वैसे तो मेलानेशिया के चार देश चीन की आर्थिक ताकत को स्वीकार करते हैं लेकिन ये देश अपने क्षेत्रीय मामलों में खुलकर चीन को शामिल करने के राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर के बारे में भी विचार करते हैं.
साउथ पैसिफिक क्षेत्र में सामरिक गठबंधन और आर्थिक संबंधों में 2018 से महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं जब चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) ने इस क्षेत्र को सेंट्रल मेरिटाइम कॉरिडोर (केंद्रीय समुद्री गलियारा) घोषित किया. पिछले कुछ वर्षों में चीन का निवेश, कर्ज़ और कूटनीतिक मौजूदगी इस इलाक़े में बढ़ गई है. मौजूदा समय में चीन ब्लू पैसिफिक महादेश (प्रशांत महासागर क्षेत्र) का सबसे महत्वपूर्ण कर्ज़दाता और दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है. लेकिन इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी के साथ अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम (UK), फ्रांस और क्षेत्रीय ताकतों- ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड- ने भी यहां अपनी भागीदारी बढ़ा दी है. महत्वपूर्ण नौवहन मार्गों (शिपिंग लेन्स), इस्तेमाल नहीं किए गए समुद्री अर्थव्यवस्था (ब्लू इकोनॉमी) के संसाधनों और खनिज स्रोतों ने ब्लू पैसिफिक महादेश की तरफ दुनिया का ध्यान फिर से खींचा है.
इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी के साथ अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम (UK), फ्रांस और क्षेत्रीय ताकतों- ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड- ने भी यहां अपनी भागीदारी बढ़ा दी है.
चित्र 1: मेलानेशियाकाक्षेत्र
पर्याप्त आर्थिक विकास के लिए इस क्षेत्र को 2035 तक हर साल 15 अरब अमेरिकी डॉलर की दरकार है. इसी को पूरा करने के लिए चीन ने यहां कदम रखा है. पश्चिमी देश इस क्षेत्र में चीन की तरफ से आर्थिक मदद के पैकेज और कर्ज़ का मुकाबला करने में नाकाम रहे हैं. ये चीन के लिए फायदेमंद साबित हुआ है जो कि क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए ज़रूरी वित्तीय कमी का समाधान कर रहा है.
तालिका 1:मेलानेशियामेंचीनकाकर्ज़
चीन की सरकारी एजेंसियों ने 2017-22 के बीच मेलानेशिया की सरकारों को करीब 5 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज़ दिया है. पापुआ न्यू गिनी (PNG), फिजी, सोलोमन आइलैंड्स और वानूआतू- इन चार देशों में कुल विदेशी कर्ज़ में चीन का कर्ज़ औसतन 35 प्रतिशत है. इसके बदले में चीन कूटनीतिक वफादारी की उम्मीद करता है और पैसिफिक आइलैंड के देशों (PIC) में ख़ुद के लिए भू-आर्थिक फायदों की स्थिति बनाता है. ये लेख साउथ पैसिफिक में चीन की चेकबुक डिप्लोमेसी (कूटनीतिक समर्थन हासिल करने के लिए आर्थिक मदद और निवेश का इस्तेमाल) के सामरिक और भू-आर्थिक नतीजों की पड़ताल करता है. इसके लिए लेख में ऊपर बताए गए मेलानेशिया के देशों पर ध्यान दिया गया है जो कि इस क्षेत्र में सबसे ज़्यादा संसाधनों से सघन द्वीप हैं और जहां चीन ने सबसे ज़्यादा निवेश किया है.
मेलानेशियाकेदेशोंमेंचीनकानिवेशऔरकर्ज़
जैसाकिनीचेदीगईतालिका 2 मेंज़िक्रकियागयाहै, 2016 से 2022 के बीच चीन ने मेलानेशिया क्षेत्र में लगभग 7.01 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है. पापुआ न्यू गिनी (PNG) में चीन के एग्ज़िम बैंक (निर्यात-आयात बैंक) ने देश के पहले क्रॉस-कंट्री रोड नेटवर्क (पूरे देश में फैली सड़कों का जाल) को बनाने के लिए यहां की सरकार को 3.25 अरब अमेरिकी डॉलर का ऋण दिया. दोनों देशों की सरकारों के बीच 2017 में एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किया गया और 2018 में काम शुरू हुआ. इसके अलावा, PNG में चीन के फंड वाले 15 प्रोजेक्ट में से, जिनकी लागत 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर से ज़्यादा है, आठ ऊर्जा के बुनियादी ढांचे और परिवहन क्षेत्र के हैं जो कि किसी भी अर्थव्यवस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं. PNG में चीन के निवेश में 2018 के बाद और भी तेज़ी आई जब प्रधानमंत्री पीटर ओ’नील ने चीन का दौरा किया और संकल्प लिया कि वो PNG की विकास रणनीतिक योजना 2010-2030 का तालमेल BRI और चीन की 13वीं पंचवर्षीय योजना (2016-20) के साथ करेंगे. जैसा कि तालिका 1 और 2 में बताया गया है, PNG में चीन का निवेश और कर्ज़ सबसे ज़्यादा हुआ है. ये रक़म क्रमश 4.8 अरब अमेरिकी डॉलर और 4 अरब अमेरिकी डॉलर है.
