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भारत अगर अपने संबंध अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ और प्रगाढ़ कर रहा है तो इसका यह मतलब नहीं कि वह रूस को दरकिनार कर देगा
रूस और अमेरिका के संबंध काफी खराब चल रहे हैं, और भारत ही एक ऐसा देश है जो दोनों के बीच एक पुल का काम कर सकता है. भारत यह कैसे करेगा, इसका भी नमूना हमें इस महीने देखने को मिलेगा.
भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों के डर के बावजूद रूस से एंटी मिसाइल सिस्टम एस-400 खरीदा है. ऐसा करके उसने दिखाया कि वह रूस का साथ छोड़ नहीं रहा. भले ही भारत के संबंध अमेरिका के साथ अच्छे बन रहे हों, लेकिन रूस के साथ उसके ऐतिहासिक संबंध हैं.
अफ़गानिस्तान से जो समस्या उभर रही है, उसे लेकर रूस और भारत का आकलन एक जैसा है.
भारत अगर अपने संबंध अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ और प्रगाढ़ कर रहा है तो इसका यह मतलब नहीं कि वह रूस को दरकिनार कर देगा. रूस भी अपनी तरफ से यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि भारत के साथ जो उसके संबंध हैं वह उनको गंभीरता से लेता है. चीन के साथ उसके संबंध भारत की कीमत पर नहीं बढ़ रहे हैं.
यह आर्टिकल नवभारत टाइम्स में प्रकाशित हो चुका है.
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Professor Harsh V. Pant is Vice President – Studies and Foreign Policy at Observer Research Foundation, New Delhi. He is a Professor of International Relations ...
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