अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Biden ) हाल के दिनों में कई बार भारत और पीएम नरेंद्र मोरी की तारीफ कर चुके हैं. उन्होंने भारत की यह तारीफ ऐसे समय की है, जब यूक्रेन जंग के दौरान अमेरिका (America) ने भारत की तटस्थता नीति की निंदा की है. उधर, हाल के दिनों में अमेरिका का झुकाव पाकिस्तान की ओर भी बढ़ा है. अमेरिकी विमान एफ-16 को लेकर बाइडेन प्रशासन (Biden Administration) ने पाकिस्तान की मदद की थी. इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी आपत्ति भी दर्ज की थी. ऐसे में यह सवाल उठता है कि बाइडेन की इस तारीफ के कूटनीतिक मायने क्या हैं. आखिर बाइडेन भारत पर क्यों फिदा है. इस पर विशेषज्ञ की क्या राय है.
बाइडेन प्रशासन की दक्षिण एशियाई नीति में थोड़ा बदलाव
1- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि अमेरिका यह जानता है कि भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान बहुत विश्वसनीय नहीं है. खासकर पाकिस्तान और चीन की निकटता अमेरिका को कभी रास नहीं आई. इसके चलते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में दोनों देशों के रिश्ते काफी निचले स्तर पर चले गए थे.
यह सवाल उठता है कि बाइडेन की इस तारीफ के कूटनीतिक मायने क्या हैं. आखिर बाइडेन भारत पर क्यों फिदा है. इस पर विशेषज्ञ की क्या राय है.
हालांकि, ट्रंप के बाद बाइडेन प्रशासन की दक्षिण एशियाई नीति में थोड़ा बदलाव आया है. बाइडेन प्रशासन ने पाकिस्तान के साथ रिश्तों को सामान्य बनाने की पहल की है. हालांकि, बाइडेन प्रशासन भारत के साथ अपने संबंधों को बिगाड़ कर पाकिस्तान के साथ रिश्तों को नहीं बनाना चाहता है. यही कारण है कि बाइडेन प्रशासन बीच-बीच में भारत की तारीफ कर रिश्तों को बेहतर बनाने की कोशिश में जुटा रहता है.
2- प्रो पंत ने कहा कि यूक्रेन जंग के बाद भारत-अमेरिका के रिश्तों में थोड़ा उतार चढ़ाव देखा गया है. इसके बावजूद रणनीतिक रूप से अमेरिका के लिए भारत बेहद उपयोगी देश है. खासकर तब जब दक्षिण चीन सागर, हिंद प्रशांत क्षेत्र और ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के रिश्ते काफी तल्ख हैं. दोंनो देशों के बीच शीत युद्ध की स्थिति है. चीन, अमेरिका के लिए एक नई आर्थिक और सामरिकी चुनौती पेश कर रहा है.
इधर, सीमा विवाद के चलते भारत और चीन के साथ संबंध काफी तनावपूर्ण चल रहे हैं. यही कारण है कि अमेरिका की दक्षिण एशियाई नीति में भारत अभी भी नंवर वन बना हुआ है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत, अमेरिका के नेतृत्व वाले क्वाड संगठन का भी हिस्सा है.
3- प्रो पंत ने कहा कि पाकिस्तान में शाहबाज सरकार के गठन के बाद अमेरिका के साथ रिश्ते सामान्य बनाने की कोशिश जारी है. अमेरिका के विदेश मंत्री के एक सलाहकार ने हाल ही में पाकिस्तान की यात्रा की थी. बाइडेन प्रशासन ने 45 करोड़ डॉलर के हथियार और उपकरण एफ-16 फाइटर जेट के लिए दिए हैं. अमेरिका ने बाढ़ से पीड़ित पाकिस्तान को अन्य आर्थिक मदद भी मुहैया कराई थी. इससे यह संकेत मिलता है कि दोनों देश एक दूसरे के निकट आ रहे हैं.
बाइडेन प्रशासन ने 45 करोड़ डॉलर के हथियार और उपकरण एफ-16 फाइटर जेट के लिए दिए हैं. अमेरिका ने बाढ़ से पीड़ित पाकिस्तान को अन्य आर्थिक मदद भी मुहैया कराई थी. इससे यह संकेत मिलता है कि दोनों देश एक दूसरे के निकट आ रहे हैं.
पाकिस्तान में नई सरकार के गठन के बाद पाक के नए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भी अमेरिका गए थे. ऐसे में बाइडेन प्रशासन एक तरफ पाकिस्तान से संबंधों को ठीक करना चाहता है, उधर भारत को भी साधने में जुटा है. यहीं कारण है कि तमाम मतभेदों के बावजूद बाइडेन प्रशासन भारत के साथ निकटता बनाए रखने के लिए कोई मौका नहीं गंवाना चाहता है. यह कहा जा सकता है कि बाइडेन प्रशासन की दक्षिण एशियाई नीति पाकिस्तान और भारत को एक साथ साधने में जुटी है.
4- प्रो पंत ने कहा कि दोनों देशों के बीच मधुर संबंधों में भारतीय अमेरिकी लोगों का अहम रोल रहा है. अमेरिकी राजनीति में भारतीय लोग प्रभावशाली भूमिका निभा रहे हैं. अमेरिका में भारतीय एक महत्वपूर्ण वोट बैंक के रूप में उभर रहे हैं. भारतीयों का दखल अमेरिका की सियासत में बढ़ रहा है. इस वक्त 50 लाख से ऊपर भारतीय अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं.
प्रो पंत ने कहा कि बाइडेन के भारत तारीफ के पीछे अमेरिका की आंतरिक राजनीति भी एक बड़ा फैक्टर रहा है. अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के वक्त अमेरिका के कई राज्यों में भारतीयों की अहम भूमिका रही है. कई राज्यों में वह निर्णायक मतदाता के रूप में उभर कर आए हैं.
अमेरिका की आंतरिक राजनीति और भार
अप्रवासन कानून के संबंध में, भारतीय प्रवासियों ने अमेरिका की 1965 अप्रवासन नीति में भारतीयों के लिए अप्रवासन कानूनों के पक्ष में अहम भूमिका निभाई थी. वर्ष 2016 के अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदुओं की प्रशंसा की थी. उन्होंने भारतीय अमेरिकी लोगों की राजनीतिक भागीदारी पर प्रकाश डाला था. इसके बाद अमेरिकी की राजनीति में भारतीय अमेरिकी वर्चस्व को मान्यता मिली है.
5- प्रो पंत ने कहा कि बाइडेन के भारत तारीफ के पीछे अमेरिका की आंतरिक राजनीति भी एक बड़ा फैक्टर रहा है. अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के वक्त अमेरिका के कई राज्यों में भारतीयों की अहम भूमिका रही है. कई राज्यों में वह निर्णायक मतदाता के रूप में उभर कर आए हैं. प्रो पंत बाइडेन की इस तारीफ को इस कड़ी से जोड़कर देखते हैं.उन्होंने कहा कि बाइडेन जानते हैं कि भारत की तारीफ करके वह अमेरिका में रह रहे भारतीय मतदाताओं को डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर आकर्षित कर सकते हैं. प्रो पंत ने कहा कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के वक्त भी ट्रंप और बाइडेन ने भारतीय कार्ड खेला था. वर्ष 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव होने हैं, ऐसे में बाइडेन भारतीय वोट बैंक को लुभाने के लिए भी भारतीय कार्ड का इस्तेमाल कर सकता है.
यह लेख है जागरण में प्रकाशित हो चुका है.
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