace Institute, ‘Case Study Viasat’

[5] Cagtherine Stupp, “Germany Offers Model for Space-Industry Cybersecurity Standards,Wall Street Journal, August 17, 2022.

[6] Josep Borrell, “Securing the Future of Europe in Space,” January 25, 2023.

[7] Federal Foreign Office, “Speech by Foreign Minister Annalena Baerbock at the conference ‘Shaping Cyber Security’ in Potsdam,” September 27, 2022.

[8] Erwin, “Cyber Warfare Gets Real for Satellite Operators”; CISA,” Alert (AA22-076A) Strengthening Cybersecurity of SATCOM Network Providers and Customers,” May 10, 2022.

[9] Erwin, “Cyber Warfare Gets Real for Satellite Operators”

[10] Erwin, “Cyber Warfare Gets Real for Satellite Operators”

[11] Stupp, “Germany Offers Model for Space-Industry Cybersecurity Standards”

[12] Stupp, “Germany Offers Model for Space-Industry Cybersecurity Standards”

[13] Stupp, “Germany Offers Model for Space-Industry Cybersecurity Standards”

[14] Borrell, “Securing the Future of Europe in Space”

[15] The White House, “United States Space Priorities Framework,” December 2021.

[16] The White House, “United States Space Priorities Framework”

[17] Josep Borrell, “Space and Defence: Protecting Europe and Strengthening Our Capacity to Act,” February 20, 2022.

[18] Borrell, “Space and Defence: Protecting Europe and Strengthening Our Capacity to Act”

[19] Borrell, “Space and Defence: Protecting Europe and Strengthening Our Capacity to Act”

[20] Borrell, “Space and Defence: Protecting Europe and Strengthening Our Capacity to Act”

[21] UK Ministry of Defence, “Policy Paper: Defence Space Strategy: Operationalising the Space Domain,” February 1, 2022.

[22] UK Ministry of Defence, “Policy Paper: Defence Space Strategy: Operationalising the Space Domain”

[23] Borrell, “Securing the Future of Europe in Space”

[24] Borrell, “Securing the Future of Europe in Space”

[25] Borrell, “Securing the Future of Europe in Space”

[26] Borrell, “Securing the Future of Europe in Space”

[27] The White House, “Fact Sheet: United States and India Elevate Strategic Partnership with the Initiative on Critical and Emerging Technology (iCET),” January 31, 2023.

[28] Quentin Verspieren, “ASEAN Space Programmes: Navigating Regional Rivalries,” January 18, 2023.

[29] Federal Foreign Office, “Statements Delivered by Germany During the Inter-Sessional Meeting of the OEWG, Held in New York From 05 to 09 December 2022,” December 5, 2022.

[30] The Hill, “Ukraine Enters Uncharted Territory with Request to Investigate Russian Cyberattacks as War Crimes,” January 28, 2023.

[31] Joint ESIWA-ORF Roundtable, CyFy, October 2022, held under Chatham House.

[32] Joint ESIWA-ORF Roundtable

[33] Federal Foreign Office, “Statements Delivered by Germany During the Inter-Sessional Meeting of the OEWG, Held in New York From 05 to 09 December 2022”; Concept-OEWG-intersessional-CBMs, “Advancing Confidence-Building Measures and Strengthening International Cooperation in Cyberspace,” October 2022.

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