Author : Chaitanya Giri

Expert Speak Raisina Debates
Published on May 22, 2025 Updated 0 Hours ago

बांग्लादेश की सरकार ने जल्दबाज़ी में स्टारलिंक की सेवाओं को शुरू करके, पहले से ही गरीबी से पीड़ित इस क्षेत्र में सैटेलाइट-संचालित संघर्ष की आशंका बढ़ा दी है.

बांग्लादेश में स्टारलिंक: सैटेलाइट-संचालित सूचना युद्ध का पूर्वाभास

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अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश ने स्टारलिंक की शुरुआत के लिए मज़बूत कदम उठाए हैं. 20 मई, 2025 को बांग्लादेश के डाक और दूरसंचार मंत्रालय में विशेष सहायक (राज्य मंत्री के बराबर का पद) फ़ैज़ अहमद तैयब ने देश में स्टारलिंक के लॉन्च की घोषणा की. इसके दो सेवा-पैकेज शुरू किए गए हैं- एक, स्टारलिंक रेजिडेंस, जो मासिक 6,000 बांग्लादेशी टका (लगभग 4,200 रुपये) में उपलब्ध है, और दूसरा, स्टारलिंक रेजिडेंस लाइट, जिसके लिए हर महीने 4,200 टका (क़रीब 3,000 रुपये) चुकाने होंगे. स्टारलिंक सेट-अप उपकरण लगवाने के लिए 47,000 टका (लगभग 38,000 रुपये) का ख़र्च भी एक दफ़ा करना होगा. साफ़ है, ये इंटरनेट सेवाएं काफ़ी महंगी हैं और बांग्लादेश की सामाजिक और आर्थिक सच्चाइयों से मेल नहीं खा रहीं.

राजस्व में भारी कमी से बांग्लादेश का दूरसंचार क्षेत्र लंबे समय से संघर्ष कर रहा है. 2015 से बांग्लादेश के दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों को प्रत्येक ग्राहक से औसतन 56 प्रतिशत राजस्व घाटा हुआ है.

उल्लेखनीय है कि इंटरनेट सेवाओं पर दुनिया में सबसे अधिक कर बांग्लादेश में ही वसूला जाता है. भारत के उलट, जहां दूरसंचार सेवाओं पर 18 प्रतिशत टैक्स चुकाना पड़ता है, बांग्लादेश की हुकूमत 18 प्रतिशत वैट (मूल्य वर्धिक कर) और फिर, दूरसंचार क्षेत्र का 21 प्रतिशत कर लगाती है. कॉरपोरेट टैक्स के मामले में, दूरसंचार सेवा देने वाली सार्वजनिक कंपनियों पर 40 प्रतिशत का टैक्स लगाया जाता है, जबकि गैर-सार्वजनिक कारोबार करने वाली कंपनियों को 45 प्रतिशत का भारी कर चुकाना पड़ता है. राजस्व में भारी कमी से बांग्लादेश का दूरसंचार क्षेत्र लंबे समय से संघर्ष कर रहा है. 2015 से बांग्लादेश के दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों को प्रत्येक ग्राहक से औसतन 56 प्रतिशत राजस्व घाटा हुआ है. अभी यहां प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (ARPU) सिर्फ़ 1.3 अमेरिकी डॉलर है, जो दुनिया में सबसे कम है. इतना ही नहीं, वहां 44 प्रतिशत आबादी तक ही इंटरनेट की पहुंच है, इसलिए बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में दूरसंचार क्षेत्र का योगदान आज भी बहुत कम है.

गरीब समाज

बांग्लादेश का सामाजिक-आर्थिक संकेतक भी काफ़ी चिंताजनक है. विश्व बैंक के बांग्लादेश डेवलपमेंट अपडेट में बताया गया है कि 2024 में वहां 7.7 प्रतिशत लोग अत्यधिक गरीब थे, जो 2025 में बढ़कर 9.3 प्रतिशत हो गए हैं. विश्व बैंक ने यह भी भविष्यवाणी की है कि राष्ट्रीय गरीबी दर 2024 की 20.5 प्रतिशत की तुलना में 2025 में बढ़कर 22.9 प्रतिशत हो जाएगी. इतना ही नहीं, बांग्लादेश के गरीबी संकेतकों के मुताबिक, यदि कोई परिवार बुनियादी ज़रूरतों पर हर माह 3,822 टका ख़र्च नहीं कर सकता, तो उसे गरीब माना जाएगा. ऐसे में, स्टारलिंक रेजिडेंस लाइट सेवा बांग्लादेश की लगभग एक चौथाई आबादी की क्षमता से अधिक महंगी है. बांग्लादेशी बाज़ार की मांगों और वहां की सामाजिक-आर्थिक सच्चाई को देखें, तो इतनी महंगी क़ीमतों पर स्टारलिंक का यहां आना तार्किक नहीं लगता. अंतरिम सरकार ने अमेरिकी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उपग्रह संचार (सैटकॉम) इंटरनेट सेवाओं को तेज़ी से शुरू किया है और इसके लिए बाज़ार और सामाजिक-आर्थिक कारकों पर गौर भी नहीं किया गया है.

यूनुस दूरसंचार क्षेत्र की सच्चाइयों से अनजान नहीं हैं. वह ग्रामीणफोन के संस्थापक हैं, जो बांग्लादेश में दूरसंचार सेवा देने वाली कंपनी है.

