चीन और तकनीक पर बातचीत के दौरान अक्सर चीन के गेमिंग उद्योग का ज़िक्र छेड़ दिया जाता है लेकिन ये शायद सबसे तेज़ी से बढ़ते घरेलू तकनीकी सेक्टर में से एक है. चीन को “दुनिया में गेमिंग उद्योग की राजधानी” भी कहा जाता है. इसकी वजह ये है कि वैश्विक वीडियो गेम उद्योग में चीन का हिस्सा क़रीब 25 प्रतिशत है. अकेले चीन में लगभग 665 मिलियन खिलाड़ी हैं जो चीन की आधी आबादी के क़रीब है. ये सेक्टर महामारी के दौरान मज़बूती से बढ़ा. 2020 की पहली छमाही के दौरान क्लाउड गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स का विक्रय राजस्व क्रमश: 79.35 प्रतिशत और 53.69 प्रतिशत बढ़ा.
2000-2015 के दौरान जो मोबाइल गेमिंग उद्योग गेमिंग कॉन्सोल पर पाबंदी की वजह से पस्त पड़ा हुआ था, वो स्मार्टफ़ोन और इंटरनेट तक मिडिल क्लास की पहुंच की वजह से तेज़ी से बढ़ने लगा. वर्तमान में 32 अरब अमेरिकी डॉलर की क़ीमत के साथ मोबाइल गेम गेमिंग उद्योग के बाज़ार में सबसे बड़ा हिस्सा है. हर जगह मौजूद मोबाइल ऐप के भीतर खेले जाने वाले मिनी गेम ने गेमिंग उद्योग में सामाजिक तत्व को जोड़ दिया है. बाद में ई-स्पोर्ट्स ने गेमिंग सेक्टर की लोकप्रियता को और बढ़ा दिया.
वर्तमान में 32 अरब अमेरिकी डॉलर की क़ीमत के साथ मोबाइल गेम गेमिंग उद्योग के बाज़ार में सबसे बड़ा हिस्सा है. हर जगह मौजूद मोबाइल ऐप के भीतर खेले जाने वाले मिनी गेम ने गेमिंग उद्योग में सामाजिक तत्व को जोड़ दिया है. बाद में ई-स्पोर्ट्स ने गेमिंग सेक्टर की लोकप्रियता को और बढ़ा दिया.
लेकिन जिस वक़्त चीन बड़े स्तर पर अपने इंटरनेट उद्योग को दुरुस्त करने की कोशिश कर रहा है, उसी वक़्त ये उद्योग अनिश्चितता के दौर से भी गुज़र रहा है. चीन ने “वीडियो गेम पर दुनिया में सबसे सख़्त पाबंदी” को लागू किया है ताकि “बच्चों के बीच वीडियो गेम की लत को काबू” में किया जा सके और “असरदार तरीक़े से नाबालिगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा” की जा सके. चीन ने शुक्रवार, सप्ताहांत और सार्वजनिक छुट्टियों के दिन नाबालिगों को सुबह 8 बजे से लेकर रात 9 बजे तक वीडियो गेम खेलने की मंज़ूरी दी है. जब से सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ फाइनेंस ने ऑनलाइन गेम को आध्यात्मिक अफीम और इलेक्ट्रॉनिक ड्रग कहते हुए उसकी आलोचना करने वाला लेख प्रकाशित किया है, तब से गेमिंग उद्योग को इस बात की आशंका थी कि उस पर कोई क़ानूनी प्रहार होगा. अगले ही दिन इस उद्योग की अग्रणी कंपनी टेनसेंट ने खेलने के समय पर अपनी तरफ़ से नियंत्रण का एलान किया. ये कोई पहला मौक़ा नहीं था जब सरकारी मीडिया ने गेमिंग की बड़ी कंपनियों को फटकार लगाई थी. 2017 में पीपुल्स डेली ने चीन के इतिहास का अपमान करने, चीन के मूल्यों को कम करके आंकने और चीन के समाज में ज़हर भरने के लिए टेनसेंट के ऑनर ऑफ किंग्स समेत कई “लत लगाने वाले” ऑनलाइन गेम की आलोचना की थी.
गेमिंग की लत के शिकार जो बच्चे दबाब देकर, चोरी करके या ख़रीदकर वयस्क की आईडी हासिल करने में नाकाम रहते हैं वो गेम के पायरेटेड वर्ज़न को हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.
चीन पिछले कुछ वर्षों से अपनी युवा आबादी पर गेमिंग के नकारात्मक असर को सीमित करने की कोशिश कर रहा है. ख़बरों के मुताबिक़ चीन की 13.2 प्रतिशत नाबालिग आबादी हफ़्ते के काम-काजी दिनों में दो घंटे से ज़्यादा समय तक गेम खेलती है. 2016 में चीन ने गेम में लूट बॉक्स जैसे माइक्रो ट्रांज़ैक्शन टूल पर पाबंदी लगा दी जिनकी वजह से नौजवानों को जुए की लत लगती है. लेकिन कंपनियों ने लूट बॉक्स को लेकर घोषणा करने वाले क़ानून से निपटने का रास्ता निकाल लिया. 2018 में चीन ने नये वीडियो गेम पर मंज़ूरी पर रोक लगा दी जिनमें प्लेयर अननोन्स बैटलग्राउंड (पबजी) और फोर्टनाइट शामिल हैं. इसी साल वैश्विक गेमिंग बाज़ार में चीन ने अपना पहला स्थान अमेरिका के आगे गंवा दिया. गेमिंग के उन्माद ने ‘गेमिंग कम्पेनियन’ नाम के नये पेशे को जन्म दिया.
