हाल के वर्षों में प्रौद्योगिकी के सबसे तेज़ी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है क्वांटम कंप्यूटिंग. यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों दोनों के सबसे आकर्षक निवेश मार्गों में से एक है, जो 2022 में वैश्विक स्तर पर लगभग 35.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है. यह मुख्य रूप से पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में संगणना गति (कंप्यूटिंग स्पीड) में अभूतपूर्व वृद्धि और साइबर सुरक्षा में उनके द्वारा पेश किए जाने वाले बदलाव नमूनों (पैराडाइम शिफ़्ट) के कारण है. इसके अलावा, क्वांटम रसायन, चिकित्सा, कृषि और जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने जैसे अन्य क्षेत्रों में उनका उपयोग तेज़ी से बढ़ा है. क्वांटम कंप्यूटरों के एनीलिंग मॉडल का उपयोग पहले से ही अनुकूलन समस्याओं के एक बड़े वर्ग को हल करने के लिए किया जा रहा है, जो पारंपरिक कंप्यूटरों के उपयोग से हल नहीं हो पा रहे थे. इसकी संभावनाएं अनंत हैं और ऐसा लगता है कि इनकी सीमा सिर्फ़ हमारी अपनी कल्पना शक्ति ही है.
यह लेख क्वांटम कंप्यूटिंग को लेकर कुछ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पहलों और भविष्य में उनके सामने आने वाली बाधाओं पर केंद्रित है.
यह काफ़ी हद तक दुनिया भर में सरकारों और निजी क्षेत्र के निगमों के बीच व्यापक अंतरराष्ट्रीय सहयोग के कारण संभव हुआ है. इस तकनीक की प्रकृति नई तरह की होने के कारण, इस क्षेत्र के बारे में मानवता की समझ अब भी काफ़ी सीमित है और इससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि क्यों अंतर्राष्ट्रीय सहयोग इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह लेख क्वांटम कंप्यूटिंग को लेकर कुछ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पहलों और भविष्य में उनके सामने आने वाली बाधाओं पर केंद्रित है.
तालिका 1: मुख्य अंतर्राष्ट्रीय क्वांटम कम्प्यूटिंग सहयोग
अंतर सरकारी उपक्रम |
निजी उपक्रम |
1. क्वांटम टेक्नोलॉजी फ़्लैगशिप
2. ऑकस
3. क्वाड
4. सर्न क्वांटम टेक्नॉलॉजीी इनीशिएटिव
5. क्वांटम लीप अफ़्रीका
6. वन क्वांटम
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1. आईबीएम
2. गूगल
3. डी–वेव
4. अमेज़न
5. लोनक्यू
6. इंफ़ोसिस
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स्रोतः लेखक द्वारा एकत्र तुलनात्मक जानकारी
क्वांटम टेक्नोलॉजी फ्लैगशिप
क्वांटम टेक्नोलॉजी फ्लैगशिप (The Quantum Technologies Flagship) की स्थापना यूरोपीय संघ (ईयू) द्वारा 2018 में लगभग एक बिलियन यूरो के बजट के साथ की गई थी. ईयू के होराइज़न 2020 (अब होराइज़न यूरोप) कार्यक्रम द्वारा वित्त पोषित, इस कार्यक्रम का उद्देश्य अनुसंधान, निजी और सार्वजनिक संस्थानों को एक साथ लाना और 10 वर्ष की अवधि में क्वांटम तकनीकों के क्षेत्र में यूरोपीय नेतृत्व को मजबूत करना है. इसकी प्रमुख पहलों में से एक इंटरनेशनल कोऑपरेशन ऑन क्वांटम टेक्नोलॉजीज़ (InCoQFlag) प्रोजेक्ट है, जो क्वांटम प्रौद्योगिकियों में पर्याप्त रूप से निवेश करने वाले देशों, जैसे कि संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस), कनाडा और जापान के साथ सहयोग के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों को लक्षित करता है. इनकोक्यूफ़्लैग (InCoQFlag) विभिन्न कार्यशालाओं और नेटवर्किंग सत्रों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे, कौशल और ज्ञान के साझाकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम कर रहा है.
