Author : Girish Luthra

Published on Sep 21, 2023 Updated 0 Hours ago

अमेरिका-चीन प्रतिद्वंद्विता और बीआरआई की दीर्घकालिक व्यवहार्यता पर चिंताओं के बढ़ने के साथ, तीसरे बेल्ट और रोड फ़ोरम में, अगर यह इस साल आयोजित किया जाता है तो, बहुत कुछ करना होगा.

चीन का बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव एक निर्णायक मोड़ पर

इस साल जुलाई में, चीन की बेल्ट और रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत कुल निवेश एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर को पार कर एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अघिक हो गया. 2023 की पहली छमाही के लिए जारी हुए डाटा के साथ यह ख़बर आई थी कि 2023 के अंत में तीसरे बीआरआई फ़ोरम को चीन में आयोजित करने की योजना है. इसमें शामिल होने वाले देशों की उच्चतम स्तर की सभा होने के नाते, मंच का उद्देश्य बीआरआई के कार्यान्वयन के प्रति एक सहयोगी दृष्टिकोण प्रदर्शित करना है, साथ ही अब तक हुई प्रगति और इसकी समग्र दिशा में किए जाने वाले परिवर्तनों की योजना पर प्रकाश डालना भी है. कोविड महामारी के बाद, लगभग चार-ढाई साल के अंतराल में, पहला आयोजन अगला मंच होगा.

मंच का उद्देश्य बीआरआई के कार्यान्वयन के प्रति एक सहयोगी दृष्टिकोण प्रदर्शित करना है, साथ ही अब तक हुई प्रगति और इसकी समग्र दिशा में किए जाने वाले परिवर्तनों की योजना पर प्रकाश डालना भी है.

अब तक तय किया रास्ता

साल 2013 में अपनी शुरुआत के बाद बीआरआई ने तेज़ी से रफ़्तार पकड़ी थी (इसे शुरुआत में वन बेल्ट वन रोड शीर्षक के तहत लॉन्च किया गया, जिसे सहयोग और समावेश पर जोर देने के लिए 2015 में बीआरआई में बदल दिया गया). घोषित परियोजनाओं की संख्या, कुल किए गए और निष्पादित निवेशों और भागीदारों के रूप में शामिल होने वाले देशों की संख्या (वर्तमान संख्या 150 से अधिक) में तेज़ वृद्धि हुई थी. बीआरआई का भौगोलिक स्तर पर भी काफी विस्तार हुआ, इसके दोनों ही घटकों में—महाद्वीपीय सिल्क रोड आर्थिक बेल्ट और समुद्री सिल्क रोड, जिसने इसे क्षेत्रीय से लगभग एक वैश्विक पहल में बदल दिया. चीन ने ज़ोर दिया कि बीआरआई साझेदारी, व्यापार और एकीकरण के लिए एक नया मॉडल था जो आधिपत्यवादी दबाव और शर्तों से मुक्त था. इसके दशक भर पुराने अस्तित्व के दूसरे हिस्से में, चीन ने इस बात पर विशेष रूप से ध्यान दिलाना शुरू किया कि बहुपक्षवाद, पर्यावरण और स्थिरता के सिद्धांत बीआरआई में अंतर्निहित थे. चीन के लिए बीआरआई का महत्व इतना रहा है कि इसे 2017 में चाइनीज़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के संविधान में और 2021 में जारी चीन की 14वीं पंचवर्षीय योजना में शामिल किया गया था. इससे पहले कि दुनिया कोविड-19 महामारी से प्रभावित होती, बीआरआई तेज़ी से आगे बढ़ रहा था, हालांकि इससे जुड़ी कई समस्याएं पहले ही स्पष्ट हो गई थीं.

बीआरआई के लिए प्रतिकूल परिस्थितियां

बीआरआई की आलोचना इसके अंतर्निहित उद्देश्यों के लिए की गई, जैसे कि विकासात्मक पदचिह्न (विकासात्मक पदचिह्न से अर्थ किसी परियोजना के उस स्थान से है जो विकास गतिविधियों से प्रभावित हुआ हो. संपर्क मार्ग, पार्किंग की जगहें, गैर-भवन सुविधाएं और भवनों के ढांचे सभी इसमें शामिल हैं) के माध्यम से रणनीतिक प्रभाव प्राप्त करना, आधार और पहुंच के अधिकारों के लिए सहायता का लाभ उठाना, आक्रामक रूप से अलग-अलग क्षेत्रों को चीन-केंद्रित मूल्य श्रृंखलाओं के साथ जोड़ना, स्थानीय जरूरतों पर पर्याप्त ध्यान न देना, पारदर्शिता की कमी, संप्रभुता की अवहेलना, पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव, भ्रष्टाचार और मज़बूत वित्तीय निरीक्षण की कमी. श्रीलंका में बंदरगाह परियोजना और केन्या में रेल परियोजना जैसे कुछ मामलों में उपयोग और राजस्व शुरुआती अनुमानों से काफ़ी कम निकला. पाकिस्तान, लाओस, श्रीलंका, जाम्बिया और मंगोलिया सहित कुछ भागीदार देशों में उच्च ऋण जोखिम के मामले सामने आने के बाद बीआरआई के संदर्भ में ‘ऋण कूटनीति’ शब्द लोकप्रिय हुआ. कुछ मामलों में, चीन ने अतिरिक्त उधार प्रदान किया, जबकि अन्य मामलों में, उसने ऋण पुनर्गठन के लिए मुद्रा स्वैप लाइनें पेश कीं. इसके बावजूद, बीआरआई के बारे में नकारात्मक धारणाएं धीरे-धीरे बढ़ीं, कुछ भागीदार देशों की इन परियोजनाओं के बारे में रुचि कम हो गई, जिसके परिणामस्वरूप उनके रुख में परिवर्तन दिखा.

कुछ मामलों में, चीन ने अतिरिक्त उधार प्रदान किया, जबकि अन्य मामलों में, उसने ऋण पुनर्गठन के लिए मुद्रा स्वैप लाइनें पेश कीं. इसके बावजूद, बीआरआई के बारे में नकारात्मक धारणाएं धीरे-धीरे बढ़ीं, कुछ भागीदार देशों की इन परियोजनाओं के बारे में रुचि कम हो गई, जिसके परिणामस्वरूप उनके रुख में परिवर्तन दिखा.

संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस), यूरोपीय संघ (ईयू), जी7, जापान, ऑस्ट्रेलिया, भारत और अन्य देशों द्वारा शुरू की गई नई कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को एकजुटता और वास्तविकता प्राप्त करने में समय लगा और महामारी के बाद ही इन्होंने ठोस आकार लेना शुरू किया. वैश्विक आधारभूत ढांचा और निवेश के लिए साझेदारी (पार्टनरशिप फ़ॉर ग्लोबल इंफ़्रास्ट्रक्चर और इन्वेस्टमेंट- जी7), वैश्विक द्वार (ग्लोबल गेटवे- ईयू), गुणवत्तापूर्ण आधारभूत ढांचा और निवेश (क्वालिटी इंफ़्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम- जापान) और इस तरह की अन्य पहल अब विभिन्न संरचनाओं और प्रक्रियाओं के साथ बीआरआई के विकल्प प्रदान करती हैं. इन और कई अन्य जुड़ी हुई पहलों ने बीआरआई के लिए चुनौतियों को बढ़ा दिया है, हालांकि आकार के स्तर पर बीआरआई को टक्कर देने की इनकी क्षमता अभी तक स्थापित नहीं हुई है.

चीन की अर्थव्यवस्था में हालिया मंदी

चीन की अर्थव्यवस्था में हालिया मंदी बीआरआई के लिए एक और बड़ी चुनौती पेश करती है. भारी बेरोज़़गारी, कमज़ोर उपभोक्ता मांग, व्यापार और विकास का निम्न डाटा और कुछ बड़ी कंपनियों के वित्तीय स्वास्थ्य के बारे में चिंताएं चीन को घर की ओर देखने के लिए मजबूर कर रही है. यह चीन की घोषित रणनीति ‘दोहरे परिसंचरण’ के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, जो घरेलू अर्थव्यवस्था को बाहरी व्यापार और निवेश से जोड़ती है.

प्रारंभिक चरण में, चीन ने अपने नीति बैंकों (पॉलिसी बैंक)- चाइना डेवलपमेंट बैंक, एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ चाइना और सार्वजनिक और निजी वित्तीय संस्थानों की भागीदारी वाले विशेष निवेश फंडों के माध्यम से बीआरआई के तहत विदेशी परियोजनाओं को वित्तपोषित किया. इसने अपने विदेशी मुद्रा भंडार (वर्तमान में लगभग 3.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) का लाभ उठाकर अपने सरकारी बैंकों और संप्रभु संपत्ति निधि (सॉवरेन वेल्थ फंड राज्य द्वारा नियंत्रित फंड का एक संकलन होता है जिसे विभिन्न प्रकार की वित्तीय पूंजी में निवेश किया जाता है. आमतौर पर, फंडिंग देश के बजट अधिशेष से आती है. जब किसी देश में अतिरिक्त पैसा होता है, तो यह केंद्रीय बैंक में उन्हें बनाए रखने या उन्हें अर्थव्यवस्था में दोबारा निवेश करने के बजाय उनका निवेश करने के लिए सॉवरेन वेल्थ फंड का उपयोग करता है) को पूंजीकृत करने के लिए एक नए मॉडल को अपनाया. इसके बाद यह अन्य वित्तपोषण चैनलों में विविधता लाया जिसमें अंशपूंजी निवेश निधि (इक्विटी इन्वेस्टमेंट फंड), संप्रभु विकास निधि (सॉवरेन डेवलपमेंट फंड), निजी अंशपूंजी निधि (प्राइवेट इक्विटी- पीई फंड) और संयुक्त (स्थानीय निवेशकों के साथ) निवेश निधि शामिल हैं. अक्टूबर 2020 तक, सिल्क रोड फंड द्वारा की गईं 70 प्रतिशत से अधिक प्रतिबद्धताएं इक्विटी के रूप में थीं, जिसमें एक पीई फ़र्म के समान मध्यम से दीर्घकालिक निवेश क्षितिज था. इनमें से कई चैनलों की क्षमता निरंतर आर्थिक विकास और वित्तीय और बैंकिंग क्षेत्र के समग्र स्वास्थ्य से जुड़ी हैं. बहुत उच्च स्तर के ऋण के साथ- कुछ अनुमानों के अनुसार चीन का समग्र ऋण सकल घरेलू उत्पाद के 300 प्रतिशत को पार कर गया है – और खराब ऋणों की नई रिपोर्टों के साथ, संभावना है कि बीआरआई निवेशों से पहले जांच-पड़ताल ज़्यादा की जाएगी और जोखिम कम लिए जाएंगे .

बीआरआई मंच

बेल्ट एंड रोड फ़ोरम फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन (बीआरएफ़) को चीन ने सहयोग और नेटवर्किंग के लिए एक मंच के रूप में शुरू किया था जो समय-समय पर बीआरआई की व्यापक दिशा की समीक्षा करेगा, इसके कार्य एजेंडा को अंतिम रूप देगा और नए ढांचे और समझौतों की घोषणा करेगा. पहला बीआरएफ़ मई 2017 में आयोजित किया गया था और इसमें 29 राष्ट्राध्यक्षों, 30 देशों के प्रतिनिधियों और 70 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था. इसका उद्देश्य सहयोग और परामर्श को प्रदर्शित करना था. चीनी राष्ट्रपति ने घोषणा की कि चीन अधिक संसाधन और वित्तीय सहायता आवंटित करेगा और इसमें कई नए समझौतों और परियोजनाओं का अनावरण किया गया. संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने पहले मंच को संबोधित करते हुए बीआरआई की तारीफ़ ‘जिसकी जड़ें, वैश्विक विकास के लिए एक साझा दृष्टि में हों’ के रूप में की और इसे संयुक्त राष्ट्र सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स 2030 के साथ जोड़ा. सभी हिसाब से पहला बीआरएफ़ अत्यधिक सफल रहा.

जब किसी देश में अतिरिक्त पैसा होता है, तो यह केंद्रीय बैंक में उन्हें बनाए रखने या उन्हें अर्थव्यवस्था में दोबारा निवेश करने के बजाय उनका निवेश करने के लिए सॉवरेन वेल्थ फंड का उपयोग करता है को पूंजीकृत करने के लिए एक नए मॉडल को अपनाया.

दूसरा बीआरएफ़ अप्रैल 2019 में आयोजित किया गया था और इसमें पहले बीआरएफ़ की तुलना में अधिक बड़ी संख्या में, 37 राष्ट्राध्यक्षों ने भाग लिया था. हालांकि, भू-राजनीतिक माहौल में काफी बदलाव आ चुका था, अमेरिका ने चीन को ‘संशोधनवादी शक्ति’ और यूरोपीय संघ ने इसे ‘व्यवस्थागत प्रतिद्वंद्वी’ का नाम दे दिया था. अमेरिका और चीन के बीच व्यापार और टैरिफ घर्षण विकसित होना शुरू हो गया था और बीआरआई परियोजनाओं की आलोचना- वित्तीय शर्तों, ऋण, स्थानीय भागीदारी और प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभावों से संबंधित पहलुओं पर- बढ़ने लगी थी. फलस्वरूप, दूसरे बीआरएफ़ ने परामर्शकारी तंत्र बनाने, उच्च गुणवत्ता और पर्यावरण मानकों का ध्यान रखने, स्वच्छ और हरित परियोजनाओं और बेहतर वित्तीय प्रबंधन पर ज़ोर दिया. एक ऋण स्थिरता ढांचा, भ्रष्टाचार के लिए शून्य सहिष्णुता और कुछ प्रमुख सिद्धांतों और वितरण योग्य वस्तुओं को रेखांकित करते हुए कई दस्तावेज़ जारी किए गए. इसके अलावा गति को बनाए रखने के लिए विभिन्न आलोचनाओं के जवाब में छवि बदलने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया. चीन ने बताया कि बीआरआई अनुकूलनीय है और विभिन्न देशों में व्यापक आकलन से निष्कर्ष निकाला गया कि बीआरआई लंबे समय तक वहां रहने वाला है.

एक संकटपूर्ण स्थिति के बीच तीसरा बीआरआई फ़ोरम

पहले दो बीआरएफ़ के बीच भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक बदलाव दूसरे और अनुमानित तीसरे बीआरएफ़ के बीच के बदलावों की तुलना में कम हैं. अमेरिका-चीन संबंधों में गिरावट और सामने आ रही रणनीतिक प्रतिस्पर्धा, सुरक्षा वातावरण में गिरावट, अनिश्चित वैश्विक व्यापार और आर्थिक स्थिति, नई साझेदारियों और गठबंधनों का उदय, प्रौद्योगिकी और आपूर्ति श्रृंखलाओं से संबंधित लचीलेपन पर ध्यान केंद्रित करना और ‘विश्वास’ पर नया ज़ोर देने के साथ, तीसरे बीआरएफ़ को बीआरआई को फिर से स्थापित करने के लिए एक विकट चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. बीआरआई खुद ही कुछ प्रमुख चुनौतियों का सामना कर रहा है, जो चीन की घरेलू आर्थिक समस्याओं से और बढ़ गई हैं. चूंकि चीन के 60 प्रतिशत ऋण उन देशों में हैं जो ऋण संकट का सामना कर रहे हैं, इसलिए मंच पर उनमें छूट देने या पुनर्गठन की मांग बढ़ सकती है.

नए वातावरण और कुछ भागीदार देशों द्वारा पुनर्मूल्यांकन को देखते हुए, तीसरे बीआरएफ़ में भागीदारी- दोनों स्तर और संख्या में- पर बारीकी से नज़र रखी जाएगी. यह चीन के लिए आयोजन को अनुसूचित और आयोजित करने और इस बात पर ज़ोर देने के लिए एक महत्वपूर्ण होगा कि बीआरआई कई चुनौतियों के बावजूद अपना आकर्षण बनाए हुए है और इसे व्यापक समर्थन प्राप्त है.

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार और टैरिफ घर्षण विकसित होना शुरू हो गया था और बीआरआई परियोजनाओं की आलोचना- वित्तीय शर्तों, ऋण, स्थानीय भागीदारी और प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभावों से संबंधित पहलुओं पर- बढ़ने लगी थी.

चीन के लिए, बीआरआई इतना महत्वपूर्ण है कि वह इसे अपनी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में कम किए जाने की अनुमति नहीं दे सकता. परियोजनाओं की संख्या और निवेश की राशि में कुछ कटौती होने की संभावना है और चीन जांच-पड़ताल को बढ़ाकर और निरीक्षण के साथ विदेशों में छोटी परियोजनाओं को ले सकता है. हालांकि, चीन को बीआरआई को एक सफल कहानी के रूप में पेश करना ही होगा जिसकी निरंतरता पूरी वैश्विक समुदाय के हित में है. तीसरा बीआरएफ़ तभी आगे बढ़ेगा जब चीन एक सफल कार्यक्रम के प्रति आश्वस्त हो और एक ऐसी योजना और कहानी सामने लाने में सक्षम हो जो एक बहुत ही महत्वपूर्ण मोड़ पर कुछ बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए इसके संकल्प और क्षमता को प्रदर्शित करती हो.

The views expressed above belong to the author(s). ORF research and analyses now available on Telegram! Click here to access our curated content — blogs, longforms and interviews.