फ्रांस, UK और ईरान, जनता परेशान कहीं पलटी सत्ता, कहीं बदला शासन!

गोलमेज़ के इस एपीसोड में, ऋषि सुनक की स्थिति पर चर्चा करते हुए, कहा गया है कि वह ब्रिटेन की जनता से प्रभावी तरीके से नहीं जुड़ पाए, जिसका लाभ लेबर पार्टी को मिला. यूरोप में बदलते पावर स्ट्रक्चर के दूरगामी प्रभावों का भी जिक्र हुआ है, जो वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण हो सकते हैं.

ईरान में युवा वर्ग के मॉडरेट नेताओं के चुनाव की वजह भी बदलाव की इच्छा बताई गई है. इसके साथ ही, यूरोप और विशेषकर फ्रांस में राजनीति के राइट विंग द्वारा सेट की गई नरेटिव पर भी बात हुई. यह भी कहा गया कि लेफ्ट विंग का प्रभाव फ्रांस में लंबे समय तक टिक नहीं पाएगा.

आर्थिक संबंधों के संदर्भ में, ईरान के प्रति भारत की नीति को प्रतिबंधों के कारण चुनौतीपूर्ण माना गया. अंत में, एक वैश्विक ट्रेंड का जिक्र करते हुए, लोकतंत्र में बढ़ती चुनौतियों और लीडरशिप वैक्यूम के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया है. यह समग्र रूप से राजनीतिक बदलावों और नए नेतृत्व की आवश्यकता को उजागर करता है.

पूरा वीडियो देखें प्रोफेसर हर्ष पन्त और कबीर तनेजा से नगमा शहर के साथ.