ऑकस
ऑकस (AUKUS) सितंबर 2021 में ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम (यूके) और अमेरिका के बीच स्थापित एक त्रिपक्षीय सुरक्षा व्यवस्था है. समझौते के ‘आधार स्तंभों’ में से एक संयुक्त उन्नत सैन्य क्षमताओं और अंतर–संचालनीयता को तैयार करना है, जिसमें विशेष रूप से क्वांटम प्रौद्योगिकियों को विकसित और एकीकृत करने के प्रयास किए जाने हैं. 2022 में शुरू हुआ ऑकस क्वांटम समझौता, ‘अगली पीढ़ी के बाद’ वाली क्वांटम क्षमताओं में निवेश को तेज़ करना चाहता है. यहां मुख्य उद्देश्य चीन पर एक रणनीतिक और तकनीकी बढ़त बनाए रखना है, ख़ासकर क्वांटम कंप्यूटिंग और क्रिप्टोग्राफ़ी के क्षेत्र में.
2022 में शुरू हुआ ऑकस क्वांटम समझौता, ‘अगली पीढ़ी के बाद’ वाली क्वांटम क्षमताओं में निवेश को तेज़ करना चाहता है. यहां मुख्य उद्देश्य चीन पर एक रणनीतिक और तकनीकी बढ़त बनाए रखना है
चतुष्कोणीय सुरक्षा वार्ता
2021 में, क्वाड नेता एक महत्वपूर्ण और उभरते प्रौद्योगिकी कार्यकारी समूह को स्थापित करने पर सहमत हो गए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि 5जी, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी प्रमुख तकनीकों के लिए मानकों और रूपरेखाओं को ‘साझा हितों और मूल्यों’ द्वारा नियंत्रित किया जाए. इसके बाद, क्वाड इन्वेस्टर्स नेटवर्क (QUIN- क्विन) को 20 मई, 2023 को लॉन्च किया गया. इसमें निवेशकों का एक नेटवर्क शामिल है जो इन नई प्रौद्योगिकियों में निवेश को प्रोत्साहित करना चाहते हैं. क्विन ने 9 जून 2023 को क्वांटम सूचना विज्ञान में क्वाड उत्कृष्टता केंद्र का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य क्वांटम सूचना विज्ञान के क्षेत्र में ‘अधिक तकनीकी सहयोग, बाज़ार पहुंच और सीमा पार निवेश’ को बढ़ावा देने के लिए क्वाड देशों के शोधकर्ताओं और संस्थानों को एक साथ जोड़ना और लचीली और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना है.
सर्न क्वांटम प्रौद्योगिकी पहल
यूरोपीय परमाणु अनुसंधान परिषद (CERN- सर्न) का क्वांटम प्रौद्योगिकी उपक्रम 2020 में शुरू किया गया एक व्यापक अनुसंधान और विकास और अकादमिक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य अपने 23 सदस्य राज्यों के साथ–साथ क्वांटम प्रौद्योगिकी में अंतरराष्ट्रीय पहलों के बीच सहयोग स्थापित करना और नई कम्प्यूटिंग, डिटेक्टर और संचार प्रणालियों को विकसित करना है, साथ ही क्वांटम सिस्टम और सूचना प्रसंस्करण के ज्ञान को आगे बढ़ाना है. यह भविष्य के कार्यक्रमों पर क्वांटम प्रौद्योगिकियों के संभावित प्रभाव का भी आकलन करेगा, जबकि भविष्य की पीढ़ियों के शोधकर्ताओं के लिए आवश्यक कौशल और संसाधनों को तैयार करेगा ताकि वे विशिष्ट शोध क्षेत्रों जैसे कम्प्यूटेशनल रसायन विज्ञान, पदार्थ विज्ञान, उच्च–ऊर्जा भौतिकी और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में उनके इस्तेमाल की पड़ताल कर सकें. सर्न भी ओपन क्वांटम इनीशिएटिव के भागीदारों में से एक है, जो जिनीवा साइंस एंड डिप्लोमेसी एंटीसिपेटर (GESDA) द्वारा घोषित क्वांटम प्रौद्योगिकी के लिए एक वैश्विक केंद्र है, जिसे 2027 तक जिनीवा में स्थापित किया जाएगा.
