अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 13 से 16 जुलाई तक पश्चिम एशिया की अपनी पहली यात्रा के दौरान इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक और सऊदी अरब जाएंगे. बाइडेन इस दौरान सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से भी वार्ता करेंगे. बाइडेन की इस यात्रा के क्या मायने हैं. सऊदी अरब के घोर विरोधी रहे बाइडेन को आखिर अपना फैसला क्यों बदलना पड़ा? वह सऊदी के साथ सामान्य संबंध बनाने को क्यों इच्छुक हैं? इसके पीछे रूस यूक्रेन जंग कितना जिम्मेदार है? डेमोक्रेटिक पार्टी बाइडेन की इस यात्रा का विरोध क्यों कर रही है? इन तमाम सवालों पर विशेषज्ञों की क्या राय है.
सऊदी अरब के घोर विरोधी रहे बाइडेन को आखिर अपना फैसला क्यों बदलना पड़ा? वह सऊदी के साथ सामान्य संबंध बनाने को क्यों इच्छुक हैं? इसके पीछे रूस यूक्रेन जंग कितना जिम्मेदार है?
1- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि रूस यूक्रेन जंग के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सऊदी अरब की यात्रा काफी अहम मानी जा रही है. खास बात यह है कि राष्ट्रपति बाइडेन मानवाधिकारों को लेकर सऊदी अरब के खिलाफ रहे हैं. ऐसे में बाइडेन की सऊदी अरब की यात्रा निश्चित रूप से चौंकाने वाली है. उन्होंने कहा कि बाइडेन के रुख में यह बदलाव अनायास नहीं है. प्रो पंत ने कहा कि बाइडेन ऐसे समय में सऊदी अरब के साथ संबंधों में बदलाव करना चाहते हैं, जब देश दुनिया में ईंधन के दामों में भारी वृद्धि हुई है. बाइडेन यह जानते हैं कि दुनिया में ईंधन के दाम की बढ़ती कीमतों की समस्या से अमेरिका तेल समृद्ध सऊदी अरब की मदद से ही निपट सकता है.
2- उन्होंने कहा कि रूस यूक्रेन जंग के दौरान दुनिया में ध्रुवीकरण की प्रक्रिया तेजी से उभरी है. इस युद्ध का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है. इसका असर दुनिया के सामरिक संबंधों पर भी पड़ा है. उन्होंने कहा कि जो बाइडेन की सऊदी अरब की यात्रा को इसी कड़ी के रूप में देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि बाइडेन का सऊदी अरब की यात्रा पर जाना उस मुल्क को लेकर उनके रुख में नाटकीय बदलाव को दर्शाता है. प्रो पंत ने कहा कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान जो बाइडेन ने डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर अपनी प्रचार मुहिम के दौरान सऊदी अरब की निंदा की थी और संबंध समाप्त करने का संकल्प लिया था. उस वक्त पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी अरब के बीच मधुर संबंध स्थापित हुए थे. उन्होंने उन संबंधों की घोर निंदा की थी.
बाइडेन ऐसे समय में सऊदी अरब के साथ संबंधों में बदलाव करना चाहते हैं, जब देश दुनिया में ईंधन के दामों में भारी वृद्धि हुई है. बाइडेन यह जानते हैं कि दुनिया में ईंधन के दाम की बढ़ती कीमतों की समस्या से अमेरिका तेल समृद्ध सऊदी अरब की मदद से ही निपट सकता है.
3- प्रो पंत ने कहा कि सऊदी अरब के साथ संबंधों में राष्ट्रपति बाइडेन अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप का ही अनुसरण कर रहे हैं. राष्ट्रपति चुनाव के दौरान उन्होंने सऊदी अरब के साथ उनके संबंधों की जमकर निंदा की थी. उस वक्त ऐसा लगा था कि बाइडेन अगर चुनाव जीते तो सऊदी अरब और अमेरिका के बीच सामान्य रिश्ते कायम नहीं रहेंगे. प्रो पंत ने कहा कि रूस यूक्रेन जंग के बाद हालात तेजी से बदले हैं, ऐसे में बाइडेन के दृष्टिकोण में भी बदलाव आना स्वाभाविक है.
सऊदी की यात्रा को लेकर पार्टी का ही विरोध झेल रहे हैं बाइडेन
बाइडेन की प्रस्तावित सऊदी अरब की यात्रा को लेकर बाइडेन को अपनी ही पार्टी में जबरदस्त विरोध झेलना पड़ रहा है. डेमोक्रेटिक नेताओं ने बाइडेन के सऊदी यात्रा का विरोध किया है. वहीं, मानवाधिकार समर्थकों और डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ नेताओं ने बाइडेन को सऊदी अरब की यात्रा नहीं करने को कहा है. मानवाधिकार को लेकर उसकी प्रतिबद्धताएं हासिल किए बिना यात्रा करने से सऊदी नेताओं को संदेश जाएगा कि मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन करने पर भी उसे कोई नतीजा नहीं भुगतना पड़ेगा. हालांकि, इस मामले में अभी रिपब्लिकन पार्टी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. व्हाइट हाउस भी पार्टी के इस विरोध पर मौन है.
बाइडेन की प्रस्तावित सऊदी अरब की यात्रा को लेकर बाइडेन को अपनी ही पार्टी में जबरदस्त विरोध झेलना पड़ रहा है. डेमोक्रेटिक नेताओं ने बाइडेन के सऊदी यात्रा का विरोध किया है. वहीं, मानवाधिकार समर्थकों और डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ नेताओं ने बाइडेन को सऊदी अरब की यात्रा नहीं करने को कहा है.
खाड़ी सहयोग परिषद के साथ करेंगे शिखर सम्मेलन
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन 13-16 जुलाई तक मध्य पूर्व क्षेत्र का दौरा करेंगे ताकि इजरायल की सुरक्षा और समृद्धि के लिए संयुक्त राज्य की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ किया जा सके. प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनकी यात्रा का पहला पड़ाव इजरायल होगा, जहां बाइडेन एक ऐसे क्षेत्र का दौरा करने की योजना बना रहे हैं जो आयरन डोम जैसी रक्षा प्रणालियों का उपयोग करता है, जो फिलिस्तीनी क्षेत्रों से दागे गए राकेटों को रोकता है. अधिकारी ने कहा, सऊदी अरब में बाइडेन खाड़ी सहयोग परिषद के एक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां सऊदी अरब, कुवैत, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, कतर, इराक, जॉर्डन और मिस्र के नेता उपस्थित होंगे. बाइडेन के सऊदी किंग सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से भी मिलने की उम्मीद है.
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यह लेख जागरण में प्रकाशित हो चुका है.
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