परिचय
आज UAE भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और इसका मुख़्य कारण यह है कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच द्विपक्षीय संबंध पिछले एक दशक में काफ़ी मजबूत हुए हैं.[1] भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में UAE की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा की जो 34 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी, इसके बाद 2018 और 2024 के बीच उनकी छह और यात्रा हुई. इन यात्राओं की सकारात्मक प्रतिक्रिया UAE के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व की ओर से भी हुई और UAE के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने 2017 में भारत की राजकीय यात्रा की जिसके दौरान द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने की पहल का आगाज़ हुआ और इसके बाद कई अन्य उच्च-स्तरीय यात्राएं और आदान-प्रदान हुए.
प्रधानमंत्री मोदी और मोहम्मद बिन जायद द्वारा संयुक्त रूप से जारी जॉइंट विज़न स्टेटमेंट 2022 में अन्य मुद्दों के अलावा इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि कैसे टेक्नोलॉजी भारत-UAE साझेदारी को आगे बढ़ने की दिशा प्रदान करेगी
प्रधानमंत्री मोदी और मोहम्मद बिन जायद द्वारा संयुक्त रूप से जारी जॉइंट विज़न स्टेटमेंट 2022 में अन्य मुद्दों के अलावा इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि कैसे टेक्नोलॉजी भारत-UAE साझेदारी को आगे बढ़ने की दिशा प्रदान करेगी.[2] इस बाबत जिन क्षेत्रों की पहचान की गई उसमें क्लीन टेक में निवेश बढ़ाना और ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन शामिल है. अन्य विषय जो जॉइंट विज़न स्टेटमेंट का प्रमुख हिस्सा है उसमे दोनों देशों में स्टार्टअप को बढ़ावा देना और “महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों पर सहयोग” करने की बात है. सहयोग के लिए रेखांकित किया गया एक और महत्वपूर्ण क्षेत्र है “रक्षा और सुरक्षा”. दोनों देशों ने जॉइंट विज़न स्टेटमेंट के बाद से अपनी डिफेन्स इंडस्ट्री कोऑपरेशन और संयुक्त अनुसंधान एवं विकास की पहलों को गति दी है.[3] दिसंबर 2024 में नई दिल्ली में आयोजित भारत-UAE जॉइंट कमीशन की बैठक के दौरान दोनों देशो के प्रतिनिधियों द्वारा जॉइंट विज़न स्टेटमेंट 2022 में अंकित क्षेत्रों में हासिल किए गए सहयोग और साझेदारी की सराहना भी की गई.[4]
भारत-UAE टेक्नोलॉजी साझेदारी के निरंतर बढ़ोतरी के इस दौर में, संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) और भारत और UAE के कुछ उद्देश्यों और प्राथमिकताओं के बीच सामंजस्य एक नई तकनीकी तिकड़ी के उदय का संकेत देता है.
तीनों देश 2022 से I2U2 के ढांचे के तहत टेक्नोलॉजी और क्लीन एनर्जी ऊर्जा के विभिन्न पहलुओं पर एक साथ काम कर रहे हैं जो भारत, इजराइल, UAE और अमेरिका के बीच एक रणनीतिक साझेदारी है.[5] सितंबर 2024 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने UAE को अमेरिका के एक प्रमुख डिफेंस पार्टनर का नाम दिया जो एक ऐसा दर्ज़ा है जो पहले केवल भारत को प्राप्त था. इससे तीनों देशों के बीच टेक्नोलॉजी क्षेत्र में त्रिपक्षीय सहयोग बढ़ने की उम्मीद है.[6] भारत और UAE क्लीन एनर्जी क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं. इसी तरह 2022 से US और UAE भी US$100 बिलियन के पार्टनरशिप फॉर एक्सीलरेटिंग क्लीन एनर्जी (PACE)[7] के तहत क्लीन एनर्जी और उन्नत एनर्जी ट्रांजिशन के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. आखिर में, भारत और USA की आपसी पहल US-इंडिया इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड एमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (iCET) के तहत हो रही कई गतिविधियां भी बहुत हद तक भारत और UAE सहयोग का विषयक है और ये नए US-UAE के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्र[8] के सहयोग का हिस्सा हो सकती हैं जो भारत-UAE-US संबंधों को मजबूत करने के लिए कई संभावनाओं से भरा है.
UAE में अबु धाबी और दुबई के वैश्विक टेक हब के रूप में उदय से इन और अन्य क्षेत्रों में इनोवेशन को बढ़ावा मिला है. मोटे तौर पर, ये दोनों शहर एक दूसरे को रणनीतिक और अन्य ताक़त प्रदान करते हैं. अबू धाबी की विशेषता इसके दीर्घकालिक निवेश हैं जो उसने उच्च प्रभाव और अनुसंधान वाले क्षेत्रों में किये हैं. अबु धाबी शहर के एडवांस्ड टेक्नोलॉजी रिसर्च काउंसिल (ATRC) और मोहम्मद बिन जायद यूनिवर्सिटी ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (MBZUAI) जैसे संस्थान AI, क्वांटम कंप्यूटिंग और रोबोटिक्स सहित उसके डीप टेक्नोलॉजी के फोकस को उजागर करते हैं. साझेदारियों के क्षेत्र में भी, स्थानीय प्रौद्योगिकी समूह जैसे G42 और Technology इनोवेशन इंस्टीट्यूट (TII) AI अनुसंधान, डीप टेक्नोलॉजी और ऑटोनॉमस सिस्टम पर जोर देते हैं. इन संस्थाओं ने अबु धाबी शहर को विशिष्ट और एडवांस टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में अग्रणी बना दिया है.
वहीं दूसरी ओर दुबई की रणनीति ने स्टार्टअप, उद्यमियों, निवेशकों और वैश्विक तकनीकी फर्मों के लिए एक इनेबलिंग इकोसिस्टम बनाने पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है. दुबई इंटरनेट सिटी और सिलिकॉन ओएसिस जैसे फ्री जोन कुछ बेजोड़ बुनियादी ढांचा परियोजनाएं हैं. इसके अलावा, दुबई डिजिटल स्ट्रेटेजी, दुबई AI स्ट्रेटेजी, दुबई ब्लॉकचेन स्ट्रेटेजी और स्मार्ट दुबई 2021 जैसी पहलों ने शहर को स्मार्ट सिटी सलूशन और डिजिटल गवर्नेंस के पैमाने में अग्रणी के रूप में स्थापित कर दिया है.
इस पृष्ठभूमि के तहत, यह रिपोर्ट रक्षा प्रौद्योगिकी, ग्रीनटेक और डीप टेक के क्षेत्रों में भारत-UAE साझेदारी के विकास की ख़ोज करती है. जिसमें बदलाव के इंजन के रूप में अबू धाबी पर ध्यान केंद्रित किया गया है. यह द्विपक्षीय तकनीकी सहयोग के लिए भविष्य की दिशाओं को परखती है और ग्लोबल साउथ के लिए उभरती भारत-UAE-US त्रिपक्षीय साझेदारी के महत्व को दर्शाती है.