निजी क्षेत्र के उपक्रम
क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में प्रवेश करने के साथ ही आईबीएम को उम्मीद है कि वह तकनीकी नवाचार में एक अग्रणी के रूप में अपनी विरासत को जारी रखेगा. मई 2023 में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन में, आईबीएम ने अगले 10 वर्षों में 1,00,000-क्विबिट क्वांटम कंप्यूटर विकसित करने के लिए टोक्यो विश्वविद्यालय और शिकागो विश्वविद्यालय के साथ 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के एक उपक्रम की घोषणा की. 2022 में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास आईबीएम क्वांटम नेटवर्क में शामिल होने वाला पहला भारतीय संस्थान बन गया, जिसका उद्देश्य देश में क्वांटम कंप्यूटिंग कौशल विकास और अनुसंधान को आगे बढ़ाना है. हाल ही में, बोसोनक्यू पीएसआई इस दिशा में बढ़ने वाली पहली भारतीय क्वांटम कंप्यूटिंग स्टार्टअप बन गई है.
कनाडा में स्थित, डी-वेव दुनिया की पहली कंपनी है जिसने क्वांटम कंप्यूटरों को व्यावसायिक रूप से उपलब्ध कराना शुरू किया है. यह एकमात्र ऐसी कंपनी भी है जो एनीलिंग और गेट-मॉडल दोनों क्वांटम कंप्यूटरों पर काम कर रही है.
2019 में ही ‘क्वांटम वर्चस्व’ का दावा करते हुए, गूगल भी क्वांटम कंप्यूटिंग में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है, जो लोनक्यू (IonQ), क्यूसिमुलेट (QSimulate) और पास्कल (Pasqal) जैसे कई क्वांटम कंप्यूटिंग स्टार्टअप के साथ प्रचुर मात्रा में साझेदारी कर रहा है. 2021 में इसने ऑस्ट्रेलियाई बुनियादी ढांचे, अनुसंधान और साझेदारी में पांच वर्षों के लिए एक बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश, डिजिटल फ़्यूचर इनिशिएटिव को लॉन्च किया. इसने अपनी क्वांटम आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस लैब की एक चौकी सिडनी में स्थापित की है और क्वांटम कंप्यूटरों के लिए नए अनुप्रयोग खोजने के लिए कई विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग कर रहा है.
कनाडा में स्थित, डी–वेव दुनिया की पहली कंपनी है जिसने क्वांटम कंप्यूटरों को व्यावसायिक रूप से उपलब्ध कराना शुरू किया है. यह एकमात्र ऐसी कंपनी भी है जो एनीलिंग और गेट–मॉडल दोनों क्वांटम कंप्यूटरों पर काम कर रही है.[1] इसने नासा और गूगल के साथ मिलकर उनकी क्वांटम आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस लैब्स में से एक की स्थापना के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है. 2020 में, डी–वेव ने भारत में अपनी क्लाउड सेवा शुरू की, जिससे डेवलपर्स और शोधकर्ताओं को इसके क्वांटम कंप्यूटरों तक वास्तविक–समय में पहुंच प्राप्त हुई. इसने ऑस्ट्रेलियाई रक्षा विभाग के साथ भी काम किया है ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि कैसे हाइब्रिड क्वांटम कंप्यूटिंग तकनीक का उपयोग करके, स्वचालित वाहनों (ऑटोनॉमस व्हीकल्स) को सैन्य बलों को फिर से आपूर्ति करने के लिए उनका सर्वाधिक इस्तेमाल किया जा सकता है. भारत में, इंफोसिस क्वांटम कंप्यूटिंग और संबंधित प्रौद्योगिकियों के विकास में अग्रणी रही है. इसने ऑस्ट्रेलियाई क्वांटम साइबर सिक्योरिटी फर्म क्विंटेसेंसलैब्स के साथ मिलकर एक क्वांटम रैंडम नंबर जनरेटर बनाया है जो पारंपरिक एन्क्रिप्शन सिस्टमों के साथ काम कर सकता है, जिससे उनकी साइबर सिक्योरिटी क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है. यह अमेज़ॅन वेब सेवाओं, क्विंटेसेंसलैब्स और क्यूसीवेयर के साथ मिलकर अपनी ‘क्वांटम लिविंग लैब्स’ स्थापित करने के लिए भी काम कर रहा है, जो क्वांटम कंप्यूटिंग तकनीक का लाभ उठाकर अपने ग्राहकों को अभिनव समाधान प्रदान करती है.
