भारत की सेनाओं द्वारा उभरती हुई तकनीकों के मुताबिक़ ख़ुद को ढालने की ज़रूरत बहुत बढ़ गई है, ख़ासतौर से आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे क्षेत्रों में तेज़ी से हो रही प्रगति की वजह से. मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत के सैन्य बलों ने अपने काम-काज में इन तकनीकों को शामिल करने के लिए कई क़दम उठाए हैं. ये पहलें एक अहम मिसाल क़ायम करती हैं और भारतीय सेना के तमाम स्तरों पर उभरती हुई तकनीकों का इस्तेमाल लागू करने के लिए एक आधार तैयार करती हैं.
फरवरी 2018 में रक्षा उत्पादन विभाग ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में AI को सामरिक तरीक़े से लागू करने’ के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया था, ताकि भविष्य में रक्षा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल का अध्ययन किया जा सके
फरवरी 2018 में रक्षा उत्पादन विभाग ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में AI को सामरिक तरीक़े से लागू करने’ के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया था, ताकि भविष्य में रक्षा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल का अध्ययन किया जा सके; इस टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट 2018 में दी थी1. इसके सुझावों के आधार पर 20192 में डिफेंस AI काउंसिल (DAIC) और डिफेंस AI प्रोजेक्ट एजेंसी (DAIPA) की स्थापना की गई थी3. DAIC संचालन की रूप-रेखाएं, नीतिगत स्तर पर किए जाने वाले बदलावों और संरचनात्मक सहयोग के लिए दिशा निर्देश उपलब्ध कराती है4. वहीं, DAIPA तकनीकी विकास के मानकों का विकास और उनको अपनाने और AI से जुड़ी परियोजनाओं को उपलब्ध कराने के साथ साथ AI की अगुवाई में और AI की मदद से स्थापित किए जाने वाले सिस्टम और प्रक्रियाओं को यूज़र ग्रुप के साथ अपनाने और उनकी समीक्षा की सेवाएं मुहैया कराती है.
रक्षा मंत्रालय ने DAIPA के लिए 2019 से अगले पांच सालों के लिए एक अरब रुपए का वार्षिक बजट तय किया है, ताकि AI की परियोजनाओं को अपनाने, AI से संबंधित मूलभूत ढांचा स्थापित करने और क्षमता निर्माण में इसकी मदद की जा सके5. 2019 से हर सैन्य बल को भी हर साल एक अरब रुपए का आवंटन किया गया है, ताकि वो AI से जुड़े विशेष ऐप का विकास कर सकें6. जुलाई 2022 में नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय द्वारा AI इन डिफेंस (AIDef) के नाम से आयोजित किए गए सिंपोज़ियम और प्रदर्शनी के दौरान AI से जुड़ी 75 नई तकनीकों को लॉन्च किया गया था7.
2022 में भारतीय वायुसेना ने उड़ान के नाम से एक इकाई स्थापित की थी, ताकि AI, साइबर और वर्चुअल रियालिटी का इस्तेमाल अपने अभियानों के संचालन, लॉजिस्टिक्स और प्रशिक्षण की ज़रूरतें पूरी करने में कर सके.
2022 में भारतीय वायुसेना ने उड़ान (यूनिट फ़ॉर डिजिटाइज़ेशन, ऑटोमेशन, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस ऐंड एप्लिकेशन नेटवर्किंग) के नाम से एक इकाई स्थापित की थी, ताकि AI, साइबर और वर्चुअल रियालिटी का इस्तेमाल अपने अभियानों के संचालन, लॉजिस्टिक्स और प्रशिक्षण की ज़रूरतें पूरी करने में कर सके. इसके अलावा, इसी इकाई के तहत वायुसेना ने दिल्ली में AI के लिए सेंटर फॉर एक्सेलेंस (CoE) की स्थापना भी की थी8. वहीं, भारतीय नौसेना अपने नई पीढ़ी के जंगी जहाज़ों9 के लिए इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS) जैसी स्वचालित तकनीकों का इस्तेमाल शुरू कर रही है. नौसेना ने AI और बिग डेटा एनालिसिस (BDAI) के लिए 2020 में INS वलसुरा में एक सेंटर फॉर एक्सेलेंस (CoE) की स्थापना भी की थी10.
