Author : Manoj Joshi

Originally Published दैनिक भास्कर Published on Sep 24, 2024 Commentaries 0 Hours ago

चीन इस बात पर जोर देता है कि दलाई लामा उसकी हुकूमत की अनुमति के बिना ‘पुनर्जन्म’ नहीं ले सकते.

दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर मंडराया चीन का साया: चीन और तिब्बती परंपरा के बीच संघर्ष बढ़ा

89 वर्षीय दलाई लामा हाल ही में अमेरिका से लौटे हैं, जहां वे घुटने की सर्जरी के लिए गए थे. उनकी सेहत ठीक है, लेकिन उनकी उम्र को देखते हुए उनके उत्तराधिकारी को लेकर चिंताएं हैं. तिब्बती परंपरा में, दलाई लामा तुल्कुओं या प्रबुद्ध व्यक्तियों में सबसे प्रमुख होते हैं, जो आध्यात्मिक शिक्षाओं की परंपरा को बनाए रखने के लिए मानव रूप धारण करते हैं.

माना जाता है कि देहत्याग के बाद वे पुनर्जन्म लेते हैं और ऐसे संकेत छोड़ जाते हैं, जो उनके उत्तराधिकारी को खोजने में मदद करते हैं. वर्तमान दलाई लामा को उनके पूर्ववर्ती 13वें दलाई लामा के पुनर्जन्म के रूप में तब पहचाना गया था, जब वे मात्र दो साल के थे. लेकिन चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जे के चलते चिंता है कि इस बार इस प्रक्रिया में खलल आ सकता है.

वर्तमान दलाई लामा को उनके पूर्ववर्ती 13वें दलाई लामा के पुनर्जन्म के रूप में तब पहचाना गया था, जब वे मात्र दो साल के थे. लेकिन चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जे के चलते चिंता है कि इस बार इस प्रक्रिया में खलल आ सकता है.

2011 में दलाई लामा ने कहा था कि वे स्पष्ट दिशानिर्देश देने में रुचि रखते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया में संदेह या धोखे की कोई गुंजाइश न रहे. एक बड़ी समस्या यह होगी कि पुनर्जन्म वाले बच्चे की खोज और उसके परिपक्व होने के बीच 20-25 साल का अंतराल होगा.

आज की स्थिति में, जहां दलाई लामा के नेतृत्व की लगातार मांग है, पुनर्जन्म वाले नए लामा के परिपक्व होने की प्रतीक्षा करने से बहुत अधिक अस्थिरता आ सकती है. दलाई लामा ने तिब्बती परंपरा पर आधारित एक और मार्ग की बात की है. इसमें लामा निधन के बाद अपने व्यक्तित्व को किसी जीवित युवा व्यक्ति में स्थानांतरित करते हैं.

दलाई लामा की योजना पर नजरें

चीन को चिंता है कि दलाई लामा का पुनर्जन्म कहीं भी हो सकता है. अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भी, जहां के मठ की स्थापना 1680-81 में पांचवें दलाई लामा की इच्छा के अनुसार की गई थी. यह मोनपा जनजाति का क्षेत्र है, जहां छठे दलाई लामा की खोज हुई थी.

चीन इस बात पर जोर देता है कि लामा उसकी अनुमति के बिना ‘पुनर्जन्म’ नहीं ले सकते. वह तर्क देता है कि पुरातन समय से ही दलाई लामा को मान्यता देने का अधिकार चीन के सम्राटों के पास था और अब यह अधिकार चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा संचालित सरकार के पास है. 1997 के एक श्वेत पत्र में चीन ने उल्लेख किया था कि केंद्र सरकार द्वारा लामा के पुनर्जन्म को मंजूरी देना तिब्बती बौद्ध धर्म का एक धार्मिक अनुष्ठान और ऐतिहासिक परंपरा है.

चीन इस बात पर जोर देता है कि लामा उसकी अनुमति के बिना ‘पुनर्जन्म’ नहीं ले सकते. वह तर्क देता है कि पुरातन समय से ही दलाई लामा को मान्यता देने का अधिकार चीन के सम्राटों के पास था और अब यह अधिकार चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा संचालित सरकार के पास है.

यही वह साल था, जब चीन ने दलाई लामा द्वारा गेधुन चोएक्यी न्यिमा को 10वें पंचेन लामा के पुनर्जन्म के रूप में चुने जाने को रद्द कर दिया था और ग्यानकेन नोरबू को जबरन 11वें पंचेन लामा के रूप में स्थापित किया था.

दलाई लामा के देहत्याग के बाद चीनी निश्चित रूप से उनकी संस्था पर कब्जा करने की कोशिश करेंगे, इसलिए दलाई लामा भविष्य की सावधानीपूर्वक योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा है कि वे 90 वर्ष की आयु होने पर वरिष्ठ भिक्षुओं से परामर्श करके अपने भविष्य का फैसला करेंगे. यह अगले वर्ष होगा. दलाई लामा के कार्यालय ने पहले कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया है.

तिब्बत में चीनी दमनचक्र

दूसरी तरफ, तिब्बत में चीनी दमनचक्र और बढ़ गया है. बीजिंग अब तिब्बती बौद्ध धर्म को चीनी बनाने की आवश्यकता की बात कर रहा है. छोटे बच्चों को अपनी भाषा से परिचित होने से पहले चीनी सीखने के लिए बोर्डिंग स्कूलों में भेजा जा रहा है. अमेरिका चीनियों से बिना किसी पूर्व शर्त के तिब्बतियों से बातचीत के बाद समझौता करने का आग्रह कर रहा है.

यूएस तिब्बत पॉलिसी एंड सपोर्ट एक्ट 2020 के तहत अमेरिका ने कहा है कि दलाई लामा के उत्तराधिकार का मामला चीनियों के हस्तक्षेप के बिना तिब्बतियों द्वारा स्वयं संभाला जाना चाहिए. अभी तक भारत इस मुद्दे पर आधिकारिक रूप से टिप्पणी करने से दूर रहा है.लेकिन चूंकि भारत तिब्बत के साथ 4,000 किलोमीटर की सीमा साझा करता है, इसलिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह मसला हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है.

चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जे के चलते चिंता है कि इस बार नए दलाई लामा के चयन की प्रक्रिया में खलल आ सकता है. चीन इस बात पर जोर देता है कि दलाई लामा उसकी हुकूमत की अनुमति के बिना ‘पुनर्जन्म’ नहीं ले सकते.

 

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