23 नवंबर 2022 को भारत के विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग मामलों के मंत्री शेख़ अब्दुल्लाह बिन ज़ायद अल नहयान ने दोनों देशों के बीच खाद्य सुरक्षा, व्यापार एवं निवेश बढ़ाने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सहयोग बढ़ाने के नए अवसर तलाशने की कोशिश की. हालांकि, दोनों के बीच दो और अहम मसलों पर भी बातचीत हुई, जिसकी ज़्यादा चर्चा नहीं हुई. दोनों नेताओं ने आपसी व्यापार को भारतीय रुपए और संयुक्त अरब अमीरात के दिरहम में करने को बढ़ावा देने और UAE में रह रहे भारतीयों द्वारा अपने देश पैसे भेजने के लिए भारत के एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) के उपयोग पर भी बातचीत की.
भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने 10 देशों में रह रहे भारतीयों को पैसे अपने देश भेजने के लिए UPI के इस्तेमाल की इजाज़त दे दी है. इन देशों में सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हॉन्ग कॉन्ग, ओमान, क़तर, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन शामिल हैं.
भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने 10 देशों में रह रहे भारतीयों को पैसे अपने देश भेजने के लिए UPI के इस्तेमाल की इजाज़त दे दी है. इन देशों में सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हॉन्ग कॉन्ग, ओमान, क़तर, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन शामिल हैं. कहा जाता है कि अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात से सबसे ज़्यादा भारतीय पैसे अपने देश भेजते हैं.
UPI अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयुक्त हो रहा है
UPI का भारत में ख़ूब इस्तेमाल हो रहा है. UPI के ज़रिए दो लोगों, दो वॉलेट या फिर दो बैंकों के बीच सिर्फ़ एक PIN के ज़रिए लेन-देन की सुविधा दी जा रही है, जिसका अपने देश में बहुत तेज़ी से विस्तार हो रहा है. इस आविष्कार के इस्तेमाल में भारत की कामयाबी ने कई और देशों को भी UPI मॉडल लागू करने के लिए प्रेरित किया है. इस मक़सद को प्राप्त करने के लिए NPCI की अंतरराष्ट्रीय शाखा नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) ने संयुक्त अरब अमीरात, नेपाल और जापान जैसे देशों के बैंकों के साथ साझेदारी की है.
संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे भारतीय मूल के लोगों को अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों के ज़रिए, UPI की सुविधा मिलने से भारत आने वाली विदेशी मुद्रा की मात्रा पर गहरा असर पड़ेगा.
मिसाल के तौर पर NIPL ने संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों और अक्सर वहां कारोबार या घूमने-फिरने के मक़सद से जाने वाले क़रीब 20 लाख भारतीयों की मदद के लिए वहां के मशरिक़ बैंक के साथ सहयोग का समझौता किया है. जुलाई 2021 में NPIC ने भूटान के शाही मौद्रिक प्राधिकरण के साथ समझौता करके भूटान में UPI आधारित भुगतान की सेवाएं शुरू की. अन्य कामयाब साझेदारियों में अमेरिका की डिस्कवर फाइनेंशियल सर्विसेज, जापान क्रेडिट ब्यूरो, चीन के यूनियन पे इंटरनेशनल, ब्रिटेन के PPRO फाइनेंशियल और सिंगापुर के नेटवर्क फॉर इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर्स ऐंड लिक्विड ग्रुप के साथ समझौते शामिल हैं.
संयुक्त अरब अमीरात में UPI
मशरिक़ बैंक के साथ NPCI की साझेदारी ने संयुक्त अरब अमीरात में डिजिटल भुगतान की व्यवस्था को काफ़ी बेहतर बना दिया है और इससे UPI की वैश्विक पहुंच में भी वृद्धि हुई है. संयुक्त अरब अमीरात जाने वाले भारतीय नागरिक और वहां रह रहे भारतीय मूल के लोग अब UAE की दुकानों में ख़रीदारी का भुगतान UPI के माध्यम से कर सकेंगे. समकक्ष से कारोबारी (P2M) के बीच लेन-देन की सुविधा उपलब्ध कराना भविष्य में UPI के इस्तेमाल को समझने और उसका मूल्यांकन करने में बहुत मदद मिलेगी. जब ये सुविधा शुरू होगी, तो सीमा के आर-पार समकक्षों के बीच लेनदेन होने से पैसे स्वदेश भेजने के पारंपरिक माध्यमों पर असर पड़ेगा.