स्वदेशी ड्रोन
ड्रोन और मानवरहित हवाई सिस्टमों (UAS) के इस्तेमाल में भी काफ़ी वृद्धि हुई है. 15 जनवरी 2021 को आर्मी डे परेड के दौरान थल सेना ने अपनी ड्रोन स्वार्म या झुंड में ड्रोन के इस्तेमाल की क्षमता का प्रदर्शन किया था, जिस दौरान स्वदेश में ही डिज़ाइन और विकसित किए गए 75 ड्रोन्स ने AI की मदद से आक्रमण अभियान और नज़दीकी सहयोग के काम के प्रतीकान्मक मिशन का प्रदर्शन किया था; थल सेना अब इन व्यवस्थाओं को अपने मेकेनाइज़्ड सिस्टम का हिस्सा बनाने की प्रक्रिया से गुज़र रही है11. भारत के पहले लड़ाकू ड्रोन तापस को भी सेना में शामिल करने की योजना है. इस ड्रोन को बैंगलुरू स्थित एरोनॉटिकल डेवेलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट ने विकसित किया है. इसके अलावा हल्के वज़न वाले ड्रोन जैसे कि स्विच को भी निगरानी और जासूसी के काम में इस्तेमाल किया जा रहा है12. मानवरहित ज़मीनी वाहनों (UGVs) के इस्तेमाल के लिए भी तकनीकी प्रदर्शन किया जा चुका है. और UGV के ट्रैक किए जा सकने वाले 120 मिलीमीटर की तोप से लैस एक संस्करण- मिशन अनमैन्ड ट्रैक्ड (MUNTRA) का भी विकास किया जा रहा है.13
वायुसेना अपने ख़ुद के मानवीय और मानवरहित संसाधनों के मिलकर काम करने (MUMT) का संस्करण लागू कर रही है. इसके तहत मानवरहित और इंसानों द्वारा संचालिन विमान मिलकर एकीकृत मिशन पर जाते हैं.
वायुसेना अपने ख़ुद के मानवीय और मानवरहित संसाधनों के मिलकर काम करने (MUMT) का संस्करण लागू कर रही है. इसके तहत मानवरहित और इंसानों द्वारा संचालिन विमान मिलकर एकीकृत मिशन पर जाते हैं14. वॉरियर नाम से एक कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम (CATS) हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और न्यूस्पेस R&D द्वारा निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की साझेदारी में विकसित किया जा रहा है. न्यूस्पेस एक स्टार्ट-अप कंपनी है. वॉरियर सिस्टम वायुसेना के जगुआर, तेजस और सुखोई-30 MKI जैसे लड़ाकू विमानों के साथ साथ काम करेगा.15
भारतीय नौसेना ने स्वचालित फास्ट इंटरसेप्ट बोट (AFIB) का भी प्रदर्शन किया है, जो संचार के आधुनिक सिस्टम, सेंसर, स्वचालित एल्गोरिद्म और प्रोपल्ज़न सिस्टम से लैस है.16 नौसेना ने अपने मानवरहित स्वचालित सिस्टमों की एक रूप-रेखा से भी पर्दा उठाया है, जिसका नाम ‘इंटीग्रेटेड, अनमैन्ड रोडमैप फ़ॉर इंडियन नेवी’ है. इसे अक्टूबर 2021 में नौसेना के कमांडर सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत किया गया था.17
भारत के सैन्य बल क्वांटम तकनीक के इस्तेमाल की संभावनाओं पर भी विचार कर रहे हैं. क्वांटम कम्युनिकेशन असल में क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (QKD) पर निर्भर करता है. एनक्रिप्शन के पारंपरिक स्वरूपों को उलट, इसकी गोपनीयता तोड़ पाना लगभग नामुमकिन होता है. चूंकि, किसी भी गोपनीय संवाद का पता लगाया जा सकता है. ऐसे में ये ख़ूबी सैन्य इस्तेमाल के लिए काफ़ी उपयोगी हो जाती है. फरवरी 2022 में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और IIT दिल्ली ने कारोबारी दर्जे के मौजूदा फाइबर ऑप्टिक केबल का इस्तेमाल करते हुए उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद से विंध्याचल के बीच लगभग 100 किलोमीटर की दूरी के बीच QKD के एक लिंक को भेजा था19. भारतीय सेना ने मध्य प्रदेश के म्हो (MHOW) में स्थित मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन में एक क्वांटम लैब को स्थापित किया है, ताकि क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम कम्युनिकेशन, QKD और पोस्ट क्वांटम क्रिप्टोग्राफी जैसे क्षेत्रों में रिसर्च किया जा सके. भारतीय नौसेना ने भी अप्रैल 2023 में रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ सहमति पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर करके QKD तकनीक के क्षेत्र में क़दम बढ़ाया है20.
