-
CENTRES
Progammes & Centres
Location
देखना होगा कि अरब देश संघर्ष लंबा खींचने पर क्या रूख अख्तियार करते हैं.
Image Source: Getty
दुनिया में पहले से ही काफी उथल पुथल मची हुई है. इजरायल ने पहले ईरान के प्राक्सी समूहों हमास और हिजबुल्लाह के खिलाफ सैन्य अभियान चला कर उनको काफी कमजोर कर दिया है. इसके बाद उसने ईरान पर हमला किया है. उसके हमले से ऐसा लगता है कि वह ईरान के खिलाफ हमले की काफी समय से तैयारी कर रहा था. इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने जिस तरह ईरान में घुस कर सटीक हमले किए हैं और उनके शीर्ष सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया है, वह एक बड़ी प्लानिंग का नतीजा है. इजरायल ईरान को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है. खासकर उसे लगता है कि अगर ईरान ने परमाणु बम बना लिया तो उसके लिए बहुत बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा. इसीलिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कह रहे हैं कि हम ईरान को परमाणु बम नहीं बनाने देंगे. इसी समय अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप का आना भी इजरायल के लिए बेहतर मौका लेकर आया. इजरायल ने इस मौके का इस्तेमाल किया. वैसे तो अमेरिका कह रहा है कि इजरायल के हमले में वह शामिल नहीं है,
अगर ईरान ने परमाणु बम बना लिया तो उसके लिए बहुत बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा. इसीलिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कह रहे हैं कि हम ईरान को परमाणु बम नहीं बनाने देंगे.
एक रणनीति यह हो सकती है कि जैसे इजरायल ने ईरान के शीर्ष सैन्य नेतृत्व और शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों को खत्म किया है उसी तरह से शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व को खत्म कर दे. हालांकि राजनीतिक नेतृत्व को खत्म करना आसान नहीं होगा.
यह देखना अभी अहम होगा कि अमेरिका इजरायल को किस हद तक समर्थन देता है. क्या अमेरिका का समर्थन ईरान की मौजूदा इस्लामी सत्ता को हटाने या उसे खत्म करने तक जाएगा. इसके अलावा, यह भी देखना होगा कि अरब देश संघर्ष लंबा खींचने पर क्या रूख अख्तियार करते हैं. कूटनीतिक प्रयासों से जल्द ही संघर्ष विराम हो जाता है और ईरान का मौजूदा नेतृत्व बचा रहता है तो संभव है कि वह परमाणु बम बनाने के प्रयासों को और तेज कर दे. ईरान के मौजूदा नेतृत्व को पता है कि इराक और लीबिया के साथ क्या हुआ और उत्तर कोरिया पर कोई हमला करने की हिम्मत क्यों नहीं करता है.
The views expressed above belong to the author(s). ORF research and analyses now available on Telegram! Click here to access our curated content — blogs, longforms and interviews.
Professor Harsh V. Pant is Vice President – Studies and Foreign Policy at Observer Research Foundation, New Delhi. He is a Professor of International Relations ...
Read More +