Published on Mar 27, 2021 Updated 0 Hours ago

सेशेल्स को अपनी अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए अपने देश की ब्लू इकोनॉमी पर गहराई से ध्यान देना होगा. इसके लिए ब्लू इकॉनमी के सेक्टर की रचना करनी होगी, उसमें नई ऊर्जा भरनी होगी और उसे आगे बढ़ाना होगा.

2021 में ब्लू इकॉनमी: समंदर से घिरा सेशेल्स किस तरह करे इसका आर्थिक उपयोग

2018 में ब्लू इकॉनमी (महासागरों का आर्थिक उपयोग) सामरिक नीति रूप-रेखा और रोडमैप के ज़रिए सेशेल्स गणराज्य ने अपने समुद्री इलाकों को तीन बुनियादों– पैसा बनाने, आजीविका में सुधार के साथ सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण- पर विकसित करने की शुरुआत की. यहां की अर्थव्यवस्था में पर्यटन और मत्स्य पालन मज़बूत खंभे हैं. ऐसे में सभी दिक़्क़तों से दूर समुद्र को देश के आगे के विकास के लिए अनिवार्य माना गया. इस उद्देश्य के लिए सेशेल्स की सरकार ने यहां के 30 प्रतिशत समुद्री क्षेत्र को 2020 में समुद्री संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया. लेकिन कोविड-19 ने इस द्वीपीय देश में ब्लू इकॉनमी की यात्रा पर काफ़ी असर डाला है. सेशेल्स को अपनी अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए अपने देश की ब्लू-इकॉनमी पर गहराई से ध्यान देना होगा. इसके लिए ब्लू इकॉनमी यानी महासागर के व्यवसायिक उपयोग के सेक्टर की रचना करनी होगी, उसमें नई ऊर्जा भरनी होगी और उसे आगे बढ़ाना होगा. इस दौरान सेशेल्स को ये भी ध्यान रखना होगा कि वो पर्यावरण और सामाजिक-आर्थिक सिद्धांतों से अपना ध्यान न हटाए.

सेशेल्स को अपनी अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए अपने देश की ब्लू-इकॉनमी पर गहराई से ध्यान देना होगा. इसके लिए ब्लू इकॉनमी यानी महासागर के व्यवसायिक उपयोग के सेक्टर की रचना करनी होगी

मत्स्य पालन

पर्यटन के बाद सबसे महत्वपूर्ण सेशेल्स के मत्स्य पालन क्षेत्र में 2020 की दूसरी तिमाही में 39 प्रतिशत की गिरावट आई. नई सरकार ने इस क्षेत्र पर फिर से ध्यान देने की बात की है और मत्स्य पालन मंत्रालय के तहत ब्लू इकोनॉमी विभाग का पुनर्गठन किया है. मछली और समुद्री खाद्य के निर्यात का 67 प्रतिशत व्यापार सिर्फ़ यूरोपीय साझेदारों के साथ होता है और सेशेल्स ने यूरोपीय यूनियन (ईयू) के साथ मत्स्य पालन साझेदारी समझौते को फिर से शुरू किया है जिसके तहत सालाना 50 टन समुद्री मछली को पकड़ने की मंज़ूरी है. सेशेल्स ने समुद्री खाद्य की वैल्यू चेन का पूरा इस्तेमाल नहीं किया है और वो क्वॉलिटी के मुक़ाबले मात्रा पर भरोसा करने का ख़तरा नहीं उठा सकता है. इसके अलावा ये चिंता भी बहुत ज़्यादा है कि स्थानीय अर्थव्यवस्था के समर्थन के लिए मत्स्य पालन के इस्तेमाल से समुद्री इकोसिस्टम की सेहत बिगड़ सकती है. इसलिए इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि मत्स्य पालन के दोहन को लेकर फ़ैसला क़ानूनी तौर पर बाध्य न हो और वो आगे बढ़कर कोई उदाहरण पेश नहीं करे. इसे देखते हुए खाद्य सुरक्षा और को बढ़ावा देने और बड़े स्तर की नौकरियों के निर्माण के लिए मत्स्य पालन उद्योग में नई ऊर्जा भरनी होगी. लेकिन ये क्षेत्र अभी भी अपने शुरुआती चरण में है.