इंडियन आर्म्ड फोर्स में संचार
भारतीय सेना ने आपसी संचार और साइबर सुरक्षा को बेहतर बनाने की अहमियत को समझा है. सेना ने MCTE के साथ 5G प्रयोगशालाओं की स्थापना भी की है, जो 6G तकनीक के परीक्षण का ठिकाना बनेंगी21. सेना, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के साथ भी सहयोग किया है, ताकि सेना में उपयोग वाले दर्जे की 5G और 6G तकनीकों के एप्लिकेशन विकसित किए जा सकें22. तीनों सेनाएं सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियोज़ (SDRs) को अपने यहां लागू कर रही हैं ताकि दोनों तरफ़ से एनक्रिप्टेड संदेशों का आदान-प्रदान किया जा सके23. अपने स्वदेशी अंतरिक्ष कार्यक्रम के अंतर्गत भारत ने संचार उपग्रह लॉन्च किए हैं, ताकि अपने सैन्य संचार की क्षमताओं को मज़बूत बना सके. 2013 में GSAT-7 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजा गया था, ताकि नौसेना के संचार को बेहतर बनाया जा सके. वहीं, 201824 में वायुसेना के लिए GSAT-7A को लॉन्च किया गया. उसी साल सरकार ने डिफेंस साइबर एजेंसी और डिफेंस स्पेस एजेंसी का गठन किया था, ताकि इन क्षेत्रों से पैदा हो रहे ख़तरों से निपटा जा सके.25
अपने स्वदेशी अंतरिक्ष कार्यक्रम के अंतर्गत भारत ने संचार उपग्रह लॉन्च किए हैं, ताकि अपने सैन्य संचार की क्षमताओं को मज़बूत बना सके.
भारतीय सेना के सिग्नल्स टेक्नोलॉजी इवैल्युएशन ऐंड एडैप्टेशन ग्रुप (STEAG) की स्थापना, सेनाओं में उभरती हुई तकनीकों को लागू करने के मामले में शायद अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी और ताज़ा क़दम है. STEAG की परिकल्पना एक ऐसी आला इकाई के तौर पर की गई है, जो अहम तकनीकी क्षेत्रों जैसे कि 5G और 6G के नेटवर्क, क्वांटम तकनीकों26, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी. इस पहल का लक्ष्य सैन्य बलों, उद्योग और अकादेमिक क्षेत्र के बीच की खाइयों को पाटकर उच्च स्तर की संचार तकनीकों के मामले में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है27.
हालांकि, इतने प्रयास पर्याप्त नहीं हैं. तकनीक की दुनिया बड़ी तेज़ी से विकसित हो रही है और भारतीय सेनाओं को इसके साथ क़दम मिलाकर चलना होगा, ख़ास तौर से पड़ोसी देशों से पैदा होने वाले ख़तरे को देखते हुए. चीन तो विशेष रूप से अपनी असैन्य और सैन्य क्षेत्रों के मिलाप की रणनीति के तहत उभरती हुई तकनीकों को अपनी सेनाओं में लागू कर रहा है. भारतीय सैन्य बलों के पास भी इसी तरह की क्षमता हासिल करने का मौक़ा है.. इसके लिए उन्हें ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसे सूत्र वाक्यों को अपनाना होगा. अब ये देखना बाक़ी रहेगा कि क्या सैन्य बल उस बुनियाद पर आगे प्रगति करना जारी रखेंगे, जो पिछले एक दशक में तैयार की गई है. इस बीच, भारतीय सेना ने 2024 को ‘तकनीक को अपनाने का वर्ष’ घोषित किया है, जो निश्चित रूप से सही दिशा में उठाया गया एक क़दम है28.
विस्तृत रिपोर्ट यहां पढ़ें.