अंतरराष्ट्रीय सहयोग में बाधाएं
क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बड़े पैमाने पर पहुंचने के बावजूद, यह आशंका बन रही है कि कुछ हालिया घटनाक्रम इस प्रक्रिया को बाधित कर सकते हैं. चिंता का मुख्य कारण क्षेत्र में चीन का बढ़ता प्रभुत्व है, इसका ‘थॉउज़ेंड टैलेंट्स प्लान’ इस प्रक्रिया को गति देने वाले मुख्य उत्प्रेरकों में से एक के रूप में कार्य कर रहा है. थाउज़ेंड टैलेंट्स एक भर्ती कार्यक्रम है जो दुनिया भर के वैज्ञानिकों को अपने शोध को चीन लाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बनाया गया है, इसके तहत वैज्ञानिकों को उनके वेतन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की पेशकश की जाती है. हालांकि, वैज्ञानिकों द्वारा चीन को अवैध रूप से तकनीक और शोध के निष्कर्ष देने के कई मामले सामने आए हैं और इसके बाद अमेरिका ने चीन पर बौद्धिक संपदा चोरी का आरोप लगाया है. एक तरफ़, इसने समान विचारधारा वाले देशों के बीच सहयोग के लिए अनिवार्यता पैदा की है, वहीं दूसरी तरफ, देशों में संदेह और मिथ्याभ्रम का वातावरण भी पैदा किया है, क्योंकि अब वे अन्य देशों के साथ अपना शोध साझा करने को लेकर बहुत अधिक सावधान हो गए हैं. उदाहरण के लिए, ब्रिटेन, इज़राइल और स्विट्ज़रलैंड को यूरोपीय संघ के उपरोक्त क्वांटम टेक्नोलॉजीज़ फ्लैगशिप कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया था, ताकि बौद्धिक संपदा नियमों का अनुपालन किया जा सके.
चिंता का मुख्य कारण क्षेत्र में चीन का बढ़ता प्रभुत्व है, इसका ‘थॉउज़ेंड टैलेंट्स प्लान’ इस प्रक्रिया को गति देने वाले मुख्य उत्प्रेरकों में से एक के रूप में कार्य कर रहा है.
इसके परिणामस्वरूप, पहला क्वांटम कंप्यूटर बनाने की खोज धीरे–धीरे एक दौड़ में बदल रही है, जिसमें प्रत्येक राष्ट्र दूसरे को पछाड़ने की होड़ में है. यह सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता है कि भविष्य में ऐसा न हो. क्वांटम कंप्यूटिंग अभी भी अपने शुरुआती चरण में है और वास्तविक प्रगति एक ऐसे समुदाय के सदस्यों को कम करके हासिल नहीं की जा सकती है जो पहले से ही काफ़ी सीमित संख्या में है. हालांकि, इसका अर्थ यह नहीं है कि प्रौद्योगिकी के आदान–प्रदान की कोई सीमा होनी ही नहीं चाहिए. यह कहने की ज़रूरत नहीं होनी चाहिए कि नैतिकता के साथ, बौद्धिक संपदा नियमों और अन्य कानूनी रूपरेखाओं का हमेशा पालन किया जाना चाहिए. हालांकि इस विकसित होती और संभवतः व्यापक रूप से बदलाव लाने में सक्षम तकनीक को, एक मौजूदा ख़तरे के आभास से, नियंत्रित नहीं होना चाहिए.
प्रतीक त्रिपाठी ऑब्ज़र्वर रिसर्च फ़ाउंडेशन में सुरक्षा, रणनीति और प्रौद्योगिकी केंद्र में प्रोबेशनरी शोध सहायक हैं.
[1] गेट मॉडल के क्वांटम कंप्यूटरों में, पारंपरिक कंप्यूटरों के लॉजिक गेटों को क्वांटम लॉजिक गेटों से बदल दिया जाता है जो वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए क्यूबिट्स में हेरफ़ेर कर सकते हैं. यह क्वांटम कंप्यूटरों का सबसे लोकप्रिय मॉडल है और क्षेत्र में अधिकांश शोध के केंद्र में यही है. एनीलिंग मॉडल एनटेगलमेंट, सुपरपोज़ीशन और टनलिंग जैसे क्वांटम भौतिकी के गुणों का उपयोग किसी दी गई कम्प्यूटेशनल समस्या के सबसे अधिक उपयोगी समाधान तक पहुंचने के लिए करता है.
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