पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच द्वारा 28 जुलाई को सर्वसम्मति से फैसला सुनाए जाने के बाद उन्हें अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही नाटकीय रूप से इस्तीफा देने के लिए विवश होना पड़ा है। इस बात का श्रेय शरीफ को जाता है कि उन्होंने बिना किसी तरह की रुकावट डाले, फैसले को मानते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) (पीएमएल(एन)) ने इसका पुरज़ोर विरोध किया और इस फैसले को शरीफ को पद से बेदखल करने की साजिश करार दिया। शरीफ ने कहा कि फैसले के बारे में “गंभीर संदेह” होने के बावजूद वे कोर्ट के फैसले का पालन करेंगे। पीएमएल(एन) पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि वे इस फैसले को चुनौती देने के लिए सभी कानूनी और संवैधानिक तरीके अपनाएंगे। शरीफ के समर्थकों को यकीन है कि उन पर लगे आजीवन प्रतिबंध के बावजूद, अतीत की ही तरह वे इस बार भी वापसी करेंगे।
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