गेम की लत छुड़ाने के लिये सरकारी नियंत्रण
इसके बाद चीन को ये महसूस हुआ कि गेम खेलने वालों के बर्ताव पर नियंत्रण की ज़रूरत है. 2019 में नेशनल प्रेस एंड पब्लिकेशन एडमिनिस्ट्रेशन ने ऑनलाइन गेम के लिए व्यापक नियम जारी किए. इन नियमों के तहत लॉगिंग करते समय नाबालिगों के लिए अपना असली नाम और आईडी बताना ज़रूरी कर दिया गया और वो भी सुबह 8 बजे से रात 10 बजे के दौरान ही वो गेम खेल सकते हैं. इस नियम के तहत हफ़्ते के काम-काजी दिनों में बच्चों को 90 मिनट और सप्ताहांत और सार्वजनिक छुट्टी के दिनों में तीन घंटे तक गेम खेलने की इजाज़त दी गई. साथ ही इन नियमों के तहत ऐप से वर्चुअल हथियार, कपड़े और पालतू जानवर ख़रीदने की सीमा बच्चों की उम्र के मुताबिक़ हर महीने 28 अमेरिकी डॉलर से 57 अमेरिकी डॉलर के बीच कर दिया गया. 2021 में मोबाइल गेम कंटेंट स्टैंडर्स में भी फेरबदल किया गया. चाइना ऑडियो-वीडियो एंड डिजिटल पब्लिशिंग एसोसिएशन (सीएडीपीए) ने अनुचित कंटेंट को लेकर माता-पिता के हो-हल्ले के बाद ऑनलाइन गेम के लिए उम्र के हिसाब से उचित चेतावनी की शुरुआत की.
चीन पिछले कुछ वर्षों से अपनी युवा आबादी पर गेमिंग के नकारात्मक असर को सीमित करने की कोशिश कर रहा है. ख़बरों के मुताबिक़ चीन की 13.2 प्रतिशत नाबालिग आबादी हफ़्ते के काम-काजी दिनों में दो घंटे से ज़्यादा समय तक गेम खेलती है.
लेकिन गेम खेलने वाले युवा इंटरनेट की अंधेरी दुनिया में इन पाबंदियों से पार पाने का कोई-न-कोई रास्ता तलाश ही लेते हैं. 2017 से गेमिंग के मक़सद से 2 अमेरिकी डॉलर तक की क़ीमत पर फर्जी आईडी की बिक्री की ख़बरें आती रही हैं. टेनसेंट ने इस साल अपने गेम के लिए वयस्क की आईडी के अवैध व्यापार के सिलसिले में 20 ऑनलाइन सेवाओं पर मुक़दमा किया है. अपने ऑनर ऑफ किंग्स गेम की छानबीन के बीच टेनसेंट ने बैलेंस्ड ऑनलाइन एंटरटेनमेंट सिस्टम की पहल के तहत तथाकथित ‘मिडनाइट पैट्रोल’ को शुरू किया है जिसका ट्रायल 2018 में शुरू हुआ था. इससे देर रात गेम खेलने वालों पर निगरानी रखने के साथ-साथ खर्च का लेखा-जोखा रखा जा सकेगा और फेशियल स्कैन के लिए संकेत दिया जा सकेगा. अगर फेशियल स्कैन से कोई खिलाड़ी इनकार करेगा तो उसे नाबालिग मानकर गेम से बाहर कर दिया जाएगा. पिछले महीने चीन के गेम पब्लिशर एसोसिएशन पब्लिकेशन कमेटी (जीपीसी) ने ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को लेकर लत विरोधी स्वनियमन आचार संहिता प्रकाशित की है जिसमें ये संकल्प लिया गया है कि नाबालिगों से जुड़े नियमों को सख़्ती से लागू किया जाएगा और “नियमन की प्रक्रिया को नाकाम करने और घरेलू उपयोगकर्ताओं को सेवा प्रदान करने की विदेशी गेमिंग प्लैटफॉर्म की कोशिश का दृढ़ता के साथ बहिष्कार किया जाएगा.” ख़बरों के मुताबिक़ चीन ने एक बार फिर नये गेम की मंज़ूरी की प्रक्रिया को धीमा कर दिया है.
टेनसेंट ने इस साल अपने गेम के लिए वयस्क की आईडी के अवैध व्यापार के सिलसिले में 20 ऑनलाइन सेवाओं पर मुक़दमा किया है.
‘स्वर्णिम सप्ताह’ (इस साल 1 अक्टूबर से 7 अक्टूबर के बीच) के दौरान की ख़बरें बताती हैं कि बच्चे अभी भी गेम खेलने के लिए सिस्टम की खामियों का फ़ायदा उठाते हैं. गेमिंग की लत के शिकार जो बच्चे दबाब देकर, चोरी करके या ख़रीदकर वयस्क की आईडी हासिल करने में नाकाम रहते हैं वो गेम के पायरेटेड वर्ज़न को हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. बाक़ी बचे बच्चों के लिए लाइव स्ट्रीमिंग करने वाले ऐप जैसे टेनसेंट के समर्थन वाले हुया और डूयू और शॉर्ट वीडियो ऐप, जिनके ज़रिए गेम देखा तो जा सकता है लेकिन खेला नहीं जा सकता, ही विकल्प के तौर पर बचे हैं. चीन ने विदेशी लाइव स्ट्रीमिंग प्लैटफॉर्म ट्विच पर 2018 में पाबंदी लगाई थी. इसमें हैरानी की बात नहीं होगी अगर वो अपने घरेलू प्लैटफॉर्म के ख़िलाफ़ भी इसी तरह के क़दम उठाता है.
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