कैस्केड इफ़ेक्ट
UAE ने 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान एडवांस टेक्नोलॉजी रिसर्च कौंसिल (ATRC) की स्थापना के साथ फोर्थ इंडस्ट्रियल रेवोलुशन की उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाना शुरू किया. इस पहल का उद्देश्य एक “वाइब्रेंट रिसर्च और डेवलपमेंट इकोसिस्टम की स्थापित करना था जो अबू धाबी और पूरे UAE को विश्व मंच पर एक प्रमुख टेक्नोलॉजी प्लेयर के रूप में स्थापित करता है”[9] और UAE को एक नॉलेज बेस्ड अर्थव्यवस्था में खुद को परिवर्तित करने में मदद करता है. उस वर्ष के अंत में, ATRC ने टेक्नोलॉजी इनोवेशन इंस्टीट्यूट (TII) की स्थापना की जो ATRC का डेडिकेटेड एप्लाइड रिसर्च का एक स्तंभ है, जिसका कार्य डिस्कवरी साइंस और ब्रेकथ्रू टेक्नोलॉजी को प्रदान करना है जो जिसका वैश्विक प्रभाव होता है. तब से अब तक यह संस्थान कई प्रकार की टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है जिनका समाज, व्यवसाय और शासन के लिए विभिन्न उपयोग है.[10]
. एडवांस मैटेरियल्स
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. क्वांटम
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. डायरेक्टेड एनर्जी
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. बायोटेक्नोलॉजी
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. AI एंड डिजिटल साइंस
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. रेनेवाबल एंड सस्टेनेबल एनर्जी
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. प्रोपल्शन एंड स्पेस
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. क्रिप्टोग्राफ़ी
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. ऑटोनोमस रोबोटिक्स
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. सिक्योर सिस्टम्स
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अबू धाबी सरकार के समर्थन से, TII ने ऊपर अंकित प्रत्येक तकनीक के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ कई सेंटर्स ऑफ़ एक्सीलेंस स्थापित किए हैं. UAE में इन हस्तक्षेपों और अन्य पहलों ने इनोवेटर्स, उद्यमियों, निवेशकों, तकनीकी फर्मों और शिक्षाविदों का एक संपन्न इकोसिस्टम बनाने में UAE की मदद की है. इस स्टेकहोल्डर समूह के हस्तक्षेप का व्यापक प्रभाव पड़ रहा है और इससे न केवल घरेलू विकास को बल्कि UAE की अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी साझेदारी को भी बढ़ावा मिल रहा है.
डिफेन्स टेक्नोलॉजी
डिफेन्स टेक्नोलॉजी के क्षेत्र पर UAE के फोकस ने भारत के साथ घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा दिया है. सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (SIDM) ने एमिरेट्स डिफेंस कंपनीज़ काउंसिल (EDCC) और EDGE ग्रुप UAE के साथ रक्षा उद्योग क्षेत्र में सहयोग के लिए दो समझौतों (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं.[11] यह सहयोग दोनों देशों की रक्षा कंपनियों को अनमैन्ड सिस्टम के संयुक्त विकास, अगली पीढ़ी के प्लेटफार्मों के सह-उत्पादन और अन्य देशों में महत्वपूर्ण खनिजों की ख़ोज के लिए एक साथ लाता है.[12]
ये उपाय UAE और भारत के बीच ऐतिहासिक सहयोग पर आधारित हैं. दोनों देशों के बीच 2006 में एक जॉइंट डिफेंस कोऑपरेशन कमेटी (JDCC) की स्थापना की गई थी और JDCC की 12वीं बैठक 2024 में अबू धाबी में आयोजित की गई थी. [a]
दोनों देशों की वायु सेनाओं और नौसेनाओं ने भी सहयोग सतत जारी रखा है. भारतीय वायु सेना (IAF) ने मई 2016 में UAE की वायु सेना के के साथ एक द्विपक्षीय अभ्यास में भाग लिया और UAE वायु सेना के अधिकारी मार्च 2018 में आयोजित त्रिपक्षीय वायु अभ्यास में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हुए.[13] इसी तरह, दो भारतीय नौसेना (IN) जहाजों ने मार्च 2018 में पहली IN-UAEN द्विपक्षीय अभ्यास में भाग लिया, जिसका नाम गल्फ स्टार 1 था. IN और कोस्ट गार्ड ने अबू धाबी और दुबई में कई पोर्ट कॉल्स भी किए हैं और संबंधित पासिंग एक्सरसाइज (PASSEX) में भाग लिया है.[14] IN के जहाज अबू धाबी में हर दो साल में आयोजित होने वाले इंटरनेशनल डिफेंस एक्सिबिशन एंड कांफ्रेंस (IDEX) और नेवल डिफेन्स एंड मेरीटाइम सिक्योरिटी एक्सिबिशन (NAVDEX) में भी नियमित रूप से भाग लेते रहे हैं.[15]
भारतीय वायु सेना (IAF) ने मई 2016 में UAE की वायु सेना के के साथ एक द्विपक्षीय अभ्यास में भाग लिया और UAE वायु सेना के अधिकारी मार्च 2018 में आयोजित त्रिपक्षीय वायु अभ्यास में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हुए
घरेलू स्तर पर, UAE ने डिफेन्स सिक्योरिटी के लिए उन्नत तकनीकों को प्राथमिकता दी है, जो पारंपरिक हार्डवेयर से आगे बढ़कर अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों, क्वांटम कंप्यूटिंग और साइबर सुरक्षा को शामिल करती है. यह दूरदर्शी दृष्टिकोण मजबूत रक्षा क्षमताओं के लिए नवीन उपकरणों की आवश्यकता पर जोर देता है.