खाड़ी देशों से आने वाला पैसा
जो भारतीय, संयुक्त अरब अमीरात में काम करते हैं, वो अपनी कमाई का एक हिस्सा भारत में अपने परिवारों को भेजते हैं. बहुत से घरों की वित्तीय स्थिरता के लिए विदेश से आने वाला ये पैसा बहुत अहम होता है. विदेश से आने वाली इस रक़म से भारत में पूंजी प्रवाह बढ़ता है और देश में खपत और निवेश के ज़रिए आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलता है. विदेश में रह रहे भारतीयों द्वारा अपने देश पैसे भेजने के मामले में संयुक्त अरब अमीरात दूसरे स्थान पर है. क्योंकि, वहां के उद्योगों जैसे कि निर्माण, मेहमान-नवाज़ी और ख़ुदरा क्षेत्र में बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं. संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे भारतीय मूल के लोगों को अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों के ज़रिए, UPI की सुविधा मिलने से भारत आने वाली विदेशी मुद्रा की मात्रा पर गहरा असर पड़ेगा.
विदेश से पैसे भेजने के मक़सद, 2020-21
पैसे भेजने का मक़सद |
कुल रक़म में हिस्सेदारी (%) |
परिवार के गुज़ारे (खपत) के लिए |
43.6 |
बैंकों में जमा |
34.6 |
निवेश (ज़मीन की संपत्ति/शेयर बाज़ार/वग़ैरह.) |
10.2 |
अन्य |
11.7 |
कुल |
100.0 |
स्रोत: RBI Bulletin, Headwinds of COVID-19 and India’s Inward Remittances
रेमिटेंस या विदेश से अपने देश पैसे भेजना आम तौर पर विदेश से एक व्यक्ति द्वारा दूसरे के पास पैसे भेजने को कहते हैं. यानी ये समकक्ष से समकक्ष (P2P) भेजा जाता है. UPI से एक व्यक्ति के बैंक खाते से दूसरे के बैंक खाते में मोबाइल ऐप या ऑनलाइन पैसे भेजने की सुविधा मिलती है. UPI के ज़रिए होने वाले ये भुगतान तेज़ी से होते हैं, सुविधाजनक और सुरक्षित होते हैं. ये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैसे भेजने में आने वाली कई बुनियादी समस्याओं का समाधान करते हैं. इन भुगतानों से टाइम ज़ोन का अंतर, देरी और पैसे ट्रांसफर होने की अनिश्चितता जैसी बाधाओं से पार पाने में मदद मिलती है.
विदेश से भारत भेजे जाने वाले पैसों में देश-वार हिस्सेदारी 2020-21
स्रोत देश |
भेजी जाने वाली कुल रक़म में हिस्सेदारी (%) |
अमेरिका (G20) |
23.4 |
संयुक्त अरब अमीरात (GCC) |
18.0 |
ब्रिटेन (G20) |
6.8 |
सिंगापुर |
5.7 |
सऊदी अरब (G20 and GCC) |
5.1 |
कुवैत (GCC) |
2.4 |
ओमान (GCC) |
1.6 |
क़तर (GCC) |
1.5 |
हॉन्ग कॉन्ग |
1.1 |
ऑस्ट्रेलिया (G20) |
0.7 |
मलेशिया |
0.7 |
कनाडा (G20) |
0.6 |
जर्मनी (G20) |
0.6 |
इटली (G20) |
0.1 |
अन्य |
31.6 |
स्रोत: RBI Bulletin, Headwinds of COVID-19 and India’s Inward Remittances
स्वदेश पैसे भेजने का भविष्य
खाड़ी देशों में UPI की मदद से पैसे भारत भेजने की सुविधा विकसित होने के लिए एकीकरण और आपस में मिलकर काम करने की व्यवस्था बनानी होगी. मिसाल के तौर पर भारत के UPI का सिंगापुर के पे-नाऊ के साथ एकीकरण हो गया है. इससे सिंगापुर से भारत पैसे भेजने का ख़र्च लगभग 10 प्रतिशत कम हो जाएगा. दो देशों की डिजिटल सेवाओं के इस एकीकरण में सबसे बड़ी दिक़्क़त तकनीकी समस्याएं नहीं हैं. इनके बजाय डेटा साझा करने के नियम, लागत की बाधाएं दूर करने और क़ानूनी बाधाएं बड़ी चुनौतियां हैं. UPI के ज़रिए स्वदेश पैसे भेजने की सुविधा मिलते से इसका इस्तेमाल करने वाले लोग दो देशों के बीच बस फ़ोन नंबर और UPI के वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPAs) के माध्यम से पैसे भेज सकेंगे.