ENDNOTES
1 Lt. Gen. Deependra Singh Hooda, “Implementing Artificial Intelligence In the Indian Military,” Delhi Policy Group, February 16, 2023, https://www.delhipolicygroup. org/publication/policy-briefs/implementing-artificialintelligence-in-the-indian-military.html
2 Hooda, “Implementing Artificial Intelligence In the Indian Military”
3 Hooda, “Implementing Artificial Intelligence In the Indian Military”
4 Hooda, “Implementing Artificial Intelligence In the Indian Military
5Hooda, “Implementing Artificial Intelligence In the Indian Military”
6 Hooda, “Implementing Artificial Intelligence In the Indian Military”
7 Artificial Intelligence In Defense, Department of Defence Production, Ministry of Defense, Government of India, July 8, 2022, https://www.ddpmod.gov.in/sites/default/files/ai.pdf
8 Nishant Rajeev, Anit Mukherjee and Rajeswari Pillai Rajagopalan, “A Renewed Focus On Emerging Technologies,” The Hindu, November 21, 2023, https://www.thehindu.com/opinion/op-ed/a-renewed-focus-onemerging-technologies/article67554282.ece
9 Harsh V. Pant and Kartik Bommakanti, “Towards the Integration Of Emerging Technologies In India’s Armed Forces,” Observer Research Foundation, February 24, 2023, https://www.orfonline.org/research/towards-theintegration-of-emerging-technologies-in-indias-armedforces
10 Pant and Bommakanti, “Towards the Integration Of Emerging Technologies In India’s Armed Forces”
11 Akshat Upadhyay, “Absorption Of Emerging Technologies In Armed Forces,” Manohar Parrikar Institute For Defence Studies And Analyses, March 1, 2023, https://www.idsa.in/issuebrief/technologies-in-armed-forcesaupadhyay-010322
Akshat Upadhyay, “Indian Armed Forces Push For Integrating Niche Technologies,” Financial Express, August 15, 2022, https://www.financialexpress.com/business/defence-indian-armed-forces-push-for-integratingniche-technologies-2630428/
13 Upadhyay, “Indian Armed Forces Push For Integrating Niche Technologies”
14 Upadhyay, “Indian Armed Forces Push For Integrating Niche Technologies”
15 Upadhyay, “Indian Armed Forces Push For Integrating Niche Technologies”
16 Upadhyay, “Indian Armed Forces Push For Integrating iche Technologies”
“Naval Commanders’ Conference 21/2,” Ministry Of Defence, Government of India, October 18, 2021, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1764695
18 Gabriel Honrada, “India Aims To Rival China In Quantum Computing,” Asia Times, March 4, 2022, https://asiatimes.com/2022/03/india-aims-to-rival-chinain-quantum-computing/
19 Pant and Bommakanti, “Towards the Integration Of Emerging Technologies In India’s Armed Forces”
20 “DST Institute To Partner Indian Navy In Developing Secure Maritime Communications Using Quantum Technology,” Department of Science & Technology,
Ministry of Science and Technology, Government of India, https://dst.gov.in/dst-institute-partner-indiannavy-developing-secure-maritime-communicationsusing-quantum-technology
21 “Indian Army Developing Military-Grade 5G, 6G Apps; Thrust On Emerging Technologies,” ETTelecom, December 7, 2023, https://telecom.economictimes indiatimes.com/news/industry/four-bidders-approvedfor-colombia-5g-auction/105767770
22 “Indian Army Teams Up With MeitY To Develop MilitaryGrade 5G and 6G Apps,” Times of India, December 7, 2023, https://timesofindia.indiatimes.com/gadgets-news/indian-army-teams-up-with-meity-to-develop-militarygrade-5g-and-6g-apps/articleshow/105816593.cms
23 Pant and Bommakanti, “Towards the Integration Of Emerging Technologies In India’s Armed Forces”
24 Rajeev et al, “A Renewed Focus On EmergingTechnologies”
25 Rajeev et al, “A Renewed Focus On EmergingTechnologies”
26 “Indian Army Establishes Elite Tech Unit STEAG To
Research Future Communication Technologies,” The Economic Times, March 18, 2024, https://economictimes.indiatimes.com/news/defence/army-raises-elite-unitto-work-on-critical-technologies-having-militaryapplications/articleshow/108588068.cms?
27“Indian Army Establishes Elite Tech Unit STEAG To
Research Future Communication Technologies”
28 “Technology Has Emerged As New Strategic Arena Of
Competition: Army Chief,” Business Standard, April 24,
2024, https://www.business-standard.com/industry/news/
technology-has-emerged-as-new-strategic-arena-ofcompetition-army-chief-124042400516_1.html
The views expressed above belong to the author(s). ORF research and analyses now available on Telegram! Click here to access our curated content — blogs, longforms and interviews.