तालिका 2:मेलानेशियाकेदेशोंमेंचीनकीबड़ीपरियोजनाएं
हालांकि इस क्षेत्र में चीन की आर्थिक दरियादिली केवल PNG तक सीमित नहीं है. PNG के साथ-साथ फिजी, सोलोमन आइलैंड्स और वानूआतू में भी चीन ने BRI के तहत बहुत ज़्यादा कर्ज और निवेश मुहैया कराया है. चीन ने फिजी में करीब 580 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है जबकि सोलोमन आइलैंड्स में 1150 मिलियन अमेरिकी डॉलर और वानूआतू में 430 मिलियन अमेरिकी डॉलर. सोलोमन आइलैंड्स में चीन ने 3G/4G कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया है और अलग-अलग द्वीपों के समूह से मिलाकर बने सोलोमन आइलैंड्स को जोड़ने के लिए समुद्र के भीतर केबल बिछाया है. इसके अलावा, चीन ने दूसरे महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्रों जैसे कि परिवहन, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे में भी निवेश किया है. चीन ने पैसिफिक आइलैंड गेम्स (PIG) 2023 के लिए भी सोलोमन आइलैंड्स में 226 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है. इस पैसे से 10,000 सीट वाले नेशनल स्टेडियम, पर्यटकों के लिए आवासीय कॉम्प्लेक्स और एक अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर का निर्माण होगा.
ये लेख साउथ पैसिफिक में चीन की चेकबुक डिप्लोमेसी (कूटनीतिक समर्थन हासिल करने के लिए आर्थिक मदद और निवेश का इस्तेमाल) के सामरिक और भू-आर्थिक नतीजों की पड़ताल करता है.
सोलोमन आइलैंड्स में चीन के एम्बेसडर ने इन्हें ‘सोलोमन आइलैंड्स के लोगों के लिए चीन के तोहफे’ के रूप में पेश किया है. फिर भी ये तोहफे कई शर्तों के साथ मिले हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर ये दरियादिली PIG 2023 का मुख्य आकर्षण होंगी और इनके ज़रिए दिखाया जाएगा कि चीन का संरक्षण कितना सक्षम है. इस तरह ये उपहार चीन के लिए एक राजनीतिक हथियार के तौर पर काम करते हैं जो चीन को लेकर इस क्षेत्र की सोच पर असर डाल सकते हैं. इस तरह की सोच इस तथ्य से और मज़बूत होती है कि क्षेत्र में पश्चिमी देशों का निवेश कम हो रहा है. उदाहरण के तौर पर, PIG के लिए चीन की मदद के विपरीत ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ़ 17 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया.
मेलानेशियामेंचीनकीराजनीतिकशासनकलाऔरउसकेनतीजे
इस क्षेत्र में चीन की आर्थिक भागीदारी का मक़सद सिर्फ़ यहां के महत्वपूर्ण समुद्री रास्तों और इस्तेमाल में नहीं लाए गए खनिज संसाधनों को सुरक्षित करना नहीं है बल्कि ये भी है कि चीन के शीर्ष नेतृत्व ने ऐतिहासिक रूप से इस क्षेत्र को चीन के विदेशी सैन्य अभियानों के लिए संभावित अड्डे के तौर पर भी देखा है. इसकी शुरुआत 2001 में हुई जब मेजर जनरल लियू याज़ोउ ने सोलोमन आइलैंड्स को एक ऐसे क्षेत्र के तौर पर स्वीकार किया ‘जहां चीन को अपने समर्थक बलों को विकसित करना चाहिए’. इस लक्ष्य के लिए चीन ने यहां अपनी रणनीति को नए सिरे से तैयार किया है और मेलानेशिया क्षेत्र में प्रभाव, संसाधनों और पहुंच को बढ़ाने के लिए राजनीतिक, आर्थिक एवं सुरक्षा से संबंधित शासन कला का एकीकरण किया है.
मेलानेशिया के देशों के साथ संबंधों को बेहतर करने में चीन के समर्पण का सबूत इस क्षेत्र में राजनयिकों की तैनाती, कर्ज़ एवं निवेश को बढ़ाने और चीन एवं मेलानेशिया के देशों के बीच उच्च-स्तरीय अंतर-सरकारी बैठकों से मिलता है.
