Author : Suyash Desai

Published on Sep 04, 2023 Updated 0 Hours ago

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के गठन को 96 साल पूरे हो चुके हैं. पिछले आठ वर्षों के दौरान PLA में किए गए निरंतर सुधारों एवं निवेश से यह पता चलता है कि चीन अपने राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों को हासिल करने के प्रति कितना ज़्यादा गंभीर है.

PLA@96: चीनी सैन्य बलों में लगातार किए जा रहे सुधारों का एक नया दौर

एक अगस्त को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने अपना 96वां स्थापना दिवस मनाया. PLA का गठन वर्ष 1927 के विद्रोह के बाद हुआ था, जिसे नानचांग विद्रोह के तौर पर भी जाना जाता है. उस विद्रोह के दौरान 20,000 सैनिकों वाली सशक्त सेना ने दूसरे पक्ष की 3,000 जवानों वाली सेना को परास्त कर दिया था और नानचांग शहर पर अपना परचम लहरा दिया था. नानचांग विद्रोह के रूप में  चियांग काई-शेक की कुओमितांग पार्टी के विरुद्ध पहली बार सशस्त्र कम्युनिस्ट प्रतिरोध को अंज़ाम दिया गया था. इस बग़ावत ने “क्रांति” जारी रखने को लेकर कम्युनिस्ट चीनी पार्टी (CCP) के दृढ़ संकल्प को ज़ाहिर किया था और चाइनीज PLA के जन्म को भी सुनिश्चित किया था. PLA के गठन के 96 वर्ष बाद और 2015 में सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के चेयरमैन शी जिनपिंग द्वारा शुरू किए गए आधुनिकतम सैन्य सुधारों के आठ साल बाद देखा जाए तो आज की PLA पहले ही भारत-प्रशांत क्षेत्र की सबसे सशक्त और आधुनिक सेनाओं में शुमार हो चुकी है.

PLA के गठन के 96 वर्ष बाद और 2015 में सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के चेयरमैन शी जिनपिंग द्वारा शुरू किए गए आधुनिकतम सैन्य सुधारों के आठ साल बाद देखा जाए तो आज की PLA पहले ही भारत-प्रशांत क्षेत्र की सबसे सशक्त और आधुनिक सेनाओं में शुमार हो चुकी है.

वर्ष 2017 में 19वीं पार्टी कांग्रेस के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आने वाले वर्षों के दौरान PLA के लिए तीन महत्वपूर्ण लक्ष्यों को जोड़ा था. इन लक्ष्यों में वर्ष 2020 तक PLA का मेकेनाइज़ेशन यानी मशीनीकरण, वर्ष 2035 तक सेना का इन्फॉर्मेटाइजेशन यानी सूचनाकरण और वर्ष 2050 तक चीनी सशस्त्र बलों को वर्ल्ड क्लास फोर्स में परिवर्तित करना शामिल था. इसके अतिरिक्त, वर्ष 2021 में लक्ष्यों की इस सूची में एक अल्पकालिक लक्ष्य भी जोड़ा गया, यानी “वर्ष 2027 में PLA के सौ वर्ष, अर्थात शताब्दी के अवसर पर सैन्य निर्माण लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित करना” (nian shixian jianjun bainian fendou mubiao). इस अल्पकालिक लक्ष्य का उद्देश्य PLA के 100वें स्थापना दिवस को मनाने के साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि चीन का सेना को आधुनिक बनाने का अभियान सही दिशा में चल रहा है. कुछ विशेषज्ञों ने चीन के इस अल्पकालिक लक्ष्य की व्याख्या वर्ष 2027 तक ताइवान पर कब्ज़ा करने के लिए PLA को पूरी तरह से सुसज्जित करने की शी जिनपिंग की कोशिशों के रूप में भी की है.

सेना में सुधार

PLA में विगत आठ वर्षों से सुधारों की निरंतर प्रक्रिया चल रही है और अब जैसे-जैसे PLA आहिस्ता-आहिस्ता सुधारों के दूसरे चरण में दाख़िल हो रही है, वैसे-वैसे सैन्य सुधारों का एक नया तौर-तरीक़ा भी विकसित हुआ है. इसके अंतर्गत चीनी सेना का ज़ोर संगठनात्मक बदलावों के बजाए मानवीय पक्ष से जुड़े परिवर्तनों पर अधिक है. देखा जाए तो अगले पांच से सात वर्षों में चीन के सैन्य सुधारों की इस प्रक्रिया के चार अहम पहलू हैं. पहला पहलू उस व्यापक धारणा के उलट है, जिसमें कहा जाता है कि PLA के सैन्य आधुनिकीकरण की प्रक्रिया आख़िरकार धीमी हो जाएगी. चीन की सेना ने हाल के वर्षों में आश्चर्यजनक तौर पर नव निर्माण का अनुभव किया है, जो कहीं न कहीं चीन के बढ़ते रक्षा बजट की वजह से है. कहने का मतलब यह है कि मंदी के बावज़ूद, ख़ास तौर पर कोरोना महामारी के बाद भी चीन के रक्षा बजट में बढ़ोतरी की गई है. वर्ष 2000 से 2016 तक, चीन के सैन्य बजट में सालाना हिसाब से क़रीब 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, हालांकि हाल के वर्षों में सैन्य बजट में यह वृद्धि धीमी होकर लगभग 5 से 7 प्रतिशत वार्षिक हो गई है. चीन के ताज़ा रक्षा बजट, यानी वर्ष 2023 के बजट में 7.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज़ की गई है, अर्थात चीन ने इस साल क़रीब-क़रीब 1.55 ट्रिलियन युआन (224 बिलियन अमेरिका डॉलर) का रक्षा बजट आवंटित किया है. चीन के सैन्य बजट का यह ताज़ा आंकड़ा वर्ष 2013 की तुलना में दोगुना है और पिछले साल की 7.1 प्रतिशत की वृद्धि से थोड़ा अधिक है. इस प्रकार से लगातार आठ वर्षों से चीन के सैन्य बजट में इकाई प्रतिशत अंक की वृद्धि हुई है. इसके अतिरिक्त, चीन आंकड़ों में जोड़-तोड़ करने और उन्हें छुपाने के लिए भी विख्यात है, जो कि उसके डिफेंस ख़र्च में भी साफ दिखाई देता है. इस प्रकार से चीन के डिफेंस आंकड़ों का विवरण बेहद धुंधला है और इनसे यह पता लगाना बहुत मुश्किल है कि चीनी स्ट्रैटेजिक शस्त्र भंडार, मिलिशिया, साइबर क्षमताओं, अनुसंधान एवं विकास और सैन्य तकनीक़ को वर्तमान रक्षा बजट के अंतर्गत वित्त पोषित किया गया है या नहीं. हालांकि, आर्थिक मंदी के बावज़ूद, PLA ने अधिक आधुनिक हेवी मेटल प्लेटफार्मों और प्रणालियों की ख़रीद जारी रखी है, जो कि PLA के घोषित और सर्वविदित लक्ष्यों को हासिल करने के उद्देश्य पर केंद्रित है. इसमें अत्याधुनिक पनडुब्बियां, क्रूजर्स और डेस्ट्रॉयर्स, स्टील्थ लड़ाकू फाइटर्स, हल्के युद्धक टैंकों और नई सामरिक मिसाइल जैसी क्षमताएं हासिल करना शामिल हैं.

मंदी के बावज़ूद, ख़ास तौर पर कोरोना महामारी के बाद भी चीन के रक्षा बजट में बढ़ोतरी की गई है. वर्ष 2000 से 2016 तक, चीन के सैन्य बजट में सालाना हिसाब से क़रीब 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है,

चीन में सेना के आधुनिकीकरण के साथ-साथ, फिलहाल आधुनिक हथियारों को चलाने वाले सैन्य कर्मियों के कौशल विकास पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है. ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है क्यों चीन में जितनी ज़रूरत है, उसकी तुलना में ऐसे कुशल लोगों की कमी है, जो कि अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों का संचालन कर सकें. चीन में अनिवार्य सैनिक भर्ती की व्यवस्था में हाल में जो बदलाव किया गया है, उसके पीछे भी यही कारण है. इसके अंतर्गत अब कॉलेज में पढ़े-लिखे और तकनीक़ी रूप से कुशल कर्मियों की भर्ती करने पर ज़ोर दिया जा रहा है, साथ ही उन्हें मिलने वाले लाभों और वेतन में भी इज़ाफ़ा किया जा रहा है, ताकि समाज के विभिन्न वर्गों के लोग सेना में आने के लिए आकर्षित हों. इसके अलावा, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वर्ष 2049 तक PLA को वर्ल्ड क्लास सैन्य ताक़त में परिवर्तित करने के लिए, जिन प्रमुख बातों पर बल दिया है, उनमें कार्मिक नीति (personnel policy) का आधुनिकीकरण भी शामिल है. सैन्य कर्मियों के लिए वहां हाल ही में जो कुछ परिवर्तन किए गए हैं, उनमें यह स्पष्ट रूप से दिखाई भी देता है. जैसे कि वर्ष 2021 में टू-साइकिल अनिवार्य सैन्य भर्ती प्रणाली की तरफ मुड़ना, सूचीबद्ध सैन्य बल की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव, ऑफिस कॉर्प्स एजुकेशन सिस्टम में बदलाव, गैर-कमीशन्ड फौज़ी दस्ते की भूमिकाओं व उत्तरदायित्वों में संशोधन और रिज़र्व सैनिकों की प्रणाली में सुधार.

सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) द्वारा नवंबर 2020 में “चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ज्वाइंट ऑपरेशंस आउटलाइन (ट्रायल) (zhongguo renmin jiefangjun lianhe zuozhan gangyao (shixing)” नाम का एक मिलिट्री डॉक्युमेंट जारी किया गया था. चीनी सेना के आधुनिकीकरण और सैन्य कर्मियों की गुणवत्ता में सुधार का मकसद, उन्हीं लक्ष्यों को हासिल करना है, जिन्हें इस मिलिट्री दस्तावेज़ में प्रमुखता दी गई थी. शीर्ष स्तर के इस क़ानून में व्यवस्था के स्तर से ‘चीन को किन-किन युद्धों का सामना करना पड़ेगा और उन्हें कैसे लड़ा जाएगा’ एवं PLA को “बदली परिस्थितियों व संयुक्त ऑपरेशनों में आने वाली नई-नई दिक़्क़तों पर किस प्रकार से ध्यान केंद्रित करना चाहिए” से संबंधित विभिन्न मसलों को बेहतर तरीक़े से स्पष्ट किया गया है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो यह दस्तावेज़ PLA के लिए यह समझने का एक विस्तृत प्रारूप है, जिसमें बताया गया है कि आधुनिक उपकरणों और उपलब्ध सैन्य बलों के साथ भरपूर जानकारियों एवं सूचनाओं वाली परिस्थितियों और स्थानीय एवं क्षेत्रीय युद्धों के अंतर्गत एकीकृत ज्वाइंट ऑपरेशन्स को किस प्रकार से संचालित किया जाए.

यह वजह है कि पिछले आठ साल से लगातार चल रहे सैन्य सुधारों के बाद आज PLA के 96 साल पूरे होने के बाद भी सुधारों की इस प्रक्रिया की गति धीमी होने के कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं.

अंत में, वर्ष 2021 के पश्चात PLA ने डिफेंस मोबिलाइज़ेशन यानी अपनी रक्षा तैयारियों की मज़बूती पर भी फोकस करना शुरू कर दिया है. ज़ाहिर है कि चीन शांतिकाल के दौरान स्थानीय तौर पर उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम विकास के लिए इसे एक ज़रूरी उपाय मानता है और इन तैयारियों का इस्तेमाल किसी युद्ध या विपरीत हालातों के दौरान किया जा सकता है. इसमें स्थानीय स्तर पर नेशनल डिफेंस मोबिलाइजेशन ऑफिसेज (NDMOs) स्थापित करना और उनका सशक्तिकरण शामिल है. साथ ही तनाव बढ़ने के दौरान NDMOs को सैन्य बलों एवं संसाधनों को जुटाने के लिहाज़ से साधन संपन्न बनाना और PLA के लिए लॉजिस्टिक्स उपलब्ध कराना एवं मिलिट्री व सिविल एजेंसियों के बीच सामंजस्य बनाना शामिल है.

निष्कर्ष

पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) द्वारा सेना का आधुनिकीकरण, कार्मिक नीति में सुधार, एकीकृत साझा ऑपरेशन की क्षमता हासिल करने और चीन के मोबिलाइज़ेशन सिस्टम में सुधार करने जैसे कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है. इसके साथ ही चीन ने अपने सामरिक हथियारों के भंडार, साइबर एवं स्पेस क्षमताओं, स्ट्रैटेजिक लॉजिस्टिक्स क्षमताओं और एंफीबियस वॉरफेयर, अर्थात दुश्मन के ख़िलाफ़ नौसेना व थल सेना द्वारा समुद्र से शुरू किए गए हमलों की विशेषता वाले सैन्य अभियान, और सीमाओं की सुरक्षा बढ़ाने में निवेश करने का सिलसिला भी बरक़रार रखा है. इतना ही नहीं, ऐसा लगता है कि अपनी सैन्य ताक़त बढ़ाने के लिए चीन आगामी 5-7 वर्षों तक इसी तरह के प्रयास करता रहेगा. यह वजह है कि पिछले आठ साल से लगातार चल रहे सैन्य सुधारों के बाद आज PLA के 96 साल पूरे होने के बाद भी सुधारों की इस प्रक्रिया की गति धीमी होने के कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं. उल्लेखनीय है कि चीन द्वारा अपने सैन्य सुधार अभियान में जिस प्रकार से लगातार निवेश किया जा रहा है, उससे यह साफ संकेत मिलता है कि वह अपने राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों को हासिल करने के लिए कितना प्रतिबद्ध है.


सुयांश देसाई रिसर्च स्कॉलर हैं और चीन की रक्षा एवं विदेश नीतियों के बारे में अध्ययन कर रहे हैं.

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