यूनुस दूरसंचार क्षेत्र की सच्चाइयों से अनजान नहीं हैं. वह ग्रामीणफोन के संस्थापक हैं, जो बांग्लादेश में दूरसंचार सेवा देने वाली कंपनी है. इसकी शुरुआत 1997 में हुई थी और इसमें नॉर्वे की सेवा कंपनी टेलीनॉर की बड़ी हिस्सेदारी रही है. पिछले तीन-चार वर्षों में ग्रामीणफोन का कारोबार कम हुआ है, जिसका मुख्य कारण बांग्लादेश दूरसंचार नियामक आयोग (BTRC) द्वारा, ख़ास तौर से हसीना सरकार के दौरान की गई कार्रवाइयां हैं. 2022 में आयोग ने ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने में विफल रहने की बात कहकर ग्रामीणफोन को पुराने और नए, दोनों तरह के सीम बेचने से रोक लगा दिया था. यूनुस के खिलाफ हसीना सरकार की आखिरी कार्रवाई ग्रामीणफोन से ही जुड़ी थी, जहां उन पर कंपनी से कथित तौर पर 20 लाख अमेरिकी डॉलर के गबन का आरोप लगाया गया था. BTRC की जांच तब सही जान पड़ी, जब ग्रामीणफोन ने 2025 की पहली तिमाही में शुद्ध लाभ में 53 प्रतिशत का घाटा बताया. मोबाइल और इंटरनेट उपयोग में लगातार हो रही गिरावट को देखते हुए ग्रामीणफोन ने अपने डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का फ़ायदा उठाते हुए मई, 2025 में मोबाइल हैंडसेट बेचने का कारोबार शुरू करने फ़ैसला किया. अब यह विशेष रूप से शेन्जेन की कंपनी ट्रांसशन होल्डिंग्स के मोबाइल हैंडसेट बेचती है. ग्रामीणफोन के डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का इसी तरह का उपयोग बांग्लादेश में महंगे स्टारलिंक उपयोगकर्ता टर्मिनलों को बेचने में किया जा सकता है.

सूचना युद्ध

7 अप्रैल, 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लिखे अपने पत्र में, यूनुस ने ‘परीक्षण से जुड़ी कुछ ज़रूरतों को ख़त्म करने; पैकेजिंग, लेबलिंग और प्रमाणन ज़रूरतों को तार्किक बनाने और सीमा शुल्क प्रक्रियाओं व मानकों को आसान बनाने’ का आश्वासन दिया था. क्या BTRC ने बांग्लादेश और अपने पड़ोस की दूरसंचार सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन उपकरणों का परीक्षण किया है या प्रमाण-पत्र दिया है? यह अब तक पता नहीं चल सका है. यह आश्वासन ‘फरवरी, 2025 से 90 दिनों के भीतर बांग्लादेश में स्टारलिंक के प्रवेश को आसान बनाने के लिए’ दिया गया था. इस आश्वासन का सम्मान किया गया है और बांग्लादेशी उद्योग पर पहले से मंडरा रहे टैरिफ ख़तरे को सफलतापूर्वक टाल दिया गया है.

स्टारलिंक सुंदरबन के दलदलों और चटगांव के पहाड़ी जंगलों में डिजिटल कनेक्टिविटी ज़रूर बढ़ाएगा, लेकिन इस कनेक्टिविटी का असीमित इस्तेमाल आतंकवादी समूह और राष्ट्र समर्थित गुट ही करेंगे.

यह देखते हुए कि अंतरिम सरकार आतंकवादी गुटों के प्रति नरम रही है, लेकिन अपने राजनीतिक विरोधियों के प्रति नहीं, बांग्लादेश में स्टारलिंक सेवाएं निश्चय ही देश के भीतर और पूरे क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियां पैदा करेंगी. दिसंबर, 2024 में मणिपुर में ज़ब्त किया गया स्टारलिंक टर्मिनल सिलहट में सक्रिय रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (RPF) और उसकी सशस्त्र इकाई पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का था. यदि यह ट्रर्मिनल बांग्लादेश में रखे गए टर्मिनलों में से तस्करी कर लाया गया है, तो स्टारलिंक सेवाओं के शुरू होने से इन टर्मिनलों तक भी सिग्नल पहुंचने लगेगा और ये काम करने लगेंगे. इससे पड़ोसी देशों के सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकी समूहों की कार्रवाइयों में इनका उपयोग शुरू हो जाएगा. बांग्लादेश में स्टारलिंक की आधिकारिक शुरुआत और म्यांमार के विद्रोहियों द्वारा इसका उपयोग करने से पद्मा-इरावदी नदी घाटियों में अमेरिका और चीन समर्थित गुटों का संघर्ष सूचनाओं के स्तर पर  लड़ा जाने लगेगा, जो शायद दुनिया का पहला सूचना युद्ध होगा, जिसमें सैटेलाइट-संचालित सेवाओं का उपयोग होगा. स्टारलिंक सुंदरबन के दलदलों और चटगांव के पहाड़ी जंगलों में डिजिटल कनेक्टिविटी ज़रूर बढ़ाएगा, लेकिन इस कनेक्टिविटी का असीमित इस्तेमाल आतंकवादी समूह और राष्ट्र समर्थित गुट ही करेंगे.


(चैतन्य गिरि ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन के सुरक्षा, रणनीति और प्रौद्योगिकी केंद्र में फेलो हैं)

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