नवंबर 2024 में, ATRC की व्यवसायीकरण शाखा, VentureOne ने QuantumGate लॉन्च किया - एक उद्यम जो क्वांटम युग में ऑर्गनाइसेशनल डेटा की सुरक्षा के लिए उन्नत डेटा सुरक्षा उत्पादों को उपलब्ध करता है.[16] VentureOne ने SteerAI भी पेश किया है जो एक AI-संचालित मोबिलिटी प्रणाली है जो स्टैण्डर्ड औद्योगिक वाहनों को नागरिक और डिफेन्स ऍप्लिकेशन्स की मदद से ऑटोनोमस यूनिट में तब्दील करती है.[17]
अबू धाबी स्थित EDGE ग्रुप ने उन्नत रडार सिस्टम के निर्माण के लिए स्पेन के इंद्रा सिस्टेमा के साथ साझेदारी की है. EDGE के प्रबंध निदेशक हमद अल मारार ने घरेलू औद्योगिक क्षमताओं को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के साथ-साथ वायु, थल और समुद्री रक्षा प्रौद्योगिकियों को बढ़ाकर UAE को रडार इनोवेशन के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की रणनीतिक सोच पर बल दिया.[18] इसके अलावा, एमिरेट्स डिफेंस टेक्नोलॉजी (EDT), जो 1996 से डिफेन्स सोलूशन्स प्रदान कर रही है, वैश्विक ग्राहकों को सैन्य और रक्षा तकनीक देने के लिए साझेदारी और उपक्रमों के माध्यम से इनोवेशन करना जारी रख रही है.[19] इस बीच, तवाज़ुन काउंसिल ने नेवल ग्रुप और मारकेब टेक्नोलॉजीज के साथ मिलकर नेशनल कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (NCMS) बनाने के लिए एक संयुक्त विकास समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस पहल का उद्देश्य UAE नौसेना के नए और रेट्रोफिट नौसैनिक बेड़े को एक इंटीग्रेटेड और सॉवरिन CMS से लैस करना है.[20]
मिलिट्री स्फीयर की एक रिपोर्ट में UAE के सब्स्टॅन्शिअल रक्षा बजट पर प्रकाश डाला गया है, जो अनुसंधान, विकास और इनोवेशन में निवेश के पक्ष में है.[21] यह वित्तीय समर्थन रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. UAE तीव्र गति से साइबर वारफेयर टेक्नोलॉजीज, मानव रहित व्हीकल्स और AI जैसी उन्नत प्रौद्योगिकी को अपने रक्षा असले में सम्मिलित कर रहा है. उसका ध्यान एडवांस मिलिट्री एयरक्राफ्ट, जैसे कि फाइटर जेट और ड्रोन पर भी है जो उन्नत सेंसर और संचार सिस्टम से लैस है, की ओर भी है. ये सब गतिविधिया देश की निवारक क्षमताओं को बढ़ाती हैं और क्षेत्र में इसकी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करती हैं.[22] संक्षेप में, टेक संचालित रक्षा पहलों में UAE के सक्रिय निवेश ने इसे आधुनिक रक्षा प्रणालियों में अग्रणी और सैन्य प्रौद्योगिकियों में एक वैश्विक इनोवेटर के रूप में स्थापित किया है.
ग्रीन टेक्नोलॉजी
ग्रीनटेक और क्लीनटेक पर भारत-UAE साझेदारी रिन्यूएबल एनर्जी प्रोडक्शन, इनोवेशन और सोलूशन्स डेवलपमेंट पर जोर देती है. जो दोनों देशों को स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर वैश्विक बदलाव के लीडर के रूप में स्थापित करती है. अक्टूबर 2021 में, UAE ने स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए भारत को 75 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सोवरन फंड आवंटित करने का संकल्प लिया.[23] जनवरी 2023 में, क्लीन एनर्जी पर एक संयुक्त विज़न को स्पष्ट करने के कुछ महीनों के भीतर, भारत और UAE ने ग्रीन हाइड्रोजन के डेवलपमेंट और निवेश पर एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए,[24] जिसके परिणामस्वरूप भारत की रिन्यूएबल ऊर्जा क्षमता 60 गीगावाट तक बढ़ सकती है.[25]
कई अन्य पहल भी चल रही हैं. दोनों देश, कई अन्य देशों के साथ, रिन्यूएबल एनर्जी को अपनी सीमाओं के पार ट्रांसफर करने के लिए अपने बिजली ग्रिड को जोड़ने की संभावना का पता लगाने के लिए बातचीत कर रहे हैं और इस प्रकार ऊर्जा स्थिरता की दिशा में काम कर रहे हैं.[26] I2U2 के ढांचे के तहत, भारत और UAE संयुक्त रूप से भारतीय राज्य गुजरात में एक हाइब्रिड रिन्यूएबल एनर्जी परियोजना को आगे बढ़ा रहे हैं. अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने सौर और पवन परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए निजी भारतीय ग्रीन एनर्जी फर्मों में निवेश किया है. इसके अतिरिक्त, UAE स्थित क्लीन एनर्जी कंपनी मसदर ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण और ग्रीनटेक अपनाने में तेजी लाने के लिए भारत में विभिन्न संयुक्त उद्यमों की घोषणा की है.
अबू धाबी क्लीन एनर्जी चैंपियन के रूप में उभरा है और अबू धाबी द्वारा किए जाने वाले पहल UAE एनर्जी स्ट्रेटेजी 2050 के क्रियान्वयन के लिए बेजोड़ साबित हो रहे हैं. अबू धाबी ने ऊर्जा स्थिरता का एक नया मॉडल बनाने की योजना विकसित की है, जिसके तहत 2030 तक शहर के ऊर्जा स्रोतों में स्वच्छ ऊर्जा का योगदान 30 प्रतिशत होने की उम्मीद है. और 2030 तक 50,000 नई ग्रीन नौकरियाँ उत्पन्न होने और एनर्जी एफिशिएंट तकनीकों का व्यवस्थित रूप से विकास और उपयोग होने की उम्मीद है.[27] फ्रांस स्थित इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के साथ शहर की साझेदारी भी अबू धाबी और विश्व स्तर पर लो एमिशन तकनीकों और ऊर्जा नीति के कार्यों को आगे बढ़ाने में मदद कर रही है.[28]
महत्वपूर्ण बात यह है कि अबू धाबी शहर डीकार्बोनाइजेशन तकनीकों को विकसित करने के लिए Hub71 नामक अपने बेहतर तकनीकी इकोसिस्टम तंत्र का लाभ उठा रहा है. उदाहरण के लिए, अप्रैल 2024 में, Hub71 ने इस संबंध में अपने पहले डेडिकेटेड प्रोग्राम की घोषणा की, और Hub71 के 220 स्टार्टअप में से लगभग 20 वर्तमान में जलवायु प्रौद्योगिकी और स्थिरता पर केंद्रित समाधान बना रहे हैं.[29] यह संख्या बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि Hub71 डीकार्बोनाइजेशन पहल के लिए टेक्नोलॉजी स्टार्टअप के नए समूहों को आकर्षित करती है. विशेष रूप से लो कार्बन हाइड्रोजन का उत्पादन करने वाले उद्योग अब उद्यम के लिए प्राथमिकता बन रहे हैं, और अबू धाबी ने कार्बन-कटौती तकनीक और रिन्यूएबल एनर्जी परियोजनाओं के बढ़ावे के लिए अरबों डॉलर का निवेश किया है.[30]
डीप टेक
UAE में दुबई ने ऐतिहासिक रूप से वित्तीय क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया है और UAE को वैश्विक वित्तीय केंद्र बनने में मदद की है. पिछले कुछ दशकों में, दुबई ने खुद को अंतरराष्ट्रीय उद्यमों के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित किया है, और दुबई इंटरनेशनल फाइनेंस सेंटर (DIFC) की स्थापना, जो फिनटेक और इनोवेशन पर केंद्रित है, इस यात्रा में एक मील का पत्थर साबित हुई है.[31] AI दुबई का दूसरा फोकस क्षेत्र रहा है, जिसे मई 2024 में लॉन्च किए गए दुबई यूनिवर्सल ब्लूप्रिंट फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (DUB.AI) द्वारा आगे बढ़ाया गया है.[32] दुबई AI कैंपस AI व्यवसायों सहित तकनीकी स्टार्टअप को समर्पित को-वर्किंग स्पेस प्रदान करता है, जिनमें से 75 व्यवसाय पहले से ही 10,000 वर्ग फुट के पहले चरण के एक परिसर से संचालित हो रहे हैं.[33] दूसरे चरण में, परिसर में 2028 तक 500 कंपनियों को आकर्षित करने और 3,000 नौकरियों का सृजन करने की उम्मीद है. DIFC का कहना है कि उसने फिनटेक और डिजिटल एसेट वर्गों में विश्वास और बाज़ार की निश्चितता में सहायता के लिए दुनिया के कुछ सबसे नवीन कानून बनाए हैं.[34]
जिस तरह दुबई ने खुद को वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में स्थापित किया है, उसी तरह अबू धाबी तेजी से डीप टेक के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है.[b] अबू धाबी सरकार साझेदारी, सहयोग और ग्रीनफील्ड पहलों के माध्यम से डीप टेक में आक्रामक रूप से निवेश कर रही है. उदाहरण के लिए, अबू धाबी अब बार्सिलोना स्थित किलिमंजारो क्वांटम टेक के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर एक क्वांटम कंप्यूटर बना रहा है.[35] इसके अतिरिक्त, सरकार का क्वांटम रिसर्च सेंटर क्वांटम क्रिप्टोग्राफी, क्वांटम संचार और क्वांटम सेंसिंग जैसी अगली पीढ़ी की क्वांटम तकनीकों को विकसित करने का दावा भी करता है.[36]
जिस तरह दुबई ने खुद को वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में स्थापित किया है, उसी तरह अबू धाबी तेजी से डीप टेक के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है.[b] अबू धाबी सरकार साझेदारी, सहयोग और ग्रीनफील्ड पहलों के माध्यम से डीप टेक में आक्रामक रूप से निवेश कर रही है.
सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए, निजी वेंचर डीप टेक इनोवेशन के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने में मदद कर रहे हैं. DeepMinds के नाम से मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका (MENA) के क्षेत्र में नए डीप-टेक उद्यमों के निर्माण, संयोजन और स्केलिंग पर केंद्रित एक नया वेंचर स्टूडियो 2023 में लॉन्च किया गया था. अबू धाबी ग्लोबल मार्केट में स्थित, यह कंपनी एक डीप टेक फंड की भी योजना बना रहा है.[37] मसदर सिटी फ्री ज़ोन अबू धाबी के डीप टेक पर ध्यान केंद्रित करने का एक और उदाहरण है. सरकार के अनुसार, मसदर जीवन विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी का केंद्र बन गया है, जिसे क्षेत्र के उन्नत अनुसंधान एवं विकास संस्थानों, अनुबंध अनुसंधान संगठनों और अबू धाबी स्वास्थ्य विभाग और अबू धाबी निवेश कार्यालय की सरकार समर्थित पहलों का समर्थन प्राप्त है.[38]
सरकार और उद्यमियों के प्रयासों की संयुक्त कोशिश अबू धाबी को इस क्षेत्र में डीप टेक का निश्चित केंद्र बनने में सक्षम करेगा. UAE डीप टेक के क्षेत्र में अपनी प्राथमिकता को अपने सहयोगी समान विचारधारा वाले देश जैसे कि भारत और US के उद्यमियों और विशेषज्ञों की सहायता से आगे बढ़ा सकता है. वास्तव में, UAE और भारत के डीप टेक इकोसिस्टम के बीच मजबूत तालमेल है और कई महत्वपूर्ण और इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज के साथ-साथ अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों के एप्लिकेशन के आसपास सहयोग पहले से ही हो रहे हैं.[39]
ओपन, सहयोगी तकनीकी सिस्टम का निर्माण
तकनीकी इनोवेशन सामाजिक प्रभाव और सहयोगी मूल्य प्रणालियों से अलग-थलग नहीं हो सकते. ऐतिहासिक रूप से, जो इनोवेशन अब तक चल रहे है और पनपे हैं, वे वो हैं जो इंटेलिजेंस को क्राउडसोर्स करने में सक्षम थे जैसे कि इंटरनेट और सेलफोन सिस्टम. ये वो इनोवेशन है जिन्होंने सहयोगी इनोवेशन को अपनाया.
1990 के दशक में एक ओपन ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में लिनक्स का विकास, उसके बाद एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास, ओपन टेक सिस्टम के पक्ष में मजबूत तर्क है. डिजिटल दुनिया में अरबों उपभोक्ताओं का समावेश सहयोगी, ओपन-टेक सिस्टम के बिना संभव नहीं होता. लेगसी अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में नागरिकों और उपभोक्ताओं को सस्ते डेटा और इंटरनेट सेवाओं की पहुँच से लाभ हुआ है.
साथ ही, चीन जैसी अर्थव्यवस्थाओं में क्लोज्ड टेक सिस्टम अभी भी प्रचलित हैं, जहां वैश्विक कंपनियों की पहुंच सीमित है. कुछ लोग तर्क दे सकते हैं कि प्रत्येक देश को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए डिजिटल आयरन वॉल बनाने का उचित अधिकार है. यह तर्क उपयोगकर्ताओं की जानकारी का दुरुपयोग होने से बचाने पर आधारित है. डेटा लोकलाईसेशन के लिए यह तर्क कई सोवरन सरकारों के बीच भी लोकप्रिय हो रहे हैं.
दुनिया को ओपन-टेक्नोलॉजी सिस्टम की ज़रूरत है और आगे की दिशा के लिए एक संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है. देशों के बीच डिजिटल आयरन वाल इनोवेशन को बाधित करेगी. डिजिटल युग में पृथक अर्थव्यवस्थाओं के हितों की रक्षा के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण की आवश्यकता है.
UAE, भारत और अमेरिका के नज़दीकी सहयोग में ओपन-टेक सिस्टम के भविष्य को परिभाषित करने का बहुमूल्य अवसर है. अमेरिका ऐतिहासिक रूप से एक खुली अर्थव्यवस्था रही है, अमेरिकी तकनीक दुनिया को लाभ पहुंचाती है. भारत भी एक खुली अर्थव्यवस्था है और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के माध्यम से अपने इनोवेशन से डिजिटल डिवाइड को पाट रहा है.
UAE, भारत और अमेरिका के नज़दीकी सहयोग में ओपन-टेक सिस्टम के भविष्य को परिभाषित करने का बहुमूल्य अवसर है. अमेरिका ऐतिहासिक रूप से एक खुली अर्थव्यवस्था रही है, अमेरिकी तकनीक दुनिया को लाभ पहुंचाती है. भारत भी एक खुली अर्थव्यवस्था है और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के माध्यम से अपने इनोवेशन से डिजिटल डिवाइड को पाट रहा है. DPI देश के विकास की आवश्यकताओं को नए सिरे से हल करने के लिए स्टार्टअप्स को सरकार के साथ काम करने की मंजूरी भी दे रही है. UAE ने विश्व के विकास मार्ग के संगम में स्थित होने के साथ-साथ प्रौद्योगिकी को खुले मन से अपनाया है और कई नए इनोवेशन को दिशा दी है. और अबू धाबी ग्लोबल साउथ को लाभ पहुंचाने के लिए डीप टेक में अपने निवेश की ताकत का उपयोग कर सकती है.