सेहत और पर्यटन

यूरोपीय साझेदारों पर ज़रूरत से ज़्यादा निर्भरता सेहत और पर्यटन के दृष्टिकोण से ठीक नहीं है. सेशेल्स ने शुरुआत में कोविड-19 के प्रकोप को अपेक्षाकृत ठीक ढंग से निपटाया लेकिन उस वक़्त मामले काफ़ी तेज़ी से बढ़े जब सेशेल्स के समुद्र में काम कर रहे ईयू के मछली मारने वाले जहाजों में तैनात स्पेन के नाविक कोरोना वायरस से पॉज़िटिव पाए जाने लगे. महामारी ने यूरोप के पर्यटन बाज़ारों, जो वायरस के प्रकोप का केंद्र बन चुके हैं, पर सेशेल्स की ज़रूरत से ज़्यादा निर्भरता का भी ख़ुलासा कर दिया. इस पंगु सेक्टर को मज़बूत करने की कोशिश के तहत सख़्त यात्रा और पर्यटन दिशानिर्देश लागू करने वाले सेशेल्स को अपने पर्यटन उद्योग की डिजिटल रेखा को भी बढ़ाने की ज़रूरत होगी, नये यात्रा और मनोरंजन बाज़ार तलाशने होंगे जो उसे ज़्यादा मुनाफ़ा देंगे और सतत पर्यटन विकास को बढ़ावा देना होगा. सेशेल्स के तटीय पर्यटन संसाधनों, जो आर्थिक विकास और आजीविका  उत्पन्न करने के लिए ज़रूरी हैं, पर बढ़ते जलवायु से जुड़े ख़तरे को देखते हुए सतत पर्यटन विकास महत्वपूर्ण है.

पोर्ट विक्टोरिया में समुद्री मछली को कंटेनर में डालने की दुनिया की सबसे बड़ी सुविधा है. यहां हर रोज 10 लाख कैन से ज़्यादा समुद्री मछली निकाली जाती है.

बंदरगाह और जहाज़

सेशेल्स में अलग-अलग तरह की ब्लू इकॉनमी की पहल के समर्थन में पोर्ट विक्टोरिया एक प्रमुख किरदार बन गया है. ख़ास बात ये है कि पोर्ट विक्टोरिया को 2020 में लगातार आठवें साल वर्ल्ड ट्रैवल अवॉर्ड्स द्वारा हिंद महासागर में अग्रणी क्रूज़ पोर्ट के खिताब से नवाज़ा गया. यहां पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण और उसे विस्तार देकर 41 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक करने की महत्वाकांक्षी योजना चल रही है. इसके साथ पोर्ट अथॉरिटी जहाज़ की देखरेख और मछली प्रसंस्करण/भंडारण सेवा मुहैया कराकर अपनी आमदनी के ज़रिए को बढ़ा रहा है. पोर्ट विक्टोरिया में समुद्री मछली को कंटेनर में डालने की दुनिया की सबसे बड़ी सुविधा है. यहां हर रोज 10 लाख कैन से ज़्यादा समुद्री मछली निकाली जाती है. ये सेक्टर भले ही शोषण के साथ विस्तार की परस्पर विरोधी छवि पेश करता हो लेकिन इसके बावजूद ये सेशेल्स को एक बड़ा अवसर मुहैया कराता है. ऐसा अवसर जहां मौजूदा संसाधनों का ज़्यादा-से-ज़्यादा इस्तेमाल किया जा सकता है और रोज़गार उत्पन्न हो सकता है, ज़रूरत से ज़्यादा मछली पकड़ने की समस्या का समाधान किया जा सकता है और सतत विकास को प्रोत्साहन की राष्ट्रीय कोशिशों को आगे बढ़ाया जा सकता है. कोविड-19 की वजह से पोर्ट विक्टोरिया में क्रूज़ शिप के आने पर 2 साल की पाबंदी लगाने का एलान कर चुके सेशेल्स को अपने बंदरगाह विस्तार को हरित करने पर ज़ोर देना चाहिए, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को तेज़ करना चाहिए और सतत विस्तार पर विचार करना चाहिए.