चूंकि अब UPI संयुक्त अरब अमीरात समेत खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के कुछ और देशों में उपलब्ध हो गई है. ऐसे में आने वाले महीनों और वर्षों में वहां से भारत आने वाली रक़म में वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि भारतीय मूल के लोग अप UPI के ज़रिए भुगतान कर पाएंगे. UPI की अधिक उपलब्धता से भारत पैसे भेजने की प्रक्रिया अधिक सहज और सुगम हो जाएगी. इससे भारत पैसे भेजने के लिए पारंपरिक करेंसी एक्सचेंज सेवाओं पर निर्भरता कम होगी. डिजिटल भुगतान व्यवस्था की तरफ़ आगे बढ़ने से पैसे भेजने के इन पारंपरिक माध्यमों के इस्तेमाल में कमी आने की उम्मीद है.
जनहित के इस्तेमाल में आने वाली भारत की डिजिटल सेवाओं में UPI सबसे लोकप्रिय सुविधा है. इससे लोग क्यूआर कोड और मोबाइल नंबर के ज़रिए एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में पैसे आसानी से भेज सकते हैं. मशरिक़ बैंक के साथ भारत के NPIL का सहयोग, संयुक्त अरब अमीरात और भारत के बीच पैसों के लेन देन की नई राह खोलेगा. हालांकि, भुगतान के ऐसे माध्यम के लिए भारत के UPI को संयुक्त अरब अमीरात के अपने समकक्ष के साथ आपसी तालमेल से उसी तरह काम करना ज़रूरी होगा, जैसे UPI और सिंगापुर के PayNow कर रहे हैं. NIPL लाइसेंस और सलाह के ज़रिए तकनीकी सहायता उपलब्ध करा सकता है, जिससे संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश से किसी दूसरे देश में पैसे भेजने की तेज़ी से बदलती ज़रूरत पूरी करने के लिए तुरंत भुगतान की व्यवस्था विकसित की जा सके.
परिवारों और दो लोगों के बीच तुरंत पैसे भेजने की सुविधा से आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा और मुश्किल वक़्त में तुरंत पैसे भी प्राप्त हो सकेंगे. जिन लोगों को सबसे ज़्यादा ज़रूरत है, सीधे उनके हाथ में पैसे पहुंचने से ये भुगतान स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने में बहुत कारगर हो सकते हैं. सीधे भुगतान से विकासशील देशों में ज़रूरतमंदों को तुरंत आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जा सकती है. पूंजी के प्रवाह के दूसरे माध्यम जैसे कि विकास में आधिकारिक सहयोग या निजी निवेश ये उपलब्धि नहीं हासिल कर सकते हैं. इसीलिए, दुनिया भर के देशों को चाहिए कि वो विकास के लक्ष्य हासिल करने में UPI जैसी तकनीक का इस्तेमाल करें. भारत को चाहिए कि वो डिजिटल भुगतान के मूलभूत ढांचे के मामले में अपनी अग्रणी स्थिति और अपनी मौजूदा G20 अध्यक्षता का उपयोग करते हुए दुनिया की अगुवाई करे और अन्य देशों को तकनीकी समाधान उपलब्ध कराए.
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