AI के आगमन के साथ दुनिया एक निर्णायक मोड़ पर है. इनोवेटर्स, रेगुलेटर और सिविल सोसाइटी के सामने ओपन-सोर्स AI सॉल्यूशन या क्लोज्ड AI बनाने का विकल्प है.[C] यूरोपीय रेगुलेटर ने जनरेटिव AI (GenAI) बॉट्स द्वारा प्राइवेसी और डेटा उल्लंघनों पर चिंता जताई है,[40] जबकि मेटा जैसी कंपनियां ओपन AI इनोवेशन के लिए उत्सुक हैं.[41] माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाली OpenAI जैसी अन्य कंपनियों के बारे में इस बात की राय है कि AI इतना शक्तिशाली है कि उसे खुला नहीं रखा जा सकता है और बिना निगरानी के AI इनोवेशन से ऐसी कंपनियों का निर्माण हो सकता है जिस पर नियंत्रण करना मुश्किल हो.[42]
उनका कहना है कि UAE, भारत और US भविष्य में इस मसले पर मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं. वे संयुक्त रूप से AI के विकास के लिए अनपेक्षित नकारात्मक परिणामों को रोकने के कुछ प्रावधान के साथ ओपन, सहयोगी सिस्टम बना सकते हैं. तीनो देशों में से प्रत्येक के पास एक विशेष खूबी हैं जो ओपन-टेक सिस्टम के भविष्य को आगे बढ़ा सकती हैं और वैश्विक विकास के अगले चरण के लिए इनोवेशन को बढ़ावा दे सकती हैं. सिलिकॉन वैली की टेक दिग्गज कंपनियां, भारत की यूनिकॉर्न और अबू धाबी का क्षेत्रीय ओपन-टेक सिस्टम की सफ़लता में क्षेत्रीय वर्चस्व ओपन टेक की सफ़लता को सुनिश्चित कर सकते हैं.
भविष्य की दिशा
निरंतर आगे बढ़ रहे भारत-UAE संबंध रक्षा, ग्रीनटेक और डीप टेक से परे विस्तारित सहयोग के लिए उपजाऊ ज़मीन उपलब्ध करते हैं. जैसे-जैसे दोनों देश अपने तकनीकी संबंधों को मजबूत करते हैं, निम्नलिखित पाँच क्षेत्र साझेदारी के लिए महत्वपूर्ण नए आधार के रूप में उभर सकते हैं.
- अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और उपग्रह ऍप्लिकेशन्स: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित कम लागत वाली, हाई प्रिसिशन अंतरिक्ष क्षमताएं UAE के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम के पूरक का काम कर सकती हैं, जिसमें मंगल मिशन और चंद्र रोवर परियोजनाएं शामिल हैं. मौजूदा द्विपक्षीय अंतरिक्ष स्ट्रेटेजी प्रयासों के आधार पर,[43] दोनों देश आपसी चुनौतियों का समाधान करने और स्केलेबल वैश्विक समाधान उत्पन्न करने के लिए कृषि, आपदा प्रबंधन और अर्बन प्लानिंग के लिए उपग्रह-आधारित प्रणालियों के सह-विकास का पता लगा सकते हैं. UAE की स्पेस टेक्नोलॉजी फंडिंग और उपग्रह निर्माण और प्रक्षेपण सेवाओं में भारत की विशेषज्ञता आपसी लाभ के तालमेल बना सकती है.
- डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर: UAE ने नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया से लाइसेंस प्राप्त तकनीक द्वारा समर्थित अपनी राष्ट्रीय डेबिट और क्रेडिट कार्ड प्रणाली, जयवान लॉन्च की है.[44] जयवान प्रणाली का हालांकि क्रियान्वयन मुख़्यधारा में हो रहा है लेकिन इसके बावजूद दोनों देश अपने राष्ट्रीय भुगतान प्लेटफार्मों, भारत के यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) और UAE के AANI, को जोड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं. यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि निर्बाध तरीके से सीमा पार लेनदेन और धन के ट्रांसफर की सुविधा मिल सके.[45] UPI भारत के DPI का एक मुख़्य पहलू है, UAE और भारत तीसरे देशों के साथ विकास सहयोग के उपकरण के रूप में UPI और भारत के राष्ट्रीय डिजिटल आइडेंटिटी मॉडल जैसे अन्य DPI का लाभ उठा सकते हैं.
- स्मार्ट कृषि और कृषि प्रौद्योगिकी: भारत और UAE संयुक्त रूप से खाद्य सुरक्षा और कृषि से जुड़ी आजीविका को बढ़ावा दे रहे हैं, दोनों देश लगभग 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर के शुरुआती निवेश के साथ खाद्य कॉरिडोर की योजना को आगे बढ़ा रहे हैं.[46] वे भारत की कृषि प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता और UAE की वित्त पोषण क्षमताओं का उपयोग करते हुए वाटर एफिशिएंट खेती में क्रांति लाने के लिए AI-संचालित सटीक कृषि पर भी सहयोग कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त, उपग्रह इमेजरी दोनों देशों को खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए वास्तविक समय में खेत की मिट्टी के स्वास्थ्य की निगरानी और विश्लेषण करने में मदद कर सकती है.
- हेल्थटेक और बायोटेक्नोलॉजी: भारत और UAE ने स्वास्थ्य और लाइफ साइंस, विशेष रूप से बायोटेक्नोलॉजी के उपयोग और फार्मास्यूटिकल्स के विकास पर सहयोग करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है.[47] चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में भारत के विशाल फार्मास्युटिकल आधार और इनोवेशन नवाचार क्षमता, जैव प्रौद्योगिकी में UAE के निवेश के साथ मिलकर जीनोम एडिटिंग, वैक्सीन विकास और व्यक्तिगत चिकित्सा में सफ़लता प्राप्त कर सकते हैं. क्रॉस बॉर्डर स्वास्थ्य सेवा वितरण के लिए टेलीमेडिसिन प्लेटफ़ॉर्म की स्थापना से पिछड़े क्षेत्रों में पहुंच में सुधार हो सकता है. अंत में, UAE का उन्नत स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचा भारत में विकसित AI-आधारित डायग्नोस्टिक और प्रेडिक्टिव स्वास्थ्य सेवा उपकरणों के लिए एक आदर्श परीक्षण स्थल हो सकता है.
- साइबर सुरक्षा और डेटा सुरक्षा: 2016 में, भारत और UAE ने "साइबर स्पेस में तकनीकी सहयोग और साइबर अपराध का मुकाबला करने" पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें अन्य गतिविधियों के अलावा, साइबर सुरक्षा को संयुक्त रूप से बढ़ावा देना, साइबर अपराध से लड़ने के लिए सहयोग और प्रशिक्षण और बेस्ट प्रेक्टिसेस, पालिसी अप्प्रोचेस दृष्टिकोणों और पुलिस ऍप्लिकेशन्स का आदान-प्रदान शामिल था.[48] इस संबंध में अतिरिक्त कदमों में भारत की विशाल तकनीकी टैलेंट और UAE के साइबर-बुनियादी ढांचे का लाभ उठाकर साइबर सुरक्षा समाधानों का संयुक्त विकास, डिजिटल भुगतान क्षेत्र में भारत के नेतृत्व और ब्लॉकचेन पहलों में दुबई की विशेषज्ञता को देखते हुए डिजिटल बैंकिंग और फिनटेक के लिए सुरक्षित प्रणालियों का विकास; और सुरक्षित, निजी और सेफ डिजिटल लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए डेटा सुरक्षा के लिए विकसित ढांचे की स्थापना शामिल हो सकते हैं.
चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में भारत के विशाल फार्मास्युटिकल आधार और इनोवेशन नवाचार क्षमता, जैव प्रौद्योगिकी में UAE के निवेश के साथ मिलकर जीनोम एडिटिंग, वैक्सीन विकास और व्यक्तिगत चिकित्सा में सफ़लता प्राप्त कर सकते हैं.
एक नई तकनीकी तिगड़ी का निर्माण
भारत, UAE और अमेरिका के पास तकनीकी सहयोग के अगले चरण को आकार देने का अब एक यूनिक अवसर है. दोनों देशों के बीच पहले से ही विभिन्न तकनीकी सहयोग के समझौते हैं.
उदाहरण के लिए, iCET में दोनों देशों की कई कंपनियां शामिल हैं, जिनमें उद्योग, शिक्षा और सरकारी उपक्रम शामिल हैं.[d] जनवरी 2024 में भारत की यात्रा के बाद, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा, "iCET का मूल आधार यह है कि, नए सिरे से भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के युग में, USA और भारत को महत्वपूर्ण तकनीकों के विकास, प्रसार और संरक्षण पर सहयोग करना चाहिए — आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर बायोटेक्नोलॉजी तक और उससे आगे भी.”[49]
अमेरिका और UAE के बीच AI पर सहयोग के लिए एक समझौता है, जो सितंबर 2023 से लागू है.[e] समझौते के मुख्य स्तंभ है सेफ, सिक्योर और भरोसेमंद AI को आगे बढ़ाना, रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का इनोवेशन इकोसिस्टम के साथ सामंजस्य बिठाना, एथिकल AI रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा देना, AI प्रोटेक्शन और साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना, टैलेंट के विकास और एक्सचेंज को क्रियान्वित करना, AI -संचालित भविष्य को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहित करना और विकासशील देशों में सतत विकास के लिए AI का उपयोग करना शामिल है.[50]
इसी तरह, भारत और यूएई के बीच उन्नत प्रौद्योगिकियों पर एक समझौता है. [f] UAE भारत में सातवां सबसे बड़ा निवेशक है, जिसका अनुमानित क्युमुलेटिव इन्वेस्टमेंट अप्रैल 2000 और जून 2024 के बीच 19 बिलियन अमेरिकी डॉलर है.[51] 2023 तक, भारत-UAE व्यापार का मूल्य लगभग 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.[52] 2022 में दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता अगले पांच वर्षों में भारत और UAE के बीच व्यापार को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ा सकता है.[53]
जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी तेजी से राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ जुड़ती जा रही है, सरकारें तकनीकी प्रगति की देखरेख और मार्गदर्शन करने में अधिक सक्रिय होती जा रही हैं. यह बदलाव कई कारणों से प्रेरित है:
- गवर्नमेंट ओवरसाइट: व्यावसायिक प्रौद्योगिकी, प्रतिबंधित या दोहरे उपयोग वाली तकनीकों को छोड़कर, पारंपरिक रूप से न्यूनतम प्रत्यक्ष सरकारी भागीदारी के साथ संचालित होती रही है. हालांकि, जैसे-जैसे स्टेक यानी बाजी इन विषयों पर बढ़ती जा रही हैं, सरकारें यह सुनिश्चित करने के लिए आगे आ रही हैं कि इन तकनीकों का विकास और उपयोग ज़िम्मेदार तरीके से किया जाए.
- राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंताएं: AI, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ड्रोन, क्वांटम कंप्यूटिंग, जैव प्रौद्योगिकी और जीन प्रौद्योगिकी जैसी उभरती हुई प्रौद्योगिकियां राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने की क्षमता रखती हैं. सरकारें इन तकनीकों के दुर्भावनापूर्ण उपयोग या गलत हाथों में पड़ने के प्रति सतर्क हैं.
- लोकतंत्रों के बीच सहयोग: समान विचारधारा वाले लोकतंत्र राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रौद्योगिकी पर तेजी से सहयोग कर रहे हैं. यह सहयोग अक्सर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) और विदेश मंत्रालयों द्वारा संचालित होता है, जो इन तकनीकों के रणनीतिक महत्व को दर्शाता है.
- पांचवीं औद्योगिक क्रांति: पांचवीं औद्योगिक क्रांति में सस्टेनेबिलिटी, व्यवसाय और नागरिक सुरक्षा में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. सरकारों ने भी अब मान लिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने के लिए टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन में अग्रणी होना आवश्यक है.
ये सारे मुद्दे एक कॉम्प्लेक्स डायनामिक को स्वरूप देने में सहायक हैं जो इनोवेशन, सिक्योरिटी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बीच संतुलन वैश्विक संबंधों के भविष्य को आकार देगा.
भारत, UAE और अमेरिका के पास टेक्नोलॉजी सहयोग के लिए अपनी द्विपक्षीय व्यवस्थाओं के साथ पहले से ही मूलभूत व्यवस्थाएं हैं. द्विपक्षीय संबंधों के लाभों को त्रिपक्षीय ढांचे में शामिल करने के लिए एक नई संरचना बनाई जा सकती है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प त्रिपक्षीय तकनीकी साझेदारी को प्रोत्साहित करने और उसका समर्थन करने की मजबूत स्थिति में हैं, और इस संबंध को गहरा करने से ओपन टेक सिस्टम के बीच सहयोग के उनके संकल्प को और बल मिलेगा. इसके बाद तीनों देश सामूहिक रूप से टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन को आगे बढ़ाने के लिए अपनी उपलब्धियों का योगदान दे सकते हैं. यह नया ढांचा ग्लोबल साउथ की कुछ चुनौतियों को हल करने के लिए तकनीक-आधारित समाधानों की एक श्रृंखला प्रदान करने में मदद कर सकता है.
निष्कर्ष
आपसी विश्वास और साझा आकांक्षाओं पर आधारित भारत-UAE तकनीकी साझेदारी समकालीन टेक्नोलॉजिकल कोऑपरेशन के लिए एक प्रेरक प्रसंग है. जैसे-जैसे दोनों देश रक्षा, ग्रीनटेक, डीप टेक और अन्य क्षेत्रों में अपने सहयोग को आगे बढ़ा रहे हैं, वे न केवल तात्कालिक प्राथमिकताओं का समाधान ढूंढ रहे हैं बल्कि दीर्घकालिक इनोवेशन और स्थिरता के लिए आधार भी तैयार कर रहे हैं. अत्याधुनिक तकनीकों में अबू धाबी के रणनीतिक निवेश और दुबई के स्टार्टअप इकोसिस्टम UAE के दूरदर्शी दृष्टिकोण का उदाहरण है और भारत की DPI, रिन्यूएबल एनर्जी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में मजबूत क्षमता इसका प्रबल पूरक बन रही है.
हालांकि, यह साझेदारी केवल द्विपक्षीय गतिशीलता से कई कदम आगे है. भारत, UAE और अमेरिका के बीच उभरते त्रिपक्षीय संबंध वैश्विक तकनीकी नेतृत्व को फिर से परिभाषित कर सकते हैं. इन तीनों देशों में प्रत्येक देश की अपनी अनूठी ताकत है: UAE के पास क्षेत्रीय प्रभाव और निवेश क्षमता है, भारत के पास तकनीकी विशेषज्ञता और डेमोक्रेटिक इनोवेशन है, और अमेरिका के पास वैश्विक तकनीकी अग्रणी के रूप में एक विरासत है. ये तीन देश साथ मिलकर एक खुले और परस्पर सहयोगी सिस्टम बना सकते हैं जो एथिकल AI, सस्टेनेबल एनर्जी और इक्विटेबल डिजिटल एक्सेस को प्राथमिकता देते हैं और जिससे उनके अपने देशवासियों के साथ-साथ व्यापक ग्लोबल साउथ को भी लाभ मिलता है.
ये तीन देश साथ मिलकर एक खुले और परस्पर सहयोगी सिस्टम बना सकते हैं जो एथिकल AI, सस्टेनेबल एनर्जी और इक्विटेबल डिजिटल एक्सेस को प्राथमिकता देते हैं और जिससे उनके अपने देशवासियों के साथ-साथ व्यापक ग्लोबल साउथ को भी लाभ मिलता है.
जैसे-जैसे तकनीक राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बन रही है, यह त्रिपक्षीय साझेदारी रेस्पॉन्सिबल इनोवेशन के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकती है. रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को बढ़ावा देने, प्रतिभा विकास को आगे बढ़ाने और अपनी संयुक्त विशेषज्ञता का लाभ उठाने से तीनों देश तकनीकी विकास के एक नए युग की शुरुआत कर सकते हैं जो समावेशी, टिकाऊ और सुरक्षित है. इस प्रकार, त्रिपक्षीय ढांचे से मजबूत भारत-UAE प्रौद्योगिकी संबंध, परिवर्तनकारी प्रभाव डालने के लिए तैयार हो रहे हैं, जो डिजिटल युग में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए मानक स्थापित करने का काम करेगा.
[1] Riyad Mathew, Ajish P Joy and Namrata Biji Ahuja, “This is the closes India and the UAE have ever been,” The Week, January 5, 2025.
[2] Ministry of External Affairs, Government of India, Joint India-UAE Vision Statement (New Delhi: Ministry of External Affairs, 2022), https://www.mea.gov.in/bilateral-documents.htm?dtl/34877/
[3] “India and UAE: A strengthened defence partnership,” DD News, July 14, 2024, https://ddnews.gov.in/en/india-and-uae-a-strengthened-defence-partnership/#:~:text=
[4] Ministry of External Affairs, “4th India-UAE Strategic Dialogue and 15th India-UAE Joint Commission Meeting,” December 13, 2024, https://www.mea.gov.in/bilateral-documents.htm?dtl/38786/
[5] US Department of State, “I2U2: India, Israel, United Arab Emirates, United States,” https://www.state.gov/i2u2/
[6] Pia Krishnakutty, “US declares UAE ‘major defence partner’, paves way for trilateral exercises with India. What this means,” The Print, September 24, 2024, https://theprint.in/diplomacy/us-declares-uae-major-defence-partner-paves-way-for-trilateral-exercises-with-india-what-this-means/2281990/
[7] “Fact Sheet: US-UAE Partnership to Accelerate Transition to Clean Energy (PACE),” The White House, November 1, 2022, https://www.whitehouse.gov/briefing-room/statements-releases/2022/11/01/fact-sheet-u-s-uae-partnership-to-accelerate-transition-to-clean-energy-pace/#
[8] “United States and United Arab Emirates Cooperation on Artificial Intelligence,” The White House, September 23, 2024, https://www.whitehouse.gov/briefing-room/statements-releases/2024/09/23/united-states-and-united-arab-emirates-cooperation-on-artificial-intelligence/
[9] Advanced Technology Research Council, “Our Purpose,” https://www.atrc.gov.ae/about-atrc
[10] Technology Innovation Institute, “About TII,” https://www.tii.ae/about-us
[11] “SIDM signs two MoUs on defence industry cooperation with UAE partners,” DD News, September 18, 2024, https://ddnews.gov.in/en/sidm-signs-two-mous-on-defence-industry-cooperation-with-uae-partners/
[12] “SIDM signs two MoUs on defence industry cooperation with UAE partners”
[13] Embassy of India, Abu Dhabi, UAE, “India UAE Bilateral Defence Cooperation,” https://indembassyuae.gov.in/defence-relation.php
[14] Embassy of India, Abu Dhabi, UAE, “India UAE Bilateral Defence Cooperation”
[15] Embassy of India, Abu Dhabi, UAE, “India UAE Bilateral Defence Cooperation”
[16] “ATRC’s VentureOne launches QuantumGate to secure data for the quantum era at CyberQ,” Advanced Technology Research Council, November 13, 2024, https://www.atrc.gov.ae/news/atrcs-ventureone-launches-quantumgate-secure-data-quantum-era-cyberq
[17] “ATRC entity unveils SteerAI, new tech venture set to transform industrial vehicles into autonomous powerhouses,” Advanced Technology Research Council, November 4, 2024, https://www.atrc.gov.ae/news/atrc-entity-unveils-steerai-new-tech-venture-set-transform-industrial-vehicles-autonomous
[18] “EDGE, Indra formalize joint venture ‘PULSE’ to design, manufacture radars in Abu Dhabi,” Emirates News Agency, December 18, 2024, https://www.wam.ae/en/article/b6r5ri7-edge-indra-formalise-joint-venture-pulse-design
[19] Emirates Defence Technology, “About Emirates Defence Technology”
[20] “Tawazun Council seals strategic partnership for development of National Combat Management System for UAE Navy,” Tawazun Council, March 8, 2024, https://www.tawazun.gov.ae/tawazun-council-seals-strategic-partnership-for-development-of-national-combat-management-system-for-uae-navy/
[21] “Exploring the defence industry of the UAE: A comprehensive analysis,” Military Sphere, July 2, 2024, https://militarysphere.com/defense-industry-of-the-uae/
[22] “Exploring the defence industry of the UAE: A comprehensive analysis”
[23] UIBC and Nangia Andersen LLP, Modern Energy | Building Sustainable Resilience through Collaboration: India-UAE Partnership in Renewable Energy, 2024, https://uibc.org/Final/cms/upload/UIBC%20Report_.pdf
[24] “India, UAE reach agreement on green hydrogen development and undersea cable connectivity,” ANI, January 13, 2023, https://www.aninews.in/news/world/middle-east/india-uae-reach-agreement-on-green-hydrogen-development-and-under-sea-cable-connectivity20230113200007/
[25] UAE Ministry of Foreign Affairs, “UAE and India sign agreements for investment cooperation across multiple sectors,” January 10, 2024, https://www.mofa.gov.ae/en/missions/new-delhi/media-hub/embassy-news/uae-and-india-sign-agreements-for-investment-cooperation-across-multiple-sectors
[26] Saurav Anand, “India in talks with Gulf, Asia nations for cross-border power grid links under OSOWOG,” Economic Times, November 6, 2024, https://energy.economictimes.indiatimes.com/news/power/india-in-talks-with-gulf-asia-nations-for-cross-border-power-grid-links-under-osowog/114998530#:~:text
[27] Abu Dhabi Department of Economic Development, “Clean Energy,” https://www.added.gov.ae/en/invest/growth-sectors/clean-energy#:~:text=
[28] “Abu Dhabi Department of Energy partners with International Energy Agency to advance renewable energy and low-emission technologies,” Abu Dhabi Media Office, December 14, 2023, https://www.mediaoffice.abudhabi/en/energy/doe-partners-with-international-energy-agency-to-advance-renewable-energy-efficiency-and-low-emission-technologies/
[29] Amy Gunia, “This oil capital wants to be a hub for climate tech,” CNN, July 25, 2024, https://edition.cnn.com/2024/07/25/tech/abu-dhabi-climate-tech-hnk-spc/index.html
[30] Gunia, “This oil capital wants to be a hub for climate tech”
[31] “Who we are | Dubai International Financial Centre,” DIFC, https://www.difc.ae/who-we-are
[32] The United Arab Emirates’ Government Portal, “Dubai Universal Blueprint for Artificial Intelligence,” https://u.ae/en/about-the-uae/strategies-initiatives-and-awards/strategies-plans-and-visions/government-services-and-digital-transformation/dubai-universal-blueprint-for-ai#:~:text=
[33] “Hamdan bin Mohammed inaugurates Dubai AI Campus cluster at the DIFC Innovation Hub,” DIFC, May 18, 2024, https://www.difc.ae/whats-on/news/hamdan-bin-mohammed-inaugurates-dubai-ai-campus-cluster-at-the-difc-innovation-hub
[34] “DIFC continues to drive the future of finance with outstanding H1 2024 results,” DIFC, July 30, 2024, https://www.difc.ae/whats-on/news/difc-continues-to-drive-the-future-of-finance-with-outstanding-h1-2024-results
[35] “In a first, UAE to build quantum computer,” Abu Dhabi Media Office, April 21, 2021, https://www.mediaoffice.abudhabi/en/technology/in-a-first-uae-to-build-quantum-computer/
[36] Technology Innovation Institute, “Quantum Research Centre,” https://www.tii.ae/quantum
[37] Carrington Malin, “DeepMinds to build deep tech clusters,” Middle East AI News, October 24, 2023, https://www.middleeastainews.com/p/deepminds-to-build-mena-deep-tech-clusters
[38] “Join Abu Dhabi’s fastest growing life sciences and biotechnology cluster at Masdar City Free Zone,” Masdar City, https://masdarcity.ae/tech-and-innovation/life-sciences
[39] Prateek Tripathi and Sameer Patil, Uncharted Territories: The Promise of Deep Tech for India and UAE, Observer Research Foundation, August 2024, https://www.orfonline.org/research/uncharted-territories-the-promise-of-deep-tech-for-india-and-uae
[40] Natasha Lomas, “Google’s GenAI facing privacy risk assessment scrutiny in Europe,” TechCrunch, September 12, 2024, https://techcrunch.com/2024/09/12/googles-genai-facing-privacy-risk-assessment-scrutiny-in-europe/
[41] “Meta challenges OpenAI and Google with open-source AI,” Industry Week, July 19, 2023, https://www.industryweek.com/technology-and-iiot/emerging-technologies/article/21269825/meta-challenges-openai-and-google-with-open-source-ai
[42] Adam Clark, “Microsoft and Google want to dominate the AI economy. Open-source models are a threat,” Barron’s, July 19, 2023, https://www.barrons.com/articles/microsoft-google-alphabet-ibm-meta-ai-stock-256bd9b0
[43] Department of Space, Government of India, https://pib.gov.in/Pressreleaseshare.aspx?PRID=1880804#:~:text=
[44] Mintu Jacob, “Friends indeed: The relationship between India and the UAE is a testament to the power of diplomacy, trade, and people-to-people contact,” The Week, January 5, 2025
[45] “India and UAE to interlink payment systems for smooth cross-border transactions,” DD News, October 8, 2024, https://ddnews.gov.in/en/india-and-uae-to-interlink-payment-systems-for-smooth-cross-border-transactions/
[46] Jaden Matthew Paul, “India, UAE to set up food corridor with $2 billion initial funding,” Business Standard, October 7, 2024, https://www.business-standard.com/industry/news/india-uae-targets-food-corridor-with-2-billion-initial-investment-124100700975_1.html
[47] Ministry of Commerce and Industry, Government of India, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1964714#:~:text=
[48] Ministry of External Affairs, Government of India, Memorandum of Understanding on Technical Cooperation in Cyberspace and Combating Cybercrime between the Ministry of Home Affairs of the Republic of India and the Ministry of Interior of the United Arab Emirates (New Delhi: Ministry of External Affairs, 2016), https://www.mea.gov.in/Portal/LegalTreatiesDoc/AR16B2451.pdf
[49] “Remarks of National Security Advisor Jake Sullivan a new frontier for the US-India partnership,” The White House, January 6, 2025, https://www.whitehouse.gov/briefing-room/speeches-remarks/2025/01/06/remarks-of-national-security-advisor-jake-sullivan-a-new-frontier-for-the-u-s-india-partnership/
[50] “United States and United Arab Emirates Cooperation on Artificial Intelligence,” The White House, September 23, 2024, https://www.whitehouse.gov/briefing-room/statements-releases/2024/09/23/united-states-and-united-arab-emirates-cooperation-on-artificial-intelligence/
[51] Ministry of Finance, Government of India, https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2062692#:~:text=
[52] Ministry of External Affairs, India-UAE bilateral relations (New Delhi: Ministry of External Affairs, 2024), https://www.mea.gov.in/Portal/ForeignRelation/India_UAE2024n.pdf
[53] “Cabinet approves MoU between India and UAE on cooperation in the field of industries and advanced technologies,” PM India, June 8, 2022, https://www.pmindia.gov.in/en/news_updates/cabinet-approves-mou-between-india-and-united-arab-emirates-uae-on-cooperation-in-the-field-of-industries-and-advanced-technologies/
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