महामारी पर्यावरण की कार्बन अधिग्रहण क्षमता पर तो असर नहीं डालेगी लेकिन इसने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण शोध की प्रगति पर असर डाला है. 

दूसरे सोच-विचार

आंकड़े चुनौतीपूर्ण और संभावना ख़राब है; 2020 में सेशेल्स की अर्थव्यवस्था में 13.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. पर्यटन से कम टैक्स मिलने की वजह से वित्तीय दबाव बढ़ गया है और कुल सार्वजनिक कर्ज 80 प्रतिशत हो गया है. 2021 में नाज़ुक वित्तीय संतुलन स्थापित करना होगा. कृषि और मत्स्यपालन जैसे सेक्टर को बढ़ावा देना खाद्य सुरक्षा, आर्थिक विविधता और सांस्कृतिक कारणों की वजह से ज़रूरी है. अगर नियंत्रण नहीं रखा गया तो आमदनी, नौकरी और आजीविका के स्रोत के तौर पर इन सेक्टर का दोहन बढ़ जाएगा. हाल के दिनों में ध्यान ब्लू कार्बन इकोसिस्टम सेवा मूल्यांकन की तरफ़ भी गया है. महामारी पर्यावरण की कार्बन अधिग्रहण क्षमता पर तो असर नहीं डालेगी लेकिन इसने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण शोध की प्रगति पर असर डाला है. इसका मतलब ये है कि 2020-2025 के लिए जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र संरचना संधिपत्र के मामले में सेशेल्स के संशोधित राष्ट्रीय निर्धारित योगदान के आंकड़े ज़्यादा उम्मीद तैयार नहीं होंगे.

निष्कर्ष

कोविड-19 के व्यापक असर से सेशेल्स नहीं बच पाया है लेकिन उसका ब्लू इकोनॉमी मॉडल ज़्यादा लचीनापन और रिकवरी का रास्ता बताता है. जिस वक़्त सेशेल्स कोवैक्स पहल के तहत आने वाली वैक्सीन पर निर्भर है, उस वक़्त समन्वित योजना, सतत विविधता और सर्कुलर मैटेरियल फ्लो (मैटेरियल को फिर से अर्थव्यवस्था में लौटाना) को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. इसके अतिरिक्त विकास के लचीले विकल्प और आर्थिक-सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर के इर्द-गिर्द बेहतर निर्माण के संबंध में बेहतर निर्णय लेने की क्षमता के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट पर ध्यान देने की ज़रूरत बहुत ज़्यादा है. स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय संरक्षणकर्ता, हुनरमंद मछुआरों, पर्यटन कारोबार और ब्लू इकोनॉमी के दूसरे हिस्सेदारों की ज़रूरतों को सुसंगत करने की ज़रूरत है, लेकिन ये पहले के मुक़ाबले और ज़्यादा समस्या वाला विषय बन गया है. जब तक कि 2021 में ब्लू इकॉनमी को लेकर एक साफ़ दृष्टिकोण नहीं आता तब तक सेशेल्स में इस बात का जोखिम है कि वो पैसे बनाने, समानता और संरक्षण के फ़ायदों के मामले में मुहैया कराए गए मौक़ों की तारीफ़ करने में नाकाम साबित होगा. साथ ही वो कारोबार की तरफ़ भी नहीं झुक पाएगा.

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