इन देशों में चीन ने जो राजनयिक तैनात किए हैं उनमें कुशल आर्थिक सलाहकार शामिल हैं (जैसे कि पापुआ न्यू गिनी में श्यू बिंग, सोलोमन आइलैंड्स में ली केकियांग और फिजी में कियान बो) जिन्होंने पूर्व में चीन के वाणिज्य मंत्रालय में काम किया है. इसके अलावा इस क्षेत्र में 2017 में डिफेंस अताशे (सैन्य विशेषज्ञ) और सुरक्षा सलाहकार के पदों को स्थापित किया गया. इन तैनातियों से मेलानेशिया में चीन की शासन कला के व्यापक इस्तेमाल के ज़रिए चीन को बहुत ज़्यादा लाभ मिला. 2016 से 2022 के बीच ज़ू बिंग की तैनाती के दौरान चीन की कंपनियों ने PNG को एक आर्थिक गढ़ के रूप में स्थापित किया. ज़ू बिंग के कार्यकाल के दौरान PNG में चीन की कंपनियों की मौजूदगी संख्या के मामले में दोगुनी हो गई और ये 2016 के 20 की तुलना में बढ़कर 40 हो गई. इससे भी अधिक, श्यू पापुआ न्यू गिनी के 14 अरब अमेरिकी डॉलर के पूरे विदेशी कर्ज़ के पुनर्गठन (रिस्ट्रक्चर) में चीन की तरफ से मदद करने में अहम रहे. सोलोमन आइलैंड में चीन के पूर्व प्रधानमंत्री ली केचयांग की तैनाती और आर्थिक सहयोग के विस्तार का नतीजा चीन-सोलोमन आइलैंड्स सुरक्षा समझौता 2022 के रूप में निकला. ये इस क्षेत्र में एक अभूतपूर्व सुरक्षा साझेदारी है.
चीन ने फिजी में करीब 580 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है जबकि सोलोमन आइलैंड्स में 1150 मिलियन अमेरिकी डॉलर और वानूआतू में 430 मिलियन अमेरिकी डॉलर. सोलोमन आइलैंड्स में चीन ने 3G/4G कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया है
हालांकि मेलानेशिया में BRI से चीन ने जो सबसे महत्वपूर्ण फायदा हासिल किया वो है ‘वन चाइना’ नीति को लेकर इन देशों की कूटनीतिक वफादारी और प्रतिबद्धता. पापुआ न्यू गिनी और फिजी जहां ऐतिहासिक रूप से मेनलैंड चाइना से जुड़े रहे हैं, वहीं सोलोमन आइलैंड्स और वानूआतू ने ताइवान को मान्यता दी थी. 2018 से 2022 के बीच चीन ने सोलोमन आइलैंड्स को चीन के प्रति अपनी निष्ठा बदलने के लिए मना लिया और वानूआतू को ताइवान के साथ कूटनीतिक संबंध तोड़ने के लिए तैयार कर लिया. इसके बदले चीन ने BRI के ज़रिए दोनों देशों में जमकर निवेश किया. मौजूदा समय में चीन दोनों द्वीपीय देशों में सबसे बड़ा द्विपक्षीय कर्ज़दाता और निवेशक है.
निष्कर्ष
इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते असर को लेकर मेलानेशिया की प्रतिक्रिया स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग हैं. वैसे तो मेलानेशिया के चार देश एक महत्वपूर्ण वित्तीय साझेदार के तौर पर चीन की आर्थिक ताकत को स्वीकार करते हैं लेकिन ये देश (सोलोमन आइलैंड्स को छोड़कर) अपने क्षेत्रीय मामलों में चीन को खुले तौर पर शामिल करने के राष्ट्रीय सुरक्षा नतीजों पर भी विचार करते हैं. यहां तक कि सोलोमन आइलैंड्स, जो कि चीन के साथ ज़्यादा नज़दीकी तौर पर जुड़ा है, भी लगातार कतरा रहा है. मेलानेशिया के देशों ने सामूहिक रूप से चीन के “साझा विकास के विज़न” को भी नामंज़ूर कर दिया. ये एक व्यापक सुरक्षा और आर्थिक साझेदारी थी जिसका प्रस्ताव चीन ने 2022 में दिया था. प्रस्ताव को नामंज़ूर करने के लिए मेलानेशिया के देशों ने चीन के द्वारा प्रस्ताव की योजना से पहले सलाह नहीं करने का हवाला दिया. मेलानेशिया के देशों ने दूसरे पैसिफिक देशों के साथ मिलकर चीन के साथ आर्थिक भागीदारी तेज़ करने की नीति अपनाई है जो चीन के साथ उनके रिश्ते को मज़बूत करती है और क्षेत्र के सुरक्षा हितों एवं मामलों में चीन के दखल को सीमित करती है.
पृथ्वीगुप्ता ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन के स्ट्रैटजिक स्टडीज़ प्रोग्राम में जूनियर फेलो हैं.
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Prithvi works as a Junior Fellow in the Strategic Studies Programme. His research primarily focuses on analysing the geoeconomic and strategic